पृथ्वी के समस्त राजा उसकी बुद्धिमत्तापूर्ण बातें सुनने के लिए उसके दरबार में आने का प्रयत्न करते थे। यह बुद्धि परमेश्वर ने उसे प्रदान की थी।
दानिय्येल 2:21 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) परमेश्वर ही काल का नियंता और ऋतुओं का परिवर्तनकर्त्ता है। वही राजाओं को सिंहासन पर बैठाता, और वही उनको पदच्युत करता है। परमेश्वर ही बुद्धिमान को बुद्धि और समझदार को समझ देता है। पवित्र बाइबल वह ही समय को बदलता है वह ही वर्ष के ऋतओं को बदलता है। वह ही राजाओं को बदलता है। वही राजाओं को शक्ति देता है और वही छीन लेता है। वही बुद्धि देता है और लोग बुद्धिमान बन जाते हैं। वही लोगों को ज्ञान देता है और लोग ज्ञानी बन जाते हैं। Hindi Holy Bible समयों और ऋतुओं को वही पलटता है; राजाओं का अस्त और उदय भी वही करता है; बुद्धिमानों को बुद्धि और समझ वालों को समझ भी वही देता है; पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) समयों और ऋतुओं को वही बदलता है; राजाओं का अस्त और उदय भी वही करता है; बुद्धिमानों को बुद्धि और समझवालों को समझ भी वही देता है; सरल हिन्दी बाइबल वही हैं, जो समय एवं ऋतुओं को बदलते हैं; वे राजाओं को गद्दी से हटाते और दूसरों को गद्दी पर बैठाते हैं. वे बुद्धिमान को बुद्धि और समझदार को ज्ञान देते हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 समयों और ऋतुओं को वही पलटता है; राजाओं का अस्त और उदय भी वही करता है; बुद्धिमानों को बुद्धि और समझवालों को समझ भी वही देता है; |
पृथ्वी के समस्त राजा उसकी बुद्धिमत्तापूर्ण बातें सुनने के लिए उसके दरबार में आने का प्रयत्न करते थे। यह बुद्धि परमेश्वर ने उसे प्रदान की थी।
राजा के इस न्याय-निर्णय का समाचार सब इस्राएली लोगों ने सुना। वे राजा के प्रति भय से भर गए। उन्होंने देखा कि न्याय करने के लिए परमेश्वर की बुद्धि राजा में निवास करती है।
परमेश्वर ने सुलेमान को असीमित बुद्धि और अपार समझ दी थी। उसने सुलेमान को विस्तृत समुद्र-तट के सदृश विशाल हृदय दिया था।
प्रभु तुझे समझ और बुद्धि प्रदान करे। इस प्रकार जब तेरा प्रभु परमेश्वर तुझे इस्राएली राष्ट्र का शासक नियुक्त करेगा, तब तू उसकी व्यवस्था का पालन कर सके।
इन ग्रन्थों में उसके राज्य का विस्तृत विवरण, उसके शौर्य का वर्णन, और उन सब घटनाओं का उल्लेख हुआ है, जो दाऊद के साथ और इस्राएल देश तथा विश्व के अन्य देशों में घटी थीं।
सम्राट की यह नीति थी कि वह विधि और न्याय-शास्त्र के आचार्यों से परामर्श ले, जो परंपराओं से परिचित थे।
वह राजाओं का अधिकार भंग करता है; वह उनको बन्दी भी बनाता है; और उन्हें कमर में लंगोटी बांधनी पड़ती है!
