एस्तेर 2:18 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तत्पश्चात् सम्राट ने अपने सब सामंतों और दरबारियों को महा-भोज दिया। यह एस्तर के सम्मान में दिया गया। सम्राट क्षयर्ष ने अपने अधीन प्रदेशों का कर भी माफ कर दिया, और शाही उदारता के अनुरूप उपहार लुटाए। पवित्र बाइबल एस्तेर के लिये राजा ने एक बहुत बड़ी भोज दी। यह भोज उसके महत्वपूर्ण व्यक्तियों और मुखियाओं के लिये थी। उसने सभी प्रातों में छुटटी की घोषणा कर दी। उसने लोगों को उपहार भिजवाये क्योंकि वह बहुत उदार था। Hindi Holy Bible तब राजा ने अपने सब हाकिमों और कर्मचारियों की बड़ी जेवनार कर के, उसे एस्तेर की जेवनार कहा; और प्रान्तोंमें छुट्टी दिलाई, और अपनी उदारता के योग्य इनाम भी बांटे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब राजा ने अपने सब हाकिमों और कर्मचारियों को एक बड़ा भोज दिया, और उसे एस्तेर का भोज कहा; और प्रान्तों में छुट्टी दिलाई, और अपनी उदारता के योग्य इनाम भी बाँटे। सरल हिन्दी बाइबल इस अवसर पर राजा ने एक भव्य भोज आयोजित किया, जिसे नाम दिया गया एस्तेर का भोज, इसमें उसके सभी शासक एवं अधिकारी आमंत्रित थे. इसके अतिरिक्त समस्त साम्राज्य में अवकाश घोषित किया तथा राजा के कोष में से उपहार भी वितरित किए गए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब राजा ने अपने सब हाकिमों और कर्मचारियों को एक बड़ा भोज दिया, और उसे एस्तेर का भोज कहा; और प्रान्तों में छुट्टी दिलाई, और अपनी उदारता के योग्य इनाम भी बाँटे। |
उपपुरोहितों ने यह कहकर लोगों को चुप कराया, ‘शान्त रहो, उदास मत हो, क्योंकि आज का दिन पवित्र है।’
अतिथियों को सोने के चषक में शराब पिलाई गई। ये चषक भिन्न-भिन्न प्रकार के थे। सम्राट की शान-शौकत के अनुरूप शाही शराब अतिथियों को छक कर पिलाई गई।
क्योंकि इन दिवसों पर यहूदियों ने अपने शत्रुओं से छुटकारा पाकर चैन की सांस ली थी। इस महीने में उनका दु:ख, सुख में; और उनका शोक, हर्ष में बदल गया था। अत: यहूदियों को चाहिए कि वे इन दिनों को सामूहिक भोज और आनन्द-उत्सव के दिन मानें। वे इन दिनों में अपने सर्वोत्तम भोजन का कुछ अंश एक-दूसरे को भेजें तथा गरीबों को दान दें।
‘ओ यरूशलेम की कन्याओ, अपने-अपने घर से बाहर निकलो। ओ सियोन की पुत्रियो, बाहर आकर राजा सुलेमान को देखो। वह उस मुकुट को पहिने हुए है, जो उसकी माता ने उसके विवाह के दिन उसके हृदय के आनन्द-दिवस पर उसको पहिनाया था।’
‘ओ मेरी संगिनी, ओ मेरी दुलहन! मैं अपने उद्यान में आया हूं। मैंने अपना गन्धरस और बलसान चुन लिया। मैंने मधु छत्ते से टपकता मधु खाया। मैंने दूध के साथ अंगूर-रस पिया।’ ओ प्रेमियो, छककर पियो।’
हेरोदेस के जन्मदिवस पर हेरोदियस को एक सुअवसर मिला। अपने जन्मदिवस के उपलक्ष्य में हेरोदेस ने अपने दरबारियों, सेनापतियों और गलील प्रदेश के प्रतिष्ठित व्यक्तियों को भोज दिया।
“विवाह में निमन्त्रित होने पर सब से अगले स्थान पर मत बैठो। कहीं ऐसा न हो कि मेजबान ने तुम से अधिक प्रतिष्ठित व्यक्ति को निमन्त्रित किया हो
पृथ्वी के निवासी इनके कारण उल्लसित हो कर आनन्द मनायेंगे और एक दूसरे को उपहार देंगे, क्योंकि ये दो नबी पृथ्वी के निवासियों को सताया करते थे।
स्वर्गदूत ने मुझ से कहा, “यह लिखो : धन्य हैं वे, जो मेमने के विवाह-भोज में निमन्त्रित हैं!” और उसने मुझ से यह भी कहा, “ये परमेश्वर के सत्य वचन हैं।”
आप अपने सेवकों से पूछिए। वे आपको यह बात बताएंगे। अत: आप मेरे सैनिकों पर कृपा-दृष्टि कीजिए। ये आनन्द के पर्व पर आए हैं। जो भी आपके पास है, वह आप हमें, अपने सेवकों को, और अपने पुत्र-तुल्य दाऊद को दे दीजिए।” ’