हमारे झण्डे हमें नहीं दिखाई देते; अब कोई नबी नहीं रहा; हमारे मध्य कोई नहीं जानता कि हमारी यह दशा कब तक रहेगी।
दानिय्येल 12:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैंने नदी के जल के ऊपर खड़े तथा सन के वस्त्र पहिने हुए व्यक्ति से पूछा, “इन आश्चर्यपूर्ण कार्यों के घटित होने में कितना समय शेष है?” पवित्र बाइबल वह व्यक्ति जिसने सन के कपड़े पहन रखे थे, नदी में पानी के बहाव के विरूद्ध खड़ा था। उन दोनों में से किसी एक ने उससे पूछा, “इन आश्चर्यपूर्ण बातों को समाप्त होने में अभी कितना समय लगेगा” Hindi Holy Bible तब जो पुरूष सन का वस्त्र पहिने हुए नदी के जल के ऊपर था, उस से उन पुरूषों में से एक ने पूछा, इन आश्चर्यकर्मों का अन्त कब तक होगा? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब जो पुरुष सन का वस्त्र पहिने हुए नदी के जल के ऊपर था, उस से उन पुरुषों में से एक ने पूछा, “इन आश्चर्य कर्मों का अन्त कब तक होगा?” सरल हिन्दी बाइबल उनमें से एक ने मलमल कपड़े पहने उस व्यक्ति से कहा, जो नदी के पानी के ऊपर था, “इसके पहले कि ये अचंभित करनेवाली बातें पूरी हों, और कितना समय लगेगा?” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब जो पुरुष सन का वस्त्र पहने हुए नदी के जल के ऊपर था, उससे उन पुरुषों में से एक ने पूछा, “इन आश्चर्यकर्मों का अन्त कब तक होगा?” |
हमारे झण्डे हमें नहीं दिखाई देते; अब कोई नबी नहीं रहा; हमारे मध्य कोई नहीं जानता कि हमारी यह दशा कब तक रहेगी।
उसी क्षण उत्तर दिशा के उपरले दरवाजे की ओर से छ: जल्लाद निकले। वध करने के लिए हर एक के हाथ में एक घातक हथियार था। उसके साथ एक लिपिक भी था। वह सूती वस्त्र पहिने था, और उसकी कमर में कलम-दवात लटक रही थी। जल्लाद भीतर गए, और पीतल की वेदी के बाजू में खड़े हो गए।
‘जब मैं–दानिएल ने ऊपर देखा, तो मुझे और दो व्यक्ति दिखाई दिए। एक व्यक्ति नदी के इस पार खड़ा था और दूसरा व्यक्ति नदी के उस पार।
मैंने उसकी यह बात सुनी किन्तु मैं नहीं समझा। अत: मैंने उससे फिर पूछा, “मेरे स्वामी, इन बातों का अन्तिम परिणाम क्या होगा?”
“तब मैंने एक भक्त को बोलते हुए सुना। एक और भक्त इस बोलनेवाले भक्त से पूछ रहा था, “नित्य अग्निबलि और विध्वंसकारी अधर्म के विषय में जो दर्शन दिखाया गया है वह कब पूरा होगा? पवित्र स्थान के तोड़-फोड़ तथा स्वर्ग की सेना के तारागणों का रौंदा जाना कब तक होता रहेगा?”
मैंने किसी मनुष्य की वाणी सुनी। वह ऊलै नदी के दोनों तटों के मध्य में से निकली थी। उस वाणी ने उच्च स्वर में कहा, “ओ गब्रिएल इस मनुष्य को दर्शन का अर्थ समझा दे।”
जब येशु जैतून पहाड़ पर बैठे थे, तब शिष्य एकान्त में उनके पास आए और बोले, “हमें बताइए, यह कब होगा? आपके आगमन और युग के अन्त का चिह्न क्या होगा?”
इस तरह, अब कलीसिया के माध्यम से स्वर्गिक क्षेत्र के अधिपतियों एवं अधिकारियों पर भी परमेश्वर की बहुविध प्रज्ञ का ज्ञान प्रकट होगा।
उन पर प्रकट किया गया था कि जब वे सन्देश सुनाते थे, तब वे अपने लिए नहीं, बल्कि आप लोगों के हित के लिए सेवा करते थे। अब शुभसमाचार के प्रचारक, स्वर्ग से भेजे हुए पवित्र आत्मा की प्रेरणा से, आप लोगों को वही सन्देश सुनाते हैं। स्वर्गदूत भी इन बातों की पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए उत्सुक हैं।
उस मन्दिर में से सात विपत्तियाँ लिये सात स्वर्गदूत निकले। वे स्वच्छ और उज्ज्वल छालटी पहने थे और उनके वक्षस्थल पर स्वर्ण मेखलाएँ बाँधी हुई थीं।
स्वर्ग की सेनाएँ, सफेद एवं स्वच्छ मलमल पहने और सफेद घोड़ों पर सवार हो कर, उसके पीछे-पीछे चलती हैं।
वे ऊंचे स्वर में यह कहते हुए पुकार रहे थे : “परमपावन एवं सत्यप्रतिज्ञ स्वामी! आप न्याय करने में और पृथ्वी के निवासियों को हमारे रक्त का बदला चुकाने में कब तक देर करेंगे?”