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एस्तेर 8:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

17 सम्राट क्षयर्ष के अधीन हरएक प्रदेश और प्रत्‍येक नगर में जहाँ-जहाँ राजाज्ञा और आदेश-पत्र पहुंचे, यहूदी आनन्‍द और उल्‍लास से भर गए। उन्‍होंने छुट्टी मनाई और खाना-पीना किया। यहूदियों का डर अन्‍य जातियों पर छा गया, अत: देश के अनेक लोगों ने स्‍वयं को यहूदी घोषित कर दिया।

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पवित्र बाइबल

17 जहाँ कहीं भी किसी प्रांत या किसी भी नगर में राजा का वह आदेश पत्र पहुँचा, यहूदियों में आनन्द और प्रसन्नता की लहर दौड़ गयी। यहूदी भोज दे रहे थे और उत्सव मना रहे थे और दूसरे बहुत से सामान्य लोग यहूदी बन गये। क्योंकि वे यहूदियों से बहुत डरा करते थे, इसीलिए उन्होंने ऐसा किया।

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Hindi Holy Bible

17 और जिस जिस प्रान्त, और जिस जिस नगर में, जहां कहीं राजा की आज्ञा और नियम पहुंचे, वहां वहां यहूदियों को आनन्द और हर्ष हुआ, और उन्होंने जेवनार कर के उस दिन को खुशी का दिन माना। और उस देश के लोगों में से बहुत लोग यहूदी बन गए, क्योंकि उनके मन में यहूदियों का डर समा गया था।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

17 और जिस जिस प्रान्त, और जिस जिस नगर में, जहाँ कहीं राजा की आज्ञा और नियम पहुँचे, वहाँ वहाँ यहूदियों को आनन्द और हर्ष हुआ, और उन्होंने भोज करके उस दिन को खुशी का दिन माना। और उस देश के लोगों में से बहुत लोग यहूदी बन गए, क्योंकि उनके मन में यहूदियों का डर समा गया था।

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सरल हिन्दी बाइबल

17 यहीं नहीं, हर एक राज्य के हर एक नगर में जैसे जैसे राजा की राजाज्ञा तथा उसका आदेश चिट्ठियां पहुंच गयी, यहूदियों में हर्ष तथा उल्लास फैलता चला गया, एक उत्सव तथा महोत्सव जैसे. इस अवसर पर जनसाधारण पर यहूदियों का आतंक ऐसा गहन हो गया कि राज्यों में अनेकों ने यहूदी मत अंगीकार कर लिया.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

17 और जिस-जिस प्रान्त, और जिस-जिस नगर में, जहाँ कहीं राजा की आज्ञा और नियम पहुँचे, वहाँ-वहाँ यहूदियों को आनन्द और हर्ष हुआ, और उन्होंने भोज करके उस दिन को खुशी का दिन माना। और उस देश के लोगों में से बहुत लोग यहूदी बन गए, क्योंकि उनके मन में यहूदियों का डर समा गया था।

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एस्तेर 8:17
17 क्रॉस रेफरेंस  

जब याकूब और उसके पुत्रों ने प्रस्‍थान किया, तब उनके आसपास के नगरों पर परमेश्‍वर का आतंक छा गया। अतएव वहाँ के निवासी याकूब के पुत्रों का पीछा नहीं कर सके।


फिर उसने उनसे कहा, ‘अब जाओ, अच्‍छे से अच्‍छा भोजन खाओ, और मधु तथा मीठा रस पीओ। उन गरीबों को भोजन खिलाओ, जिनके घर में चूल्‍हा भी नहीं जलता है, क्‍योंकि आज का दिन हमारे प्रभु के लिए पवित्र है। उदास मत हो; क्‍योंकि प्रभु का आनन्‍द तुम्‍हारी शक्‍ति है।’


यह कार्य उन्‍होंने अदार महीने के तेरहवें दिन सम्‍पन्न किया था। उन्‍होंने चौदहवें दिन विश्राम किया, और उस दिन सामूहिक भोज और आनन्‍द-उत्‍सव मनाया।


