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एज्रा 3:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

जब कारीगरों ने प्रभु के मन्‍दिर की नींव डाली, तब पुरोहित अपने पुरोहितीय परिधान पहिनकर तथा हाथ में तुरहियां लेकर आए। उनके साथ आसाफ के वंशज उपपुरोहित झांझ लेकर आए। तब उन्‍होंने इस्राएल देश के राजा दाऊद के निर्देशन के अनुसार प्रभु की स्‍तुति की।

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पवित्र बाइबल

कारीगरों ने यहोवा के मन्दिर की नींव डालनी पूरी कर दी। जब नींव पड़ गई तब याजकों ने अपने विशेष वस्त्र पहने। तब उन्होंने अपनी तुरही ली और आसाप के पुत्रों ने अपने झाँझों को लिया। उन्होंने यहोवा की स्तुति के लिये अपने अपने स्थान ले लिये। यह उसी तरह किया गया जिस तरह करने के लिये भूतकाल में इस्राएल के राजा दाऊद ने आदेश दिया था।

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Hindi Holy Bible

और जब राजों ने यहोवा के मन्दिर की नेव डाली तब अपने वस्त्र पहिने हुए, और तुरहियां लिये हुए याजक, और झांझ लिये हुए आसाप के वंश के लेवीय इसलिये नियुक्त किए गए कि इस्राएलियों के राजा दाऊद की चलाई हुई रीति के अनुसार यहोवा की स्तुति करें।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

जब राजमिस्त्रियों ने यहोवा के मन्दिर की नींव डाली तब अपने वस्त्र पहिने हुए, और तुरहियाँ लिये हुए याजक, और झाँझ लिये हुए आसाप के वंश के लेवीय इसलिये नियुक्‍त किए गए कि इस्राएलियों के राजा दाऊद की चलाई हुई रीति के अनुसार यहोवा की स्तुति करें।

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सरल हिन्दी बाइबल

जब राजमिस्त्रियों ने याहवेह के भवन की नींव डाल दी, तब पुरोहित अपने कपड़ों में शोफ़ार नरसिंगे लेकर खड़े हो गए, लेवी तथा आसफ के पुत्र झांझें लेकर इस्राएल के राजा दावीद द्वारा बताई गई विधि के अनुसार याहवेह की स्तुति करने के लिए तैयार हो गए.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

जब राजमिस्त्रियों ने यहोवा के मन्दिर की नींव डाली, तब अपने वस्त्र पहने हुए, और तुरहियां लिये हुए याजक, और झाँझ लिये हुए आसाप के वंश के लेवीय इसलिए नियुक्त किए गए कि इस्राएलियों के राजा दाऊद की चलाई हुई रीति के अनुसार यहोवा की स्तुति करें।

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एज्रा 3:10
26 क्रॉस रेफरेंस  

ये पुरोहित परमेश्‍वर की मंजूषा के सम्‍मुख तुरहियां बजाएंगे: शबनयाह, योशापाट, नटनएल, अमासई, जकर्याह, बनायाह और एलीएजेर। ओबेद-एदोम और यहियाह भी मंजूषा के प्रहरी होंगे।


दाऊद, मंजूषा के वाहक उप-पुरोहित, गायक तथा गायक-वादकों का अगुआ कननयाह, ये सब सन वस्‍त्र के बने अंगरखे पहिने हुए थे। दाऊद ने सन वस्‍त्र का बना एपोद धारण किया था।


दाऊद आसाफ और उसके भाई-बन्‍धुओं को प्रभु की विधान-मंजूषा के सम्‍मुख छोड़कर चला गया कि वे नियमित रूप से प्रतिदिन मंजूषा के सामने निरन्‍तर धर्म-सेवा करते रहें।


हेमान और यदूतून के पास बजाने के लिए तुरहियां और झांझ थे। इनके अतिरिक्‍त पवित्र राग बजाने के लिए अन्‍य वाद्य यन्‍त्र भी थे। यदूतून के पुत्र द्वार पर नियुक्‍त थे।


चार हजार द्वारपाल और चार हजार गायक होंगे। ये गायक प्रभु की स्‍तुति के लिए बनाए गए मेरे वाद्ययन्‍त्रों पर प्रभु की स्‍तुति गाएंगे।’


