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एस्तेर 9:22 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

क्‍योंकि इन दिवसों पर यहूदियों ने अपने शत्रुओं से छुटकारा पाकर चैन की सांस ली थी। इस महीने में उनका दु:ख, सुख में; और उनका शोक, हर्ष में बदल गया था। अत: यहूदियों को चाहिए कि वे इन दिनों को सामूहिक भोज और आनन्‍द-उत्‍सव के दिन मानें। वे इन दिनों में अपने सर्वोत्तम भोजन का कुछ अंश एक-दूसरे को भेजें तथा गरीबों को दान दें।

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पवित्र बाइबल

यहूदियों को इन दिनों को पर्व के रूप में इसलिए मनाना था कि उन्हीं दिनों यहूदियों ने अपने शत्रुओं से छुटकारा पाया था। उन्हें उस महीने को इसलिए भी मनाना था कि यही वह महीना था जब उनका दु:ख उनके आनन्द में बदल गया था। वही यह महीना था जब उनका रोना—धोना एक उत्सव के दिन के रूप में बदल गया था। मोर्दकै ने सभी यहूदियों को पत्र लिखा। उसने उन लोगों से कहा कि वे उन दिनों को उत्सव के रूप में मनाएँ। यह समय एक ऐसा समय हो जब लोग आपस में एक दूसरे को उत्तम भोजन अर्पित करें तथा गरीब लोगों को उपहार दें।

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Hindi Holy Bible

जिन में यहूदियों ने अपने शत्रुओं से विश्राम पाया, और यह महीना जिस में शोक आनन्द से, और विलाप खुशी से बदला गया; (माना करें) और उन को जेवनार और आनन्द और एक दूसरे के पास बैना भेजने ओर कंगालों को दान देने के दिन मानें।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

जिन में यहूदियों ने अपने शत्रुओं से विश्राम पाया, और यह महीना जिस में शोक आनन्द से, और विलाप खुशी से बदला गया; (माना करें) और उनको जेवनार और आनन्द और एक दूसरे के पास भोजन सामग्री भेजने और कंगालों को दान देने के दिन मानें।

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सरल हिन्दी बाइबल

यह इस बात का स्मारक था, कि इन दो दिनों में यहूदियों ने अपने शत्रुओं पर विजय पायी थी, यह वह महीना था, जिसमें उनका विलाप आनंद में तथा दुःख उत्सव में बदल गया था. उत्सव के इन दो दिनों में वे उल्लास के साथ आपस में भोजन व्यंजनों का आदान-प्रदान करें तथा गरीबों को उपहार दिया करें.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

जिनमें यहूदियों ने अपने शत्रुओं से विश्राम पाया, और यह महीना जिसमें शोक आनन्द से, और विलाप खुशी से बदला गया; (माना करें) और उनको भोज और आनन्द और एक दूसरे के पास भोजन सामग्री भेजने और कंगालों को दान देने के दिन मानें।

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एस्तेर 9:22
24 क्रॉस रेफरेंस  

इसलिए गांवों में रहने वाले यहूदी, जो बिना शहरपनाह के कस्‍बों में रहते हैं, अदार महीने के चौदहवें दिन को आनन्‍द, भोज, और छुट्टी का दिन मानते हैं। वे इस दिन अपने सर्वोत्तम भोजन का कुछ अंश एक-दूसरे को भेजते हैं।


उसने उन्‍हें आदेश दिया कि वे प्रति वर्ष अदार महीने के चौदहवें तथा पन्‍द्रहवें दिन उत्‍सव मनाएं;


अत: यहूदी इसी प्रकार यह पर्व मनाने लगे, जिसको वे पहले मनाना आरम्‍भ कर चुके थे और जैसा कि मोरदकय ने उन्‍हें यह लिखा था:


ओ मेरे प्राण, उस प्रभु को धन्‍य कह, और उसके समस्‍त उपकारों को न भूल,


ताकि वे राष्‍ट्रों से प्रतिशोध ले सकें, और अन्‍य-जातियों को ताड़ित कर सकें।


तूने मेरे विलाप को हर्ष में बदल दिया; तूने मेरा शोक-सूचक टाट उतार कर मुझे आनन्‍द के वस्‍त्र पहनाए,


जिससे मेरी आत्‍मा तेरी स्‍तुति करे, और चुप न रहे। हे प्रभु, मेरे परमेश्‍वर! युग-युगांत मैं तेरा गुणगान करूंगा।


पर उनकी तलवार उनके हृदय को ही बेधेगी; उनके धनुष तोड़े जाएंगे।


ओ इस्राएली राष्‍ट्र! जब प्रभु तेरे कष्‍ट और बेचैनी से तुझे मुक्‍त करेगा, तुझे गुलामी से छुड़ाएगा, जिसके कारण तुझे कठोर श्रम करना पड़ा था; और जब तू चैन की सांस लेगा


‘स्‍वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है : चौथे, पांचवें, सातवें और दसवें महीने के उपवास-दिवस यहूदा के वंशजों के लिए आनन्‍द और हर्ष के दिन होंगे, उत्‍सव के पर्व होंगे। अत: सच्‍चाई और शान्‍ति से प्रेम करो।


धन्‍य हैं वे, जो शोक करते हैं; क्‍योंकि उन्‍हें सान्‍त्‍वना मिलेगी।


जो भीतर है, उसमें से दान कर दो, और देखो, सब कुछ तुम्‍हारे लिए शुद्ध हो जाएगा।


उन्‍होंने केवल एक बात कही कि हम गरीबों को स्‍मरण रखें। वास्‍तव में मैं स्‍वयं यह कार्य करने के लिए उत्‍सुक था।


जो देश तेरा प्रभु परमेश्‍वर तुझे दे रहा है, यदि तेरे उस देश के किसी नगर में तेरे भाई-बन्‍धुओं में कोई गरीब है, तो तू अपने गरीब भाई-बहिन के प्रति अपना हृदय कठोर मत करना, और न अपनी मुट्ठी बन्‍द रखना;


तू अपने पुत्र-पुत्रियों, सेवक-सेविकाओं, तथा तेरे नगर में रहने वाले लेवीय जन, प्रवासियों, पितृहीनों और विधवाओं के साथ पर्व में आनन्‍द मनाना।


तू अपने प्रभु परमेश्‍वर के लिए उस स्‍थान में सात दिन तक पर्व मनाना, जिसको तेरा प्रभु चुनेगा। तेरा प्रभु परमेश्‍वर तेरी समस्‍त उपज पर, तेरे सब कामों पर आशिष देगा, जिससे तू आनन्‍दमग्‍न हो जाएगा।


पृथ्‍वी के निवासी इनके कारण उल्‍लसित हो कर आनन्‍द मनायेंगे और एक दूसरे को उपहार देंगे, क्‍योंकि ये दो नबी पृथ्‍वी के निवासियों को सताया करते थे।


आप अपने सेवकों से पूछिए। वे आपको यह बात बताएंगे। अत: आप मेरे सैनिकों पर कृपा-दृष्‍टि कीजिए। ये आनन्‍द के पर्व पर आए हैं। जो भी आपके पास है, वह आप हमें, अपने सेवकों को, और अपने पुत्र-तुल्‍य दाऊद को दे दीजिए।” ’