परमेश्वर ने अब्राहम से कहा, ‘तू अपनी पत्नी सारय को अब सारय मत कहना। उसका नाम सारा होगा।
उत्पत्ति 32:28 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तब वह बोला, ‘अब तेरा नाम याकूब न होगा, वरन् “इस्राएल” होगा; क्योंकि तूने परमेश्वर और मनुष्य से लड़कर विजय प्राप्त की है।’ पवित्र बाइबल तब व्यक्ति ने कहा, “तुम्हारा नाम याकूब नहीं रहेगा। अब तुम्हारा नाम इस्राएल होगा। मैं तुम्हें यह नाम इसलिए देता हूँ कि तुमने परमेश्वर के साथ और मनुष्यों के साथ युद्ध किया है और तुम हराए नहीं जा सके हो।” Hindi Holy Bible उसने कहा तेरा नाम अब याकूब नहीं, परन्तु इस्राएल होगा, क्योंकि तू परमेश्वर से और मनुष्यों से भी युद्ध कर के प्रबल हुआ है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उसने कहा, “तेरा नाम अब याक़ूब नहीं, परन्तु इस्राएल होगा, क्योंकि तू परमेश्वर से और मनुष्यों से भी युद्ध करके प्रबल हुआ है।” नवीन हिंदी बाइबल तब उसने कहा, “अब से तेरा नाम याकूब नहीं बल्कि इस्राएल होगा, क्योंकि तू परमेश्वर और मनुष्यों से युद्ध करके प्रबल हुआ है।” सरल हिन्दी बाइबल तब उस व्यक्ति ने उनसे कहा, “अब से तुम्हारा नाम याकोब नहीं बल्कि इस्राएल होगा, क्योंकि परमेश्वर से तथा मनुष्यों से संघर्ष करते हुए तुम जीत गए हो.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उसने कहा, “तेरा नाम अब याकूब नहीं, परन्तु इस्राएल होगा, क्योंकि तू परमेश्वर से और मनुष्यों से भी युद्ध करके प्रबल हुआ है।” |
परमेश्वर ने अब्राहम से कहा, ‘तू अपनी पत्नी सारय को अब सारय मत कहना। उसका नाम सारा होगा।
अब से तेरा नाम “अब्राम” न रहेगा, वरन् “अब्राहम” होगा; क्योंकि मैंने तुझे अनेक राष्ट्रों का पिता बनाया है।
परमेश्वर रात में अराम वंशीय लाबान के पास स्वप्न में आया, और उससे कहा, ‘सावधान! तू याकूब से भला-बुरा कुछ मत कहना।’
किन्तु एसाव उससे भेंट करने को दौड़ा। उसने याकूब को बाहों में भर लिया। उसे गले लगाया। उसका चुम्बन किया। वे दोनों रोने लगे।
परमेश्वर ने उससे कहा, ‘तेरा नाम याकूब है। किन्तु अब से तेरा नाम याकूब नहीं रहेगा, वरन् तेरा नाम इस्राएल होगा।’ अत: उसका नाम इस्राएल रखा गया।
और उसने अपना यह प्रेमभाव नबी नातान के द्वारा प्रकट किया। नातान ने प्रभु के वचन के अनुसार उसका नाम यदीद्याह रखा।
एलियाह ने याकूब के बारह पुत्रों के कुलों की संख्या के अनुसार बारह पत्थर लिये। उसी याकूब को प्रभु का यह वचन सुनाई दिया था, ‘अब से तेरा नाम इस्राएल होगा।’
वे आज भी प्राचीन रीति-रिवाजों का पालन करती हैं। सामरी लोग प्रभु का भय नहीं मानते थे। वे उन संविधियों, न्याय-सिद्धान्तों, व्यवस्था और आज्ञाओं का पालन नहीं करते थे, जिन्हें प्रभु ने याकूब के वंशजों को प्रदान किया था। याकूब का नाम उसने ‘इस्राएल’ रखा था।
जब प्रभु मनुष्य के आचरण से प्रसन्न होता है, तब वह उसके शत्रुओं को भी उसके मित्र बना देता है।
ओ याकूब, तेरा रचनेवाला ओ इस्राएल, तेरा गढ़नेवाला प्रभु अब यों कहता है : ‘मत डर, क्योंकि मैंने तुझे छुड़ा लिया है। मैंने तेरा नाम लेकर तुझे छुड़ाया है, तू मेरा है।
मेरे मनोनीत लोग तुम्हारे नाम से शाप देंगे। मैं स्वामी, उनका प्रभु, तुम्हारा वध करूंगा। मैं अपने मनोनीत लोगों का एक दूसरा नाम रखूंगा।
ये ही उन पुरुषों के नाम हैं, जिन्हें मूसा ने कनान देश का भेद लेने के लिए भेजा था। मूसा ने नून के पुत्र होशे का नाम यहोशुअ रखा।
और वह उसे येशु के पास ले गया। येशु ने उसे ध्यान से देखा और कहा, “तुम योहन के पुत्र सिमोन हो। तुम केफा (अर्थात् चट्टान) कहलाओगे।”
“जिसके कान हों, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है। जो विजय प्राप्त करेगा, उसको मैं थोड़ा-सा गुप्त “मन्ना” और अनुग्रह का प्रतीक श्वेत पत्थर प्रदान करूँगा। उस पत्थर पर एक नया नाम अंकित होगा, जिसको पानेवाले के अतिरिक्त और कोई नहीं जानता।
शाऊल ने दाऊद से कहा, ‘मेरे पुत्र, दाऊद, तू धन्य है। तू महान कार्य करेगा, और उनमें सफल भी होगा।’ तत्पश्चात् दाऊद अपने मार्ग पर चला गया और शाऊल अपने स्थान को लौट आया।