इसहाक ने एसाव को उत्तर दिया, ‘मैंने उसे तेरा स्वामी बनाया है। मैंने उसके सब भाइयों को उसके सेवक बनने के लिए प्रदान कर दिया। मैंने अनाज और अंगूर से उसको सम्पन्न बना दिया। अब मेरे पुत्र, मैं तेरे लिए क्या कर सकता हूँ?’
उत्पत्ति 27:28 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) परमेश्वर तुझे आकाश से ओस एवं भूमि की सर्वोत्तम उपज, अधिकाधिक अनाज और अंगूर की फसल प्रदान करे। पवित्र बाइबल यहोवा तुम्हें बहुत वर्षा दे। जिससे तुम्हें बहुत फसल और दाखमधु मिले। Hindi Holy Bible सो परमेश्वर तुझे आकाश से ओस, और भूमि की उत्तम से उत्तम उपज, और बहुत सा अनाज और नया दाखमधु दे: पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परमेश्वर तुझे आकाश से ओस, और भूमि की उत्तम से उत्तम उपज, और बहुत सा अनाज और नया दाखमधु दे। नवीन हिंदी बाइबल परमेश्वर तुझे आकाश से ओस, और भूमि की उत्तम से उत्तम उपज, और बहुत सा अनाज तथा नया दाखमधु दे। सरल हिन्दी बाइबल अब परमेश्वर तुम्हें आकाश की ओस, पृथ्वी की अच्छी उपज तथा अन्न और नये दाखरस से आशीषित करेंगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परमेश्वर तुझे आकाश से ओस, और भूमि की उत्तम से उत्तम उपज, और बहुत सा अनाज और नया दाखमधु दे; |
इसहाक ने एसाव को उत्तर दिया, ‘मैंने उसे तेरा स्वामी बनाया है। मैंने उसके सब भाइयों को उसके सेवक बनने के लिए प्रदान कर दिया। मैंने अनाज और अंगूर से उसको सम्पन्न बना दिया। अब मेरे पुत्र, मैं तेरे लिए क्या कर सकता हूँ?’
तब उसके पिता इसहाक ने उसे उत्तर दिया, ‘उपजाऊ भूमि से दूर, ऊंचे आकाश की ओस से दूर, तेरा निवास स्थान होगा।
वहाँ से वे अपने पिता और अपने समस्त परिवार को लेकर तुम्हारे पास आएँ। मैं उनको मिस्र देश की सर्वोत्तम वस्तुएँ दूँगा। वे मिस्र देश के राजसी व्यंजन खाएँगे।
तेरे पिता के परमेश्वर के द्वारा, जो तेरी सहायता करेगा, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के द्वारा, जो तुझे ऊपर आकाश की आशिषें नीचे महासागर की आशिषें स्तन और गर्भाशय की आशिषें देगा।
‘ओ गिलबोअ पहाड़ियो! तुम पर ओस न गिरे, वर्षा न हो। ओ मैदानो, तुम विश्वासघाती हो। योद्धाओं की ढालें अशुद्ध हो गईं। शाऊल की ढाल तेल से अभिसंचित नहीं हुई;
गिलआद प्रदेश में तिश्बे नामक एक नगर था। इस नगर के रहनेवाले एलियाह ने अहाब से कहा, ‘जिस इस्राएली राष्ट्र के प्रभु परमेश्वर के सम्मुख मैं सेवारत रहता हूं, उस जीवंत प्रभु की सौगन्ध! जब तक मैं नहीं कहूंगा, तब तक इन वर्षों में न ओस गिरेगी और न वर्षा होगी।’
सुलेमान ने उसके राज-परिवार के लिए दो हजार टन गेहूं और नब्बे लाख लिटर जैतून का शुद्ध तेल भेजा। सुलेमान हीराम को यह प्रतिवर्ष भेजा करता था।
मैं लकड़ी काटने वाले आपके सेवकों के लिए दो हजार टन गेहूं, दो हजार टन जौ, नौ लाख लिटर अंगूर का रस और नौ लाख लिटर तेल दूंगा।’
तथा दाखरस, जो उसके हृदय को आनन्दित करता है, एवं मुख को चमकाने के लिए तेल, और रोटी, जो उसके हृदय को बल प्रदान करती है।
यह हेर्मोन पर्वत की ओस के समान है, जो सियोन की पहाड़ियों पर गिरती है! वहां प्रभु अपनी आशिष को, शाश्वत जीवन को प्रेषित करता है।
वे तेरे घर के विभिन्न व्यंजनों से तृप्त होते हैं। तू उन्हें अपनी सुख-सरिता से जल पिलाता है।
राजा का क्रोध सिंह की दहाड़ के समान भयानक होता है; पर उसकी कृपा घास पर पड़ी ओस की बून्द के सदृश जीवनदायक होती है।
ओ आकाश, धर्म की वर्षा कर। ओ आकाश-मण्डल, धार्मिकता बरसा। धरती की सतह खुल जाए, जिससे उद्धार का अंकुर फूटे। वह धार्मिकता को भी उपजाए। मैं-प्रभु ने ही उसे रचा है।
अन्य जातियां निस्सार मूर्तियों की आशा करती हैं। क्या उन में सामर्थ्य है कि वे आकाश से वर्षा कर दें? क्या स्वयं आकाश वर्षा कर सकता है? हे हमारे प्रभु परमेश्वर, क्या तू पहले-जैसा ‘वह’ नहीं रहा? प्रभु, हम तेरी ही आस लगाए बैठे हैं; क्योंकि तू ही इन सब कामों को करता है।
प्रभु ने उनकी प्रार्थना का उत्तर दिया। उसने कहा, ‘देखो, मैं अन्न, अंगूर-रस और जैतून का तेल तुम्हें भेज रहा हूं। तुम उन्हें खा-पीकर तृप्त होंगे। मैं तुम्हें अन्य राष्ट्रों में और अधिक बदनाम न होने दूंगा।
तब अनेक राष्ट्रों से घिरे हुए शेष याकूब-वंशीय प्रभु-प्रेषित ओस की बूंद के सदृश, घास पर बरसती वर्षा के समान होंगे, जो लोगों की पुकार की प्रतीक्षा नहीं करती, जो मनुष्यों की राह नहीं देखती।
वे पूर्ण निश्चिन्तता के साथ खेती-किसानी करेंगे, और समृद्ध होंगे। अंगूर-उद्यानों में फल लगेंगे। भूमि पर प्रचुरता से फसल होगी और आकाश से ओस की वर्षा होगी। मैं इस्राएल के शेष वंशजों को ये वस्तुएं प्रदान करूंगा और वे इन्हें प्राप्त करेंगे।
वह दिन कितना भला और सुन्दर होगा, युवा भरपेट भोजन करेंगे, और युवतियां नव अंगूर-रस से तृप्त होंगी।
देश समृद्ध है अथवा दरिद्र? वहाँ पेड़-पौधे हैं अथवा नहीं? तुम-सब साहसी बनो! तुम उस देश के कुछ फल भी लाना।’ वे दिन प्रथम पके अंगूरों के दिन थे।
ताजा सर्वोत्तम तेल, ताजा सर्वोत्तम अंगूर का रस और अन्न, उनकी पहली उपज, जो वे मुझ-प्रभु को चढ़ाते हैं, वह मैं तुझे प्रदान करता हूं।
यदि कुछ डालियाँ तोड़ कर अलग कर दी गयी हैं और तुम, ओ गैर-यहूदियो! जो जंगली जैतून हो, उनकी जगह पर कलम लगाये गये और जैतून की जड़ तथा उसके रस-भंडार के भागीदार बने,
मेरी शिक्षाएँ वर्षा के सदृश बरसें, मेरे शब्द ओस के सदृश टपकें, जैसे हरी घास पर रिमझिम वर्षा, जैसे वनस्पति पर बौछार!
मूसा ने यूसुफ कुल के विषय में यह कहा, ‘प्रभु ने इसके देश को आशिष दी है। ऊपर आकाश की सर्वोत्तम भेंट, नीचे गहरे झरनों का जल इसे प्राप्त है,
इस्राएल निरापद निवास करता है। याकूब के पुत्र अन्न और अंगूर के देश में एकान्त में शत्रुओं से सुरक्षित हैं। वहां आकाश ओस की वर्षा करता है।
वह तुझसे प्रेम करेगा, तुझे आशिष देगा, और तुझको शक्तिशाली बनाएगा। जिस देश को देने की शपथ उसने तेरे पूर्वजों से खाई है, उस देश में वह तेरी देह के फल पर, तेरी भूमि की उपज पर, तेरे अन्न पर, तेरे अंगूर के रस पर और तेरे तेल पर आशिष देगा। वह तेरे पालतू पशुओं और भेड़-बकरियों के बच्चों को बढ़ाएगा।
जब तक समस्त इस्राएली कौम के पुरुषों की, मिस्र देश से बाहर निकलने वाले सैनिकों की, मृत्यु नहीं हुई, तब तक वे चालीस वर्ष तक निर्जन प्रदेश में भटकते रहे, क्योंकि उन्होंने प्रभु की वाणी नहीं सुनी थी। प्रभु ने शपथ खाई कि वह उन्हें उस देश के, दूध और शहद की नदियों वाले देश के, दर्शन नहीं कराएगा, जिसको प्रदान करने की शपथ उसने उनके पूर्वजों से खाई थी।