2 इतिहास 35:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)15 राजा दाऊद, आसाफ, हेमान और राज-द्रष्टा यदूतून के निर्देश के अनुसार आसाफ-वंशीय गायक निर्धारित स्थान पर उपस्थित थे। हर एक द्वारपाल अपने द्वार पर उपस्थित था। उनको अपना कार्य बीच में छोड़ने की आवश्यकता नहीं पड़ी; क्योंकि उनके सहयोगी उपपुरोहितों ने उनके लिए बलि-भोज का प्रबन्ध कर दिया। अध्याय देखेंपवित्र बाइबल15 आसाप के परिवार के लेवीवंशी गायक उन स्थानों पर पहुँचे जिन्हें राजा दाऊद ने उनके खड़े होने के लिये चुना था। वे: आसाप, हेमान और राजा का नबी यदूतून थे। हर एक द्वार पर द्वारपाल अपना स्थान नहीं छोड़ सकते थे क्योंकि उनके लेवीवंशी भाईयों ने हर एक चीज़ उनके फसह पर्व के लिये तैयार कर दी थी। अध्याय देखेंHindi Holy Bible15 और आसाप के वंश के गवैये, दाऊद, आसाप, हेमान और राजा के दशीं यदूतून की आज्ञा के अनुसार अपने अपने स्थान पर रहे, और द्वारपाल एक एक फाटक पर रहे। उन्हें अपना अपना काम छोड़ना न पड़ा, क्योंकि उनके भई लेवियों ने उनके लिये तैयारी की। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)15 आसाप के वंश के गवैये, दाऊद, आसाप, हेमान और राजा के दर्शी यदूतून की आज्ञा के अनुसार अपने अपने स्थान पर रहे, और द्वारपाल एक एक फाटक पर रहे। उन्हें अपना अपना काम छोड़ना न पड़ा, क्योंकि उनके भाई लेवियों ने उनके लिये तैयारी की। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल15 दावीद, आसफ, हेमान और राजा के दर्शी यदूथून द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार, आसफ के वंशज गायक भी अपने-अपने ठहराए गए स्थानों पर खड़े हुए थे. द्वारपालों को द्वार छोड़कर जाना ज़रूरी नहीं था, क्योंकि आवश्यक तैयारी उनके भाई-बन्धु लेवियों ने उनके लिए पहले ही कर ली थी. अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 201915 आसाप के वंश के गवैये, दाऊद, आसाप, हेमान और राजा के दर्शी यदूतून की आज्ञा के अनुसार अपने-अपने स्थान पर रहे, और द्वारपाल एक-एक फाटक पर रहे। उन्हें अपना-अपना काम छोड़ना न पड़ा, क्योंकि उनके भाई लेवियों ने उनके लिये तैयारी की। अध्याय देखें |
उसके पिता दाऊद ने पुरोहितों और उप-पुरोहितों के सेवा-कार्य अलग-अलग बांट दिए थे। उसने अपने पिता के प्रबन्ध के अनुसार ऐसा ही किया: उसने पुरोहित-कार्य सम्पन्न करने के लिए पुरोहितों के दल बनाए, और उनकी बारी निश्चित कर दी। उसने उप-पुरोहितों का गायक-दल नियुक्त किया। ये उप-पुरोहित आराधना के समय न केवल वाद्य-यन्त्र बजाते थे, बल्कि वे दैनिक आराधना में पुरोहितों की सहायता भी करते थे। राजा सुलेमान ने मन्दिर के प्रवेश-द्वारों पर पहरा देने के लिए उप-पुरोहितों के अनेक दल बना दिए थे। इस प्रकार उप-पुरोहित द्वारपाल भी थे; क्योंकि परमेश्वर के जन दाऊद ने ऐसा ही आदेश दिया था।