इसलिए गांवों में रहने वाले यहूदी, जो बिना शहरपनाह के कस्‍बों में रहते हैं, अदार महीने के चौदहवें दिन को आनन्‍द, भोज, और छुट्टी का दिन मानते हैं। वे इस दिन अपने सर्वोत्तम भोजन का कुछ अंश एक-दूसरे को भेजते हैं।


सम्राट क्षयर्ष के अधीन समस्‍त प्रदेशों के नगरों में रहने वाले यहूदी एकत्र हुए, और उन्‍होंने अनिष्‍ट करनेवालों पर आक्रमण करने के लिए दल बनाए। कोई भी शत्रु उनके सामने ठहर न सका; क्‍योंकि सब जातियों पर उनका भय छा गया था।


क्‍योंकि इन दिवसों पर यहूदियों ने अपने शत्रुओं से छुटकारा पाकर चैन की सांस ली थी। इस महीने में उनका दु:ख, सुख में; और उनका शोक, हर्ष में बदल गया था। अत: यहूदियों को चाहिए कि वे इन दिनों को सामूहिक भोज और आनन्‍द-उत्‍सव के दिन मानें। वे इन दिनों में अपने सर्वोत्तम भोजन का कुछ अंश एक-दूसरे को भेजें तथा गरीबों को दान दें।


यहूदियों ने यह निश्‍चय किया कि वे स्‍वयं, तथा उनके वंशज एवं नवदीिक्षत यहूदी मोरदकय के पत्रानुसार प्रति वर्ष निर्धारित दो दिनों तक पर्व मनाएंगे और पर्व मनाने में कभी नहीं चूकेंगे।


सब प्रदेशों के शासकों, क्षत्रपों, राज्‍यपालों और सम्राट के उच्‍चाधिकारियों ने यहूदियों की सहायता की; क्‍योंकि मोरदकय का भय उन पर भी छाया हुआ था।


उनके प्रस्‍थान से मिस्र-निवासी आनन्‍दित हुए; क्‍योंकि इस्राएलियों का भय उनमें समा गया था।


तूने मुझे उपद्रवी जातियों के संघर्ष से छुड़ाया, और मुझे राष्‍ट्रों का अध्‍यक्ष बनाया। उन जातियों ने मेरी सेवा की जिन्‍हें मैं जानता भी न था।


जब तक, हे प्रभु, तेरे लोग, तेरी खरीदी हुई प्रजा, वहाँ से निकल न गई, तब तक आतंक और भय उन पर छाया रहा, तेरे भुजबल की महानता के कारण वे पत्‍थर के समान निर्जीव बने रहे।


कोई भी मनुष्‍य तुम्‍हारे सम्‍मुख नहीं खड़ा हो सकेगा। जिस देश में तुम्‍हारे पैर पड़ेंगे, उसको तुम्‍हारा प्रभु परमेश्‍वर तुम्‍हारे प्रति भय और आतंक से आतंकित करेगा; जैसा उसने तुम्‍हें वचन दिया है।


मैं आज आकाश के नीचे रहने वाले सब लोगों में तुम्‍हारा आतंक और भय उत्‍पन्न करूंगा। वे तुम्‍हारे आगमन की सूचना सुनकर कांपने लगेंगे; वे तुम्‍हारे कारण आतंकित होंगे।”


जब हमने यह खबर सुनी तब हमारा हृदय भय से आतंकित हो गया। तुम्‍हारे कारण हमारे किसी भी पुरुष में दम नहीं रहा। तुम्‍हारा प्रभु परमेश्‍वर ही ऊपर आकाश में, और नीचे पृथ्‍वी पर एक मात्र ईश्‍वर है।


उसने उनसे कहा, ‘मैं जानती हूं कि प्रभु ने तुम्‍हें हमारा यह देश दे दिया है। हम-सब पर तुम्‍हारा डर छा गया है। इस देश के निवासी तुम्‍हारे विचारमात्र से आतंकित हो गए हैं;


आप अपने सेवकों से पूछिए। वे आपको यह बात बताएंगे। अत: आप मेरे सैनिकों पर कृपा-दृष्‍टि कीजिए। ये आनन्‍द के पर्व पर आए हैं। जो भी आपके पास है, वह आप हमें, अपने सेवकों को, और अपने पुत्र-तुल्‍य दाऊद को दे दीजिए।” ’


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