एस्तेर 1:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)13 सम्राट की यह नीति थी कि वह विधि और न्याय-शास्त्र के आचार्यों से परामर्श ले, जो परंपराओं से परिचित थे। अध्याय देखेंपवित्र बाइबल13-14 यह एक परम्परा थी कि राजा को नियमों और दण्ड के बारे में विद्वानों की सलाह लेनी होती थी। सो महाराजा क्षयर्ष ने नियम को समझने वाले बुद्धिमान पुरुषों से बातचीत की। ये ज्ञानी पुरुष महाराजा के बहुत निकट थे। इनके नाम थे: कर्शना, शेतार, अदमाता, तर्शीश, मेरेस, मर्सना और ममूकान। ये सातों फारस और मादै के बहुत महत्वपूर्ण अधिकारी हुआ करते थे। इनके पास राजा से मिलने का विशेष अधिकार था। राज्य में ये अत्यन्त उच्च अधिकारी थे। अध्याय देखेंHindi Holy Bible13 तब राजा ने समय समय का भेद जानने वाले पणिडतों से पुछा (राजा तो नीति और न्याय के सब ज्ञानियों से ऐसा ही किया करता था। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)13 तब राजा ने समय समय का भेद जाननेवाले पण्डितों से पूछा—राजा तो नीति और न्याय के सब ज्ञानियों से ऐसा ही किया करता था। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल13 तब राजा अपने समय के अनुसार अपने उन ज्ञानियों से बोला जो न्यायशास्त्र एवं नियम के विशेषज्ञ थे अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 201913 तब राजा ने समय-समय का भेद जाननेवाले पंडितों से पूछा (राजा तो नीति और न्याय के सब ज्ञानियों से ऐसा ही किया करता था। अध्याय देखें |
उसने उच्च स्वर में आदेश दिया कि तांत्रिक, कसदी पंडित और शकुन विचारनेवाले उसके सम्मुख प्रस्तुत किए जाएं। तांत्रिक, कसदी पंडित और शकुन विचारने वाले आए। राजा ने बेबीलोन के इन ज्ञानियों से कहा, “जो व्यक्ति दीवार के इस लेख को पढ़ लेगा, और उसका अर्थ मुझे बताएगा, मैं उसको राजसी वस्त्र से विभूषित करूंगा। उसके गले में सोने की माला डालूंगा, और वह मेरे राज्य का तीसरा प्रमुख शासक होगा।’