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एस्तेर 9:27 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

यहूदियों ने यह निश्‍चय किया कि वे स्‍वयं, तथा उनके वंशज एवं नवदीिक्षत यहूदी मोरदकय के पत्रानुसार प्रति वर्ष निर्धारित दो दिनों तक पर्व मनाएंगे और पर्व मनाने में कभी नहीं चूकेंगे।

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Hindi Holy Bible

यहूदियों ने अपने अपने लिये और अपनी सन्तान के लिये, और उन सभों के लिये भी जो उन में मिल गए थे यह अटल प्रण किया, कि उस लेख के अनुसार प्रति वर्ष उसके ठहराए हुए समय में वे ये दो दिन मानें।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

यहूदियों ने अपने अपने लिये और अपनी सन्तान के लिये, और उन सभों के लिये भी जो उनमें मिल गए थे यह अटल प्रण किया, कि उस लेख के अनुसार प्रति वर्ष उसके ठहराए हुए समय में वे ये दो दिन मानें;

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सरल हिन्दी बाइबल

यहूदियों ने यह संकल्प लिया, कि वे तथा उनके वंश इन लिखित संदेशों के अनुसार बिना चूक के, प्रति वर्ष इन दो ठहराए हुए दिनों पर यह उत्सव मनाया करेंगे.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

यहूदियों ने अपने-अपने लिये और अपनी सन्तान के लिये, और उन सभी के लिये भी जो उनमें मिल गए थे यह अटल प्रण किया, कि उस लेख के अनुसार प्रतिवर्ष उसके ठहराए हुए समय में वे ये दो दिन मानें।

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एस्तेर 9:27
18 क्रॉस रेफरेंस  

सम्राट क्षयर्ष के अधीन हरएक प्रदेश और प्रत्‍येक नगर में जहाँ-जहाँ राजाज्ञा और आदेश-पत्र पहुंचे, यहूदी आनन्‍द और उल्‍लास से भर गए। उन्‍होंने छुट्टी मनाई और खाना-पीना किया। यहूदियों का डर अन्‍य जातियों पर छा गया, अत: देश के अनेक लोगों ने स्‍वयं को यहूदी घोषित कर दिया।


मोरदकय ने इन घटनाओं का विवरण लिखा, और सम्राट क्षयर्ष के अधीन, दूर और पास के प्रदेशों में रहने वाले सब यहूदियों को पत्र भेज दिए।


उसने उन्‍हें आदेश दिया कि वे प्रति वर्ष अदार महीने के चौदहवें तथा पन्‍द्रहवें दिन उत्‍सव मनाएं;


प्रत्‍येक पीढ़ी में हर एक परिवार में, ये दिन सब देशों और नगरों में स्‍मरण किए जाएंगे, और मनाए जाएंगे। पूरीम के दिन यहूदियों में कभी भुलाए न जाएंगे, और उनके वंशजों में उनका स्‍मरण सदा सुरक्षित रहेगा।


यह इसलिए हुआ कि वे परमेश्‍वर पर आशा रखें; और परमेश्‍वर के कार्यों को न भूलें, किन्‍तु उसकी आज्ञाओं का पालन करतें रहें;


देश-देश के लोग वहाँ जाएंगे और यह कहेंगे : ‘आओ, हम प्रभु के पर्वत पर चढ़ें; आओ, हम याकूब के परमेश्‍वर के भवन की ओर चलें, ताकि प्रभु हमें अपना मार्ग सिखाए, और हम उसके सिखाए हुए मार्ग पर चलें।’ सियोन पर्वत से प्रभु की व्‍यवस्‍था प्रकट होगी, यरूशलेम नगर से ही प्रभु का शब्‍द सुनाई देगा।


जो विदेशी व्यक्‍ति प्रभु का अनुयायी हो गया है, वह यह न कहे : ‘प्रभु निस्‍सन्‍देह, मुझे अपने निज लोगों से अलग करेगा।’ खोजा व्यक्‍ति भी यह न कहे : ‘मैं तो सूखा वृक्ष हूं!’


‘जो विदेशी व्यक्‍ति मुझ-प्रभु के अनुयायी हो गए हैं, जो मेरी सेवा करते हैं, मेरे नाम से प्रेम करते हैं, और मेरे सेवक हैं, जो विश्राम-दिवस का पालन करते हैं और उसको अपवित्र नहीं करते हैं, जो मेरे विधान पर दृढ़ हैं;


तब तुझे अपने बीते हुए दिनों के आचरण का स्‍मरण होगा, और जब तू अपनी बड़ी और छोटी बहिनों को स्‍वीकार करेगी तब तू लज्‍जित होगी। क्‍योंकि मैं उनको तेरी पुत्रियों के रूप में तुझे सौपूंगा; किन्‍तु यह कार्य तेरे बचपन के विधान के कारण नहीं, वरन् शाश्‍वत विधान के कारण करूंगा।


उस दिन अनेक राष्‍ट्र मुझ-प्रभु से मिल जाएंगे, और वे मेरे निज लोग बन जाएंगे। मैं तुम्‍हारे मध्‍य में रहूंगा।’ तब तुम्‍हें ज्ञात होगा कि स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु ने मुझे तुम्‍हारे पास भेजा है।


स्‍वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है : उन दिनों में पृथ्‍वी की भिन्न-भिन्न भाषा बोलनेवाली सब कौमों में से दस-दस व्यक्‍ति एक यहूदी व्यक्‍ति के वस्‍त्र का छोर पकड़कर यह कहेंगे, “हम भी आपके साथ चलेंगे, क्‍योंकि हमने सुना है कि परमेश्‍वर आपके साथ है।” ’


तुम्‍हारी धर्मसभा में तुम्‍हारे लिए तथा तुम्‍हारे मध्‍य निवास करने वाले प्रवासी व्यक्‍ति के लिए एक ही संविधि होगी। यह तुम्‍हारी पीढ़ी से पीढ़ी तक स्‍थायी संविधि होगी। प्रभु की दृष्‍टि में तुम और प्रवासी दोनों समान हैं।


प्रभु ने यह विधान हमारे पूर्वजों के साथ नहीं, वरन् हमारे साथ, हम सबके साथ जो यहाँ हैं और आज तक जीवित हैं, स्‍थापित किया।


यहोशुअ ने उन्‍हें अभयदान दे दिया। उसने उनके साथ सन्‍धि स्‍थापित कर ली कि वे जीवित रह सकेंगे। इस्राएली मंडली के नेताओं ने शपथ खाकर सन्‍धि का अनुमोदन कर दिया।


इस्राएली कन्‍याएँ बाहर जाकर गिलआद निवासी यिफ्‍ताह की पुत्री के लिए वर्ष में चार दिन विलाप करती हैं।


दाऊद ने उस दिन से यह संविधि और नियम बना दिया। वह आज भी इस्राएली राष्‍ट्र में प्रचलित है।