मैं अपना काला मुँह लेकर कहाँ जाऊंगी? तू इस्राएली राष्ट्र में मूर्ख व्यक्ति माना जाएगा। तू कृपाकर, महाराज से बात कर। वह मुझे तेरे हाथ में सौंपना अस्वीकार नहीं करेंगे।’
जकर्याह 9:11 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) प्रभु कहता है : ‘मैंने तुझ से रक्त के द्वारा विधान का संबंध स्थापित किया है : अत: मैं तेरे बन्दियों को अन्धे कुंओं से मुक्त करूंगा। पवित्र बाइबल यरूशलेम हमने अपनी वाचा को खून से मुहरबन्द किया अत: मैने तम्हारे बन्दियों को स्वतन्त्र कर दिया, तम्हारे लोग उस सूने बन्दिगृह में अब नहीं रह गए हैं। Hindi Holy Bible और तू भी सुन, क्योंकि मेरी वाचा के लोहू के कारण, मैं ने तेरे बन्दियों को बिना जल के गड़हे में से उबार लिया है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तू भी सुन, क्योंकि मेरी वाचा के लहू के कारण, मैं ने तेरे बन्दियों को बिना जल के गड़हे में से उबार लिया है। सरल हिन्दी बाइबल जहां तक तुम्हारा संबंध है, तुम्हारे साथ मेरी वाचा के लहू के कारण, मैं तुम्हारे कैदियों को उस जलहीन गड्ढे से बाहर निकाल लूंगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तू भी सुन, क्योंकि मेरी वाचा के लहू के कारण, मैंने तेरे बन्दियों को बिना जल के गड्ढे में से उबार लिया है। (मत्ती 26:28, निर्ग. 24:8, 1 कुरि. 11:25) |
मैं अपना काला मुँह लेकर कहाँ जाऊंगी? तू इस्राएली राष्ट्र में मूर्ख व्यक्ति माना जाएगा। तू कृपाकर, महाराज से बात कर। वह मुझे तेरे हाथ में सौंपना अस्वीकार नहीं करेंगे।’
जैसे तेरा पिता दाऊद सच्चे और निष्कपट हृदय से मेरे सम्मुख चलता था, वैसे ही यदि तू चलेगा, मेरी आज्ञाओं, संविधियों और न्याय-सिद्धान्तों का पालन करेगा
ताकि वह मनुष्य के प्राण को कबर से वापस ले आए और मनुष्य जीवन की ज्योति से ज्योतिर्मय हो जाए।
प्रभु तूने मेरे प्राण को मृतक-लोक से बाहर निकाला। तूने मुझे जीवित रखा कि मैं फिर अधोलोक में न जाऊं।
प्रभु ने मुझे अंध-कूप से, कीच-दलदल से ऊपर खींचा है; उसने मेरे पैर चट्टान पर दृढ़ किए हैं; मेरे कदमों को स्थिर किया है।
मूसा ने रक्त लिया और उसको लोगों पर छिड़ककर उनसे कहा, ‘देखो, यह उस विधान का रक्त है, जिसे प्रभु ने इन सब वचनों के आधार पर तुम्हारे साथ स्थापित किया है।’
वे अधोलोक के गड्ढे में बन्दी के रूप में एकत्र होंगे। वे बन्दीगृह में अनेक दिन तक बन्द रहेंगे। तत्पश्चात् उनको दण्ड दिया जाएगा।
पर वे लोग लुटे हुए हैं, वे सबके सब मांदों में फंस गए हैं, वे बन्दीगृह में दुबके बैठे हैं। वे शिकार हो गए, उनको छुड़ानेवाला कोई नहीं है। वे ऐसी लूट हैं, जिनको कोई वापस नहीं करता!
