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2 इतिहास 5:12 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

12 लेवीय कुल के गायक, आसाफ, हेमान, यदूतून, उनके पुत्र और नाते-रिश्‍तेदार सूती-मलमल की पोशाक पहिने हुए और हाथों में वाद्य-यन्‍त्र−झांझ, सारंगियां और वीणा−लिए हुए वेदी के पूर्व में खड़े थे। उनके साथ तुरही बजाने वाले एक सौ बीस पुरोहित भी थे।

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पवित्र बाइबल

12 और सभी लेविवंशी गायक वेदी के पूर्वी ओर खड़े थे। सभी आसाप, हेमान और यदूतून के गायक समूह वहाँ थे और उनके पुत्र तथा उनके सम्बन्धी भी वहाँ थे। वे लेवीवंशी गायक सफेद बहुमूल्य मलमल के वस्त्र पहने हुए थे। वे झाँझ, वीणा और सारंगी लिये थे। उन लेवीवंशी गायकों के साथ वहाँ एक सौ बीस याजक थे। वे एक सौ बीस याजक तुरही बजा रहे थे।

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Hindi Holy Bible

12 और जितने लेवीय गवैये थे, वे सब के सब अर्थात पुत्रों और भाइयों समेत आसाप, हेमान और यदूतून सन के वस्त्र पहिने झांझ, सारंगियां और वीणाएं लिये हुए, वेदी के पूर्व अलंग में खड़े थे, और उनके साथ एक सौ बीस याजक तुरहियां बजा रहे थे।)

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

12 और जितने लेवीय गायक थे, वे सब के सब अर्थात् पुत्रों और भाइयों समेत आसाप, हेमान, और यदूतून सन के वस्त्र पहिने झाँझ, सारंगियाँ और वीणाएँ लिये हुए, वेदी के पूर्व की ओर खड़े थे, और उनके साथ एक सौ बीस याजक तुरहियाँ बजा रहे थे।)

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सरल हिन्दी बाइबल

12 संपूर्ण लेवी गायकों ने अर्थात् आसफ, हेमान, यदूथून और उनके पुत्र और संबंधी महीन मलमल के कपड़े पहने हुए झांझ और तन्तु वाद्यों को लिए हुए वेदी के पूर्व की ओर खड़े हुए थे. उनके साथ एक सौ बीस पुरोहित तुरही फूंक रहे थे.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

12 और जितने लेवीय गायक थे, वे सब के सब अर्थात् पुत्रों और भाइयों समेत आसाप, हेमान और यदूतून सन के वस्त्र पहने झाँझ, सारंगियाँ और वीणाएँ लिये हुए, वेदी के पूर्व की ओर खड़े थे, और उनके साथ एक सौ बीस याजक तुरहियां बजा रहे थे।)

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2 इतिहास 5:12
26 क्रॉस रेफरेंस  

दाऊद और सब इस्राएली परमेश्‍वर के सम्‍मुख वीणा, सारंगी, डफ, झांझ और तुरहियों की ताल पर पूरे उत्‍साह से नाच रहे थे।


ये पुरोहित परमेश्‍वर की मंजूषा के सम्‍मुख तुरहियां बजाएंगे: शबनयाह, योशापाट, नटनएल, अमासई, जकर्याह, बनायाह और एलीएजेर। ओबेद-एदोम और यहियाह भी मंजूषा के प्रहरी होंगे।


दाऊद, मंजूषा के वाहक उप-पुरोहित, गायक तथा गायक-वादकों का अगुआ कननयाह, ये सब सन वस्‍त्र के बने अंगरखे पहिने हुए थे। दाऊद ने सन वस्‍त्र का बना एपोद धारण किया था।


वे प्रतिदिन प्रात: और संध्‍या समय प्रभु के सम्‍मुख खड़े होकर प्रभु की सराहना और स्‍तुति करेंगे।


चार हजार द्वारपाल और चार हजार गायक होंगे। ये गायक प्रभु की स्‍तुति के लिए बनाए गए मेरे वाद्ययन्‍त्रों पर प्रभु की स्‍तुति गाएंगे।’


सेवक और उनके पुत्रों के ये नाम हैं : कहाती गोत्र के लोग : गायक हेमान − यह योएल का पुत्र और शमूएल का पौत्र था।


हेमान का भाई आसाफ उसके दाहिने खड़ा हुआ करता था − आसाफ बेरेकयाह का पुत्र था। बेरेकयाह शिमआ का पुत्र था।


जैसा कि राजा दाऊद, राजा दाऊद के द्रष्‍टा गाद तथा नबी नातान ने आदेश दिया था कि प्रभु के भवन में उप-पुरोहित स्‍तुति-गान के लिए नियुक्‍त किए जाएंगे और उनके हाथों में वाद्य-यन्‍त्र−झांझ, सारंगी और वीणा−रहेंगे, वैसा राजा हिजकियाह ने किया; क्‍योंकि स्‍वयं परमेश्‍वर ने इस प्रथा का आदेश अपने नबियों के माध्‍यम से दिया था।


उप-पुरोहित, राजा दाऊद के द्वारा आविष्‍कृत वाद्य-यन्‍त्रों को हाथ में लेकर खड़े हो गए। पुरोहितों के हाथ में तुरहियाँ थीं।


पुरोहित अपने निर्धारित स्‍थान पर सेवा-कार्य के लिए खड़े थे। लेवीय उपपुरोहित भी अपने-अपने हाथों में वाद्य-यन्‍त्र लिए हुए खड़े थे। ये वाद्य-यन्‍त्र राजा दाऊद ने प्रभु की महिमा के लिए, उसके नाम का गुणगान करने के लिए बनाए थे। जब राजा दाऊद का यह स्‍तुति-गान ‘प्रभु की करुणा सदा की है’ होता था, तब उपपुरोहित वाद्य-यन्‍त्र बजाते थे। अत: उपपुरोहितों ने वाद्य-यन्‍त्र बजाए। दूसरी ओर पुरोहित तुरहियां बजाते रहे। सब इस्राएली पास खड़े रहे।


वे नृत्‍य से प्रभु के नाम की स्‍तुति करें, डफ और सितार पर उसके लिए राग बजाएँ।


सर्वशक्‍तिमान प्रभु परमेश्‍वर ने यह कहा है- उसने उदयाचल से अस्‍ताचल तक पृथ्‍वी को बुलाया है।


मेरा प्राण शान्‍ति से परमेश्‍वर की प्रतीक्षा करता है, मेरा उद्धार उसी से है।


गायक आगे हैं, वादक पीछे, उनके मध्‍य कन्‍याएं डफ बजा रही हैं।


हे प्रभु, मेरे उद्धारकर्ता परमेश्‍वर, मैं तेरे समक्ष दिन-रात दुहाई देता हूँ।


उस मन्‍दिर में से सात विपत्तियाँ लिये सात स्‍वर्गदूत निकले। वे स्‍वच्‍छ और उज्‍ज्‍वल छालटी पहने थे और उनके वक्षस्‍थल पर स्‍वर्ण मेखलाएँ बाँधी हुई थीं।


और स्‍वच्‍छ उज्‍ज्‍वल मलमल के वस्‍त्र से उसे सुसज्‍जित होने का अनुग्रह प्राप्‍त हुआ है; क्‍योंकि यह मलमल सन्‍तों के धर्माचरण से बना है।”


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