देख, मैंने उसके साथ दान कुल के अहीसामख के पुत्र ओहोलीआब को नियुक्त किया है। मैंने अन्य बुद्धिमान व्यक्तियों के हृदय भी बुद्धि से भर दिए हैं कि वे उन सब वस्तुओं को बनाएँ जिनकी आज्ञा मैंने तुझे दी है :
परमेश्वर ने इन चार इस्राएली जवानों को सब प्रकार के शास्त्रों और सब प्रकार की विद्याओं को समझने के लिए बुद्धि और प्रवीणता प्रदान की। दानिएल प्रत्येक प्रकार के दिव्य-दर्शन और स्वप्न का अर्थ समझने लगा। उसमें यह समझ आ गई।
फारस देश के सम्राट कुस्रू के राज्य-काल के तीसरे वर्ष में दानिएल को जो बेलतशस्सर भी कहलाते हैं, परमेश्वर की ओर से एक वाक्य सुनाया गया, और यह वाक्य सच था, और वाक्य का सम्बन्ध एक बड़े संघर्ष से था। दानिएल ने वाक्य का अर्थ समझ लिया। उनमें दर्शन को समझने की सामर्थ्य थी।
कुछ वर्ष के पश्चात् वे परस्पर सन्धि करेंगे। उनमें रोटी-बेटी का सम्बन्ध स्थापित होगा। सम्बन्ध स्थापित करने के लिए दक्षिण देश का राजा अपनी कन्या का विवाह उत्तर देश के राजा से करेगा। किन्तु वहां उसकी पुत्री की शक्ति सदा बनी नहीं रहेगी और उसके वंशज टिक नहीं पाएंगे। उसकी पुत्री, पुत्री की सेविकाएँ, उसका नाती और उसकी पुत्री को संकट-काल में शक्ति देनेवाला, ये सब मौत के घाट उतार दिए जाएंगे।
‘हे परमेश्वर, मेरे पूर्वजों के परमेश्वर, मैं तुझे धन्यवाद देता, और तेरी स्तुति करता हूं। तूने ही मुझे बुद्धि और बल प्रदान किया है; और अब तूने उस रहस्य को हम पर प्रकट किया, जो हमने तुझ से मांगा था; तूने हमें राजा का स्वप्न बता दिया।’
कि यदि तुम मेरा स्वप्न मुझे नहीं बताओगे, तो तुम्हारे लिए प्राणदण्ड निश्चित् है। तुम परस्पर इस बात में एकमत हो गए हो कि उस समय तक तुम मुझसे झूठ बोलो, मुझे झूठे उत्तर दो जब तक मेरा ध्यान न बंट जाए। इसलिए अब तुरन्त मुझे मेरा स्वप्न बताओ जिससे मुझे मालूम हो जाए कि तुम मुझे उसका अर्थ भी बता सकोगे।’
उसने उच्च स्वर में पुकारा, और यह कहा, “इस वृक्ष को काट डालो, और इसकी शाखाओं को छांट दो। इसकी पत्तियों को झड़ा दो, और इसके फल बिखेर दो। इसकी छांव में बैठे हुए वनपशुओं को भगा दो। इसकी शाखाओं में बसेरा करनेवाले पक्षियों को उड़ा दो।
‘यह दण्ड प्रहरियों के आदेश के अनुसार दिया गया। यह निर्णय पवित्र दूतों के वचन के अनुरूप है। यह इसलिए दिया गया कि जीव-लोक के प्राणी जान लें कि सर्वोच्च परमेश्वर मनुष्यों के राज्य पर शासन करता है, और वह जिस को चाहता है, उसको यह राज्य देता है, और उस पर शासन करने के लिए छोटे-से-छोटे मनुष्य को भी नियुक्त करता है।’
वह वृक्ष आप हैं, महाराज! आप ही बढ़कर शक्तिशाली हो गए हैं। आपकी महानता बढ़कर आकाश को छूने लगी है। आपका राज्य पृथ्वी के छोरों तक पहुंच गया है।
तू मनुष्य-समाज के बीच से निकाल दिया जाएगा, और तुझको वन-पशुओं के साथ रहना पड़ेगा। तू बैल के समान घास चरेगा। सात वर्ष तक तेरी यही दशा रहेगी। उसके बाद ही तुझको अनुभव होगा कि सर्वोच्च परमेश्वर ही मनुष्यों के राज्य पर शासन करता है, और वह जिसको चाहता है, उसको यह राज्य दे देता है।”
यह राजा सर्वोच्च परमेश्वर की निन्दा करेगा, और उसके भक्तों को पीस डालेगा। यह निर्धारित पर्व-कालों और विधि-विधानों को बदलने का प्रयत्न करेगा; सर्वोच्च परमेश्वर के भक्त साढ़े तीन वर्ष तक इसके हाथ में सौंप दिए जाएंगे।
क्योंकि मैं तुम्हें ऐसी वाणी और बुद्धि प्रदान करूँगा, जिसका सामना अथवा खण्डन तुम्हारा कोई विरोधी नहीं कर सकेगा।
प्रत्येक व्यक्ति शासन के अधिकारियों के अधीन रहे, क्योंकि परमेश्वर की अनुमति से ही अधिकार दिया जाता है और वर्तमान अधिकारों की व्यवस्था परमेश्वर की ओर से है।
उसी परमेश्वर के वरदान से आप लोग येशु मसीह के अंग बन गये हैं। परमेश्वर ने मसीह को हमारा ज्ञान, धार्मिकता, पवित्रता और पापमुक्ति बना दिया है।
सभी उत्तम दान और सभी पूर्ण वरदान ऊपर के हैं और नक्षत्रों के उस सृष्टिकर्ता पिता के यहाँ से उतरते हैं, जिस में न तो कोई परिवर्तन है और न परिक्रमा के कारण कोई अन्धकार।
यदि आप लोगों में से किसी में बुद्धि का अभाव हो, तो वह परमेश्वर से प्रार्थना करे और उसे बुद्धि मिलेगी; क्योंकि परमेश्वर खुले हाथ और खुशी से सब को देता है।