दानिय्येल 8:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)13 “तब मैंने एक भक्त को बोलते हुए सुना। एक और भक्त इस बोलनेवाले भक्त से पूछ रहा था, “नित्य अग्निबलि और विध्वंसकारी अधर्म के विषय में जो दर्शन दिखाया गया है वह कब पूरा होगा? पवित्र स्थान के तोड़-फोड़ तथा स्वर्ग की सेना के तारागणों का रौंदा जाना कब तक होता रहेगा?” अध्याय देखेंपवित्र बाइबल13 फिर मैंने किसी पवित्र जन को बोलते सुना और उसके बाद मैंने सुना कि कोई दूसरा पवित्र जन उस पहले पवित्र जन को उत्तर दे रहा है। पहले पवित्र जन ने कहा, “यह दर्शन दर्शाता है कि दैनिक बलियों का क्या होगा यह उस भयानक पाप के विषय में है जो विनाश कर डालता है। यह दर्शाता है कि जब लोग उस शासक के पूजास्थल को तोड़ डालेंगे तब क्या होगा यह दर्शन दर्शाता है कि जब लोग उस समूचे स्थान को पैर तले रौंदेंगे तब क्या होगा। यह दर्शन दर्शाता है कि जब लोग तारों के ऊपर पैर धरेंगे तब क्या होगा किन्तु यह बातें कब तक होती रहेंगी” अध्याय देखेंHindi Holy Bible13 तब मैं ने एक पवित्र जन को बोलते सुना; फिर एक और पवित्र जन ने उस पहिले बोलने वाले अपराध के विषय में जो कुछ दर्शन देखा गया, वह कब तक फलता रहेगा; अर्थात पवित्र स्थान और सेना दोनों को रौंदा जाना कब तक होता रहेगा? अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)13 तब मैं ने एक पवित्र जन को बोलते सुना; फिर एक और पवित्र जन ने उस पहले बोलनेवाले से पूछा, “नित्य होमबलि और उजड़वानेवाले अपराध के विषय में जो कुछ दर्शन देखा गया, वह कब तक फलता रहेगा; अर्थात् पवित्रस्थान और सेना दोनों का रौंदा जाना कब तक होता रहेगा?” अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल13 तब मैंने एक पवित्र जन को बोलते सुना, फिर एक दूसरे पवित्र जन ने पहले वाले से कहा, “दर्शन को पूरा होने में कितना समय लगेगा—वह दर्शन जिसमें प्रतिदिन के बलिदान, विद्रोह जो उजाड़ का कारण बनता है, पवित्र स्थान का समर्पण, और याहवेह के लोगों का पांव तले रौंदा जाना दिखाया गया है?” अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 201913 तब मैंने एक पवित्र जन को बोलते सुना; फिर एक और पवित्र जन ने उस पहले बोलनेवाले से पूछा, “नित्य होमबलि और उजड़वानेवाले अपराध के विषय में जो कुछ दर्शन देखा गया, वह कब तक फलता रहेगा; अर्थात् पवित्रस्थान और सेना दोनों का रौंदा जाना कब तक होता रहेगा?” (प्रका. 11:2) अध्याय देखें |
“महाराज, जो पवित्र प्रहरी आपने देखा, जो स्वर्ग से नीचे उतरा और जिसने उच्च स्वर में यह कहा कि ‘इस वृक्ष को काट कर नष्ट कर दो, पर भूमि पर इसके तने को छोड़ दो, और इसकी जड़ मत उखाड़ो। किन्तु तने को लोहे और पीतल की जंजीरों से बांधो, और उसको मैदान में हरी घास के बीच छोड़ दो, ताकि वह आकाश की ओस से सींचा जाए, और वन-पशु की तरह वह भूमि की घास खाए। वह सात वर्ष तक इसी दशा में रहे’,
“अगुआ अनेक लोगों के साथ पक्की सन्धि करेगा। इस सन्धि की अवधि वर्षों के एक सप्ताह की होगी और इन वर्षों के आधे सप्ताह तक अगुआ पशुबलि और अन्नबलि चढ़ाना बन्द करा देगा। तब घृणित मूर्तिपूजा के छा जाने से वह अगुआ विनाशक सिद्ध होगा। वह उस समय तक विनाश करता रहेगा जब तक उसके अन्त का निश्चित समय न आएगा।” ’