ताकि तू अंधी आंखों को दृष्टि प्रदान करे, बन्दियों को बन्दीगृह से बाहर निकाले, कारागार के अंधकार में बैठे हुओं को बाहर प्रकाश में लाए।
तू बन्दियों को यह सन्देश सुनाए, “बाहर निकलो” ; जो अन्धकार में बैठे हैं उनसे यह कहे, “अन्धकार से प्रकाश में आओ।” वे भेड़ों के समान स्वदेश लौटते समय मार्ग के किनारे चरेंगे; मुण्डे पठारों पर भी उन्हें चारा मिलेगा।
‘बन्दी, जो जंजीर के भार से दबा है, अविलम्ब मुक्त होगा। वह मरेगा नहीं, और न “मृत्यु के गड्ढे” में फेंका जाएगा। उसे भोजन का अभाव भी न होगा;
तेरे नगर के प्राचीन खण्डहरों का पुन: निर्माण होगा, जो नींव अनेक वर्षों से उजाड़ पड़ी थी, तू उसको फिर उठाएगा, तू दरारों को भरनेवाला, और घरों में निवास के हेतु गलियों को सुधारनेवाला कहलाएगा।
प्रभु का आत्मा मुझ पर है; क्योंकि उसने पीड़ित व्यक्तियों को शुभ-सन्देश सुनाने के लिए मेरा अभिषेक किया है; स्वामी प्रभु ने मुझे इस कार्य के लिए भेजा है कि मैं घायल हृदयवालों को स्वस्थ करूं, बन्दियों को स्वतंत्रता का सन्देश सुनाऊं, और जो कारागार में हैं उनके लिए कारागार के द्वार खोल दूं।
अत: उच्चाधिकारियों ने यिर्मयाह को पकड़ा, और रस्सियों से बांध कर राजकुमार मल्कियाह के अंधे-कुंएं में डाल दिया। यह कुआँ राजमहल के पहरे के आंगन में था। उसमें पानी नहीं, बल्कि कीचड़ ही कीचड़ था। यिर्मयाह कीचड़ में धंस गए।
महाराज, जब आप पलंग पर लेटे हुए थे तब आपके मन में यह विचार आया कि भविष्य में क्या होगा। तब सब रहस्यों पर से परदा हटाने वाले परमेश्वर ने भविष्य में घटनेवाली बातों का दृश्य आपको दिखाया।
उसने पुकार कर कहा, ‘पिता अब्राहम! मुझ पर दया कीजिए और लाजर को भेजिए, जिससे वह अपनी उँगली का सिरा पानी में भिगो कर मेरी जीभ को ठंडा करे; क्योंकि मैं इस ज्वाला में तड़प रहा हूँ।’
इसी तरह उन्होंने भोजन के बाद यह कहते हुए कटोरा दिया, “यह कटोरा मेरे रक्त द्वारा स्थापित नया विधान है। यह तुम्हारे लिए बहाया जा रहा है।
“प्रभु का आत्मा मुझ पर है, क्योंकि उसने मेरा अभिषेक किया है कि मैं गरीबों को शुभ-समाचार सुनाऊं, उसने मुझे भेजा है जिससे मैं बन्दियों को मुक्ति का और अन्धों को दृष्टि-प्राप्ति का सन्देश दूँ, मैं दलितों को स्वतन्त्र करूँ
इसी तरह, भोजन के बाद उन्होंने कटोरा लेकर कहा, “यह कटोरा मेरे ही रक्त द्वारा स्थापित नया विधान है। जब-जब तुम उसमें से पियो, तो यह मेरी स्मृति में किया करो।”
परन्तु तू यहाँ मेरे पास खड़ा रह, और मैं तुझको सब आज्ञाएँ, संविधियाँ और न्याय-सिद्धान्त बताऊंगा, जो तू उन्हें सिखाएगा जिससे वे उस देश में, जो मैं उन्हें उस पर अधिकार करने के लिए प्रदान कर रहा हूँ, उनके अनुसार कार्य कर सकें।”
यदि वह इस में समर्थ होती, तो बलि चढ़ाना समाप्त हो जाता; क्योंकि तब आराधक एक ही बार में शुद्ध हो जाते और उन में पाप का बोध नहीं रहता।
तो आप लोग विचार करें कि जो व्यक्ति परमेश्वर के पुत्र का तिरस्कार करता है, विधान के उस रक्त को तुच्छ समझता है जिस के द्वारा वह पवित्र किया गया था, और अनुग्रह के आत्मा का अपमान करता है, तो ऐसा व्यक्ति कितने घोर दण्ड के योग्य समझा जायेगा;
शान्ति का परमेश्वर, जिसने शाश्वत विधान के रक्त द्वारा भेड़ों के महान् चरवाहे, हमारे प्रभु येशु को मृतकों में से पुनर्जीवित किया,
और अगाध गर्त्त में डाल दिया। उसने अगाध गर्त्त बन्द कर उस पर मोहर लगायी, जिससे वह सर्प एक हजार वर्ष पूरे हो जाने तक राष्ट्रों को नहीं बहकाये। इसके बाद थोड़े समय के लिए उसे छोड़ दिया जाना आवश्यक है।