1 पतरस 1:12 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)12 उन पर प्रकट किया गया था कि जब वे सन्देश सुनाते थे, तब वे अपने लिए नहीं, बल्कि आप लोगों के हित के लिए सेवा करते थे। अब शुभसमाचार के प्रचारक, स्वर्ग से भेजे हुए पवित्र आत्मा की प्रेरणा से, आप लोगों को वही सन्देश सुनाते हैं। स्वर्गदूत भी इन बातों की पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए उत्सुक हैं। अध्याय देखेंपवित्र बाइबल12 उन्हें यह दर्शा दिया गया था कि उन बातों का प्रवचन करते हुए वे स्वयं अपनी सेवा नहीं कर रहे थे बल्कि तुम्हारी कर रहे थे। वे बातें स्वर्ग से भेजे गए पवित्र आत्मा के द्वारा तुम्हें सुसमाचार का उपदेश देने वालों के माध्यम से बता दी गई थीं। और उन बातों को जानने के लिए तो स्वर्गदूत तक तरसते हैं। अध्याय देखेंHindi Holy Bible12 उन पर यह प्रगट किया गया, कि वे अपनी नहीं वरन तुम्हारी सेवा के लिये ये बातें कहा करते थे, जिन का समाचार अब तुम्हें उन के द्वारा मिला जिन्हों ने पवित्र आत्मा के द्वारा जो स्वर्ग से भेजा गया: तुम्हें सुसमाचार सुनाया, और इन बातों को स्वर्गदूत भी ध्यान से देखने की लालसा रखते हैं॥ अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)12 उन पर यह प्रगट किया गया कि वे अपनी नहीं वरन् तुम्हारी सेवा के लिये ये बातें कहा करते थे, जिनका समाचार अब तुम्हें उनके द्वारा मिला जिन्होंने पवित्र आत्मा के द्वारा, जो स्वर्ग से भेजा गया, तुम्हें सुसमाचार सुनाया; और इन बातों को स्वर्गदूत भी ध्यान से देखने की लालसा रखते हैं। अध्याय देखेंनवीन हिंदी बाइबल12 उन पर यह प्रकट किया गया था कि वे इन बातों में अपनी नहीं बल्कि तुम्हारी सेवा कर रहे हैं। ये बातें अब तुम्हें उनके द्वारा बताई गईं, जिन्होंने स्वर्ग से भेजे गए पवित्र आत्मा के द्वारा तुम्हें सुसमाचार सुनाया था। स्वर्गदूत भी इन बातों को देखने की लालसा करते हैं। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल12 उन पर यह प्रकट कर दिया गया था कि यह सब उनकी अपनी सेवा में, उन्ही के जीवनकाल में नहीं, परंतु वर्षों बाद तुम्हारे जीवनकाल में सम्पन्न होगा. अब तुम तक यही ईश्वरीय सुसमाचार उनके द्वारा लाया गया है, जिन्होंने स्वर्ग से भेजे गए पवित्र आत्मा द्वारा प्रचार क्षमता प्राप्त की थी. स्वर्गदूत तक इनकी एक झलक पाने के लिए लालायित रहते हैं. अध्याय देखें |
“तेरी कौम और तेरे पवित्र नगर के लिए वर्षों के सत्तर सप्ताह निश्चित किए गए हैं। इन वर्षों के व्यतीत होने में सब प्रकार के अपराध समाप्त हो जाएँगे, पाप का अन्त हो जाएगा, अधर्म का प्रायश्चित कराया जाएगा, धार्मिकता शाश्वत बना दी जाएगी, दर्शन और नबूवत सत्य प्रमाणित होगी और “परम पवित्र’ को अभ्यंजित किया जाएगा।