अठारहवीं चिट्ठी हनानी के नाम पर निकली। उसके पुत्र और भाई कुल मिलाकर बारह जन थे।


उसके बाद उन्‍होंने अपने लिए तथा पुरोहितों के लिए पवित्र बलि-पशु का मांस भूना तथा अन्‍य अर्पित वस्‍तुएं पकाईं; क्‍योंकि हारून-वंशीय पुरोहित रात तक अग्‍निबलि के पशु तथा चर्बी चढ़ाते रहे। अत: उपपुरोहितों ने अपने लिए तथा हारून-वंशीय पुरोहितों के लिए प्रबन्‍ध किया।


राजा दाऊद, आसाफ, हेमान और राज-द्रष्‍टा यदूतून के निर्देश के अनुसार आसाफ-वंशीय गायक निर्धारित स्‍थान पर उपस्‍थित थे। हर एक द्वारपाल अपने द्वार पर उपस्‍थित था। उनको अपना कार्य बीच में छोड़ने की आवश्‍यकता नहीं पड़ी; क्‍योंकि उनके सहयोगी उपपुरोहितों ने उनके लिए बलि-भोज का प्रबन्‍ध कर दिया।


लेवीय कुल के गायक, आसाफ, हेमान, यदूतून, उनके पुत्र और नाते-रिश्‍तेदार सूती-मलमल की पोशाक पहिने हुए और हाथों में वाद्य-यन्‍त्र−झांझ, सारंगियां और वीणा−लिए हुए वेदी के पूर्व में खड़े थे। उनके साथ तुरही बजाने वाले एक सौ बीस पुरोहित भी थे।


मन्‍दिर के गायक : आसाफ के वंशज एक सौ अट्ठाईस।


‘अत: राज्‍यपाल शेशबस्‍सर यरूशलेम में आए, और उन्‍होंने यरूशलेम में परमेश्‍वर के भवन की नींव डाली। उस समय से अब तक उसका निर्माण हो रहा है; वह अभी पूरा तैयार नहीं हुआ है।


झांझों की ध्‍वनि पर उसकी स्‍तुति करो। उच्‍च स्‍वर की झांझ से। उसकी स्‍तुति करो!


अब अपने हृदय में विचार करो, आगे क्‍या होगा? जब प्रभु-मन्‍दिर के निर्माण के समय पत्‍थर की जोड़ाई होने लगी थी, उससे पूर्व तुम्‍हारी स्‍थिति कैसी थी?


कौन व्यक्‍ति छोटी बातों के दिन को तुच्‍छ समझता है? वह जरूब्‍बाबेल के हाथ में नापने के साहुल को देखकर आनन्‍दित होगा। दूत ने मुझे बताया, ‘ये सात दीपक प्रभु की आंखें हैं। वह इन आंखों से सम्‍पूर्ण पृथ्‍वी की सब ओर देखता है।’


तब दूत ने मुझे बताया, ‘जरूब्‍बाबेल के लिए प्रभु का यह सन्‍देश है: स्‍वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है: बल से नहीं, शक्‍ति से नहीं, वरन् मेरे आत्‍मा के द्वारा।


ओ महापर्वत, जरूब्‍बाबेल के सामने तू क्‍या है? तू सपाट मैदान हो जाएगा। जरूब्‍बाबेल शिखर का पत्‍थर लाएगा, और लोग यह जय-जयकार करेंगे: “प्रभु की कृपा...... प्रभु की कृपा इस पत्‍थर पर हो।” ’


और उससे यह कह : “स्‍वर्गिक सेनाओं का प्रभु कहता है, उस पुरुष को देख जिसका नाम ‘शाखा’ है। जिस स्‍थान पर वह है, वहां से वह उगेगा और प्रभु के मन्‍दिर का निर्माण करेगा।


उन्‍होंने उसे स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु के भवन में पुरोहितों और नबियों से यह पूछने के लिए भेजा, ‘क्‍या मैं पांचवें महीने में उपवास रखूं और शोक मनाऊं जैसा कि मैं पिछले अनेक वर्षों से करता आ रहा हूं?’


तब राजा ने दोएग से कहा, ‘तुम आगे बढ़ो और पुरोहितों पर टूट पड़ो।’ अत: एदोम देश का रहनेवाला दोएग आगे बढ़ा। वह पुरोहितों पर टूट पड़ा। उसने उस दिन पचासी व्यक्‍तियों की हत्‍या की। वे पुरोहित की पोशाक पहिने हुए थे।