दानिय्येल 7:25 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)25 यह राजा सर्वोच्च परमेश्वर की निन्दा करेगा, और उसके भक्तों को पीस डालेगा। यह निर्धारित पर्व-कालों और विधि-विधानों को बदलने का प्रयत्न करेगा; सर्वोच्च परमेश्वर के भक्त साढ़े तीन वर्ष तक इसके हाथ में सौंप दिए जाएंगे। अध्याय देखेंपवित्र बाइबल25 यह विशेष राजा परम प्रधान परमेश्वर के विरूद्ध बातें करेगा तथा वह राजा परमेश्वर के पवित्र लोगो को हानि पहुँचायेगा और उनका वध करेगा। जो पवित्र उत्सव और जो नियम इस समय प्रचलन में है, वह राजा उन्हे बदलने का जतन करेगा। परमेश्वर के पवित्र लोग साढ़े तीन साल तक उस राजा की शक्ति के अधीन रहेंगे। अध्याय देखेंHindi Holy Bible25 और वह परमप्रधान के विरुद्ध बातें कहेगा, और परमप्रधान के पवित्र लोगों को पीस डालेगा, और समयों और व्यवस्था के बदल देने की आशा करेगा, वरन साढ़े तीन काल तक वे सब उसके वश में कर दिए जाएंगे। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)25 और वह परमप्रधान के विरुद्ध बातें कहेगा, और परमप्रधान के पवित्र लोगों को पीस डालेगा, और समयों और व्यवस्था के बदल देने की आशा करेगा, वरन् साढ़े तीन काल तक वे सब उसके वश में कर दिए जाएँगे। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल25 वह सर्वोच्च परमेश्वर के विरुद्ध बोलेगा और उसके पवित्र लोगों को सताएगा और ठहराए गये समयों और कानूनों को बदलने की कोशिश करेगा. पवित्र लोग एक समय, समयों और आधा समय के लिए उसके अधीन कर दिए जाएंगे. अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 201925 और वह परमप्रधान के विरुद्ध बातें कहेगा, और परमप्रधान के पवित्र लोगों को पीस डालेगा, और समयों और व्यवस्था के बदल देने की आशा करेगा, वरन् साढ़े तीन काल तक वे सब उसके वश में कर दिए जाएँगे। (प्रका. 13:6, 7) अध्याय देखें |
‘यह दण्ड प्रहरियों के आदेश के अनुसार दिया गया। यह निर्णय पवित्र दूतों के वचन के अनुरूप है। यह इसलिए दिया गया कि जीव-लोक के प्राणी जान लें कि सर्वोच्च परमेश्वर मनुष्यों के राज्य पर शासन करता है, और वह जिस को चाहता है, उसको यह राज्य देता है, और उस पर शासन करने के लिए छोटे-से-छोटे मनुष्य को भी नियुक्त करता है।’
आप मनुष्य-समाज के बीच से निकाल दिए जाएंगे, और आपको वन-पशुओं के साथ रहना पड़ेगा। आप बैल के समान घास चरेंगे, और आकाश की ओस में भीगा करेंगे। सात वर्ष तक आपकी यही दशा रहेगी। उसके बाद आपको अनुभव होगा कि सर्वोच्च परमेश्वर ही मनुष्यों के राज्य पर शासन करता है, और वह जिसको चाहता है, उसको यह राज्य दे देता है।
“अगुआ अनेक लोगों के साथ पक्की सन्धि करेगा। इस सन्धि की अवधि वर्षों के एक सप्ताह की होगी और इन वर्षों के आधे सप्ताह तक अगुआ पशुबलि और अन्नबलि चढ़ाना बन्द करा देगा। तब घृणित मूर्तिपूजा के छा जाने से वह अगुआ विनाशक सिद्ध होगा। वह उस समय तक विनाश करता रहेगा जब तक उसके अन्त का निश्चित समय न आएगा।” ’