प्रभु ने उसी दिन अब्राम के साथ विधान का संबंध स्थापित किया। उसने कहा, ‘मैं तेरे वंश को यह देश, अर्थात् मिस्र देश की नदी से महानदी फरात तक की भूमि देता हूं,
एज्रा 4:20 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यरूशलेम में शक्तिशाली राजा भी हुए हैं, जिन्होंने फरात नदी के समस्त पश्चिमी प्रदेश पर राज्य भी किया है। उनको उपहार, कर और चुंगी दी जाती थी। पवित्र बाइबल यरूशलेम और फरात नदी के पश्चिम के पूरे क्षेत्र पर शक्तिशाली राजा राज्य करते रहे हैं। राज्य कर और राजा के सम्मान के लिये धन और विविध प्रकार के कर उन राजाओं को दिये गए हैं। Hindi Holy Bible यरूशलेम के सामथीं राजा भी हुए जो महानद के पार से समस्त देश पर राज्य करते थे, और कर, चुंगी और राहदारी उन को दी जाती थी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यरूशलेम के सामर्थी राजा भी हुए जो महानद के पार से समस्त देश पर राज्य करते थे, और कर, चुंगी, और राहदारी उनको दी जाती थी। सरल हिन्दी बाइबल प्रतापी राजाओं ने येरूशलेम पर शासन किया है तथा उनका शासन इस नदी के पार के सभी प्रदेशों पर रहा है तथा इन्हें भेंटें, चुंगी तथा कर दिए जाते रहे हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यरूशलेम के सामर्थी राजा भी हुए जो महानद के पार से समस्त देश पर राज्य करते थे, और कर, चुंगी और राहदारी उनको दी जाती थी। |
प्रभु ने उसी दिन अब्राम के साथ विधान का संबंध स्थापित किया। उसने कहा, ‘मैं तेरे वंश को यह देश, अर्थात् मिस्र देश की नदी से महानदी फरात तक की भूमि देता हूं,
सुलेमान फरात नदी से पलिश्ती देश तक तथा मिस्र देश की सीमा तक आने वाले समस्त राज्यों पर शासन करता था। ये राज्य उसको कर देते थे। ये उसके जीवन-भर उसके अधीन बने रहे।
सुलेमान फरात नदी की पश्चिमी दिशा के समस्त क्षेत्र का, तिप्साह से गाजा तक के भूमि-क्षेत्र का, जितने राज्य फरात नदी के पश्चिम में थे, उन सब का सम्राट था। उसके साम्राज्य में चारों ओर शान्ति थी।
जब सोर देश के राजा हीराम ने यह सुना कि लोगों ने सुलेमान को उसके पिता के स्थान पर राजा अभिषिक्त किया है, तब उसने उसके पास राजदूत भेजे; क्योंकि वह दाऊद के जीवन भर उसका मित्र था।
अब मेरे प्रभु परमेश्वर ने मुझे चारों ओर शान्ति प्रदान की है। मेरा न कोई विरोधी है, और न मुझे किसी आक्रमण की आशंका है।
उसने एदोम राज्य में प्रशासक नियुक्त किया। सब एदोमी लोग दाऊद के अधीन हो गए। जहाँ-जहाँ दाऊद गया, प्रभु ने उसे विजय प्रदान की।
जब सोबाह राज्य का राजा हदद-एजेर फरात नदी के समीप, हमात नगर की ओर, अपना राज्य-विस्तार करने गया, तब दाऊद ने उसे पराजित किया।
उसने दमिश्क के अराम नगर में अपने प्रशासक नियुक्त किए। यों सीरिया देश के लोग दाऊद के अधीन हो गए। वे दाऊद को कर देने लगे। जहाँ-जहाँ दाऊद गया, प्रभु ने उसे विजय प्रदान की।
जब हदद-एजेर के अधीन राजाओं ने देखा कि वे इस्राएली सेना से हार गए, तब उन्होंने दाऊद के साथ शान्ति स्थापित की। वे दाऊद के अधीन हो गए। सीरियाई सेना अम्मोनी सेना की सहायता करने को फिर कभी तैयार नहीं हुई।
पलिश्ती देश के कुछ लोगों ने तो यहोशाफट को उपहार दिए। उन्होंने उसको कर के रूप में चांदी दी। अरब देश के लोगों ने उसको भेंट में सात हजार सात सौ मेढ़े, और सात हजार सात सौ बकरे दिए।
इसके अतिरिक्त उसे देशी व्यवसायियों और विदेशी व्यापारियों से कर के रूप में तथा अरब देश के राजाओं और भिन्न-भिन्न प्रदेशों के शासकों से भेंट के रूप में सोना-चांदी प्राप्त होता था।
महाराज को मालूम हो कि यदि यह नगर पुन: निर्मित हो जाएगा और शहरपनाह की दीवारें फिर खड़ी हो जाएंगी, तो ये यहूदी महाराज को उपहार, कर और चुंगी न देंगे। इस से राजस्व की हानि होगी।
हम महाराज को इस बात की चेतावनी दे रहे हैं कि यदि यह नगर पुन: निर्मित किया गया, और इसकी शहरपनाह की दीवारें फिर खड़ी की गईं, तो फरात नदी के पश्चिम का प्रदेश आपके हाथ से निकल जाएगा।’
मैंने राजाज्ञा प्रसारित की, और मेरे पूर्वजों के इतिहास-ग्रन्थों में यरूशलेम नगर के विषय में खोज-बीन की गई। तब इस बात का पता चला कि यह नगर प्राचीन काल से राजाओं के विरुद्ध विद्रोह करता आया है। इसमें सदा बलवा और विश्वासघात होते आए हैं।
अत: मैं यह आज्ञा देता हूँ कि ये लोग अपना निर्माण-कार्य अविलम्ब रोक दें, और जब तक मैं पुन: राजाज्ञा प्रसारित न करूं, इस नगर का पुन: निर्माण न किया जाए,
‘हम तुम्हें यह भी सूचित करते हैं कि परमेश्वर के भवन के किसी भी पुरोहित, उप-पुरोहित, गायक, द्वारपाल, सेवक तथा अन्य नौकर-चाकरों पर किसी भी प्रकार का कर न लगाया जाये, और न ही उनसे राजकीय उपहार या चुंगी ली जाए।
जो नगरी लोगों से भरी-पूरी थी, अब वह उजाड़ पड़ी है; वह विधवा के सदृश अकेली हो गई। जो कभी राष्ट्रों में महान थी, जो कभी नगरों में रानी थी, अब वह दासी बन गई, वह दूसरे राज्यों को कर चुकाती है।
उसकी मोटी-मोटी टहनियां राजा के राज-दण्ड बनने के योग्य थीं। वह इतनी ऊंची थी, कि आकाश को छूने लगी। अपनी ऊंचाई और घनी शाखाओं के कारण वह राहगीरों को विस्मित करने लगी।
येशु वहाँ से आगे बढ़े। उन्होंने मत्ती नामक व्यक्ति को चुंगी-घर में बैठा हुआ देखा और उससे कहा, “मेरे पीछे आओ”, और वह उठ कर उनके पीछे हो लिया।