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यशायाह 45:8 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

8 ओ आकाश, धर्म की वर्षा कर। ओ आकाश-मण्‍डल, धार्मिकता बरसा। धरती की सतह खुल जाए, जिससे उद्धार का अंकुर फूटे। वह धार्मिकता को भी उपजाए। मैं-प्रभु ने ही उसे रचा है।

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पवित्र बाइबल

8 “उपर आकाश से पुण्य ऐसे बरसता है जैसे मेघ से वर्षा धरती पर बरसती है! धरती खुल जाती है और पुण्य कर्म उसके साथ—साथ उग आते हैं जो मुक्ति में फलते फूलते हैं। मैंने, मुझ यहोवा ने ही यह सब किया है।

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Hindi Holy Bible

8 हे आकाश, ऊपर से धर्म बरसा, आकाशमण्डल से धर्म की वर्षा हो; पृथ्वी खुले कि उद्धार उत्पन्न हो; और धर्म भी उसके संग उगाए; मैं यहोवा ही ने उसे उत्पन्न किया है॥

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

8 हे आकाश, ऊपर से धर्म बरसा, आकाशमण्डल से धर्म की वर्षा हो; पृथ्वी खुले कि उद्धार उत्पन्न हो; और धर्म भी उसके संग उगाए; मैं यहोवा ही ने उसे उत्पन्न किया है।

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सरल हिन्दी बाइबल

8 “हे आकाश, अपनी ऊंचाई से धार्मिकता बरसा और बादल से धार्मिकता की बारिश हो. पृथ्वी खुल जाए, जिससे उद्धार हो, और नीति भी उसके साथ उगे; मैं, याहवेह ने ही इसकी सृष्टि की है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

8 हे आकाश ऊपर से धार्मिकता बरसा, आकाशमण्डल से धार्मिकता की वर्षा हो; पृथ्वी खुले कि उद्धार उत्पन्न हो; और धार्मिकता भी उसके संग उगाए; मैं यहोवा ही ने उसे उत्पन्न किया है।

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यशायाह 45:8
29 क्रॉस रेफरेंस  

“ओ सनहेरिब! क्‍या तूने यह नहीं सुना? पूर्वकाल में मैंने उसकी योजना बनाई थी; बहुत पहले से मैं उसको निर्धारित कर चुका था; और अब उसको कार्यरूप में परिणत कर रहा हूं। उस योजना में तेरा कार्य केवल यह था कि तू किलाबन्‍द नगरों को खण्‍डहर के ढेरों में बदल दे!


तब परमेश्‍वर, तेरी उपस्‍थिति से भूमि कांपने लगी और आकाश बरसने लगा था। यह सीनय पर्वत भी, परमेश्‍वर, इस्राएल के परमेश्‍वर की उपस्‍थिति से थर्राने लगा था।


पहाड़ और पहाड़ियां धार्मिकता के द्वारा लोगों को समृद्ध बनाएं।


वह ठूंठी घास पर होनेवाली वर्षा के समान, भूमि को सींचनेवाली बौछार के सदृश हो!


यिशय वंश के तने से एक शाखा निकलेगी; उसकी जड़ से एक टहनी फूटेगी, और फलवंत होगी।


जब ऊपर से हम पर आत्‍मा उंडेला जाएगा तब यह निर्जन प्रदेश उपजाऊ भूमि में बदल जाएगा, और उपजाऊ भूमि ही वन मानी जाएगी।


उस दिन प्रभु का अंकुर, जिसको उसने रोपा था, सुन्‍दर और भव्‍य होगा, शेष बचे हुए इस्राएलियों के लिए भूमि की उपज गौरव और गर्व की बात होगी।


तेरा मुक्‍तिदाता, तुझे गर्भ में गढ़नेवाला प्रभु यों कहता है: “मैं ही प्रभु हूं, मैं ही सबका बनानेवाला हूं। मैंने ही आकाश को वितान के समान ताना है, मैंने ही पृथ्‍वी को आकार दिया है। उस समय मेरे साथ कौन था?


मैं प्‍यासी भूमि को पानी दूंगा, सूखी भूमि पर नदियाँ बहाऊंगा। मैं तेरे वंशजों पर अपना आत्‍मा उण्‍डेलूंगा, तेरी सन्‍तान पर अपनी आशिष की वर्षा करूंगा।’


मैं अपना उद्धार तुम्‍हारे समीप ला रहा हूं, अब वह तुमसे बहुत दूर नहीं है। मेरी ओर से उद्धार में देर नहीं होगी। मैं सियोन को अपना उद्धार, और इस्राएल को अपनी महिमा प्रदान करूंगा।


भला होता कि तू मेरी आज्ञाओं को ध्‍यान से सुनता, तब नदी के बहते जल की तरह, तेरा कल्‍याण होता, सागर की लहरों की तरह तेरी धार्मिकता होती।


प्रभु का सेवक एक नन्‍हा पौधा-जैसा उसके सम्‍मुख उगा; वह जड़ के सदृश शुष्‍क भूमि से फूटा। उसमें न रूप था, और न आकर्षण कि हम उसे देखते; उसमें सुन्‍दरता भी न थी, कि हम उसकी कामना करते।


तेरे सब निवासी धार्मिक होंगे; वे सदा के लिए देश पर अधिकार करेंगे, जिससे मेरी महिमा हो। ये लोग मेरे पौधे की शाखाएँ हैं; इन्‍हें मैंने अपने हाथ से रचा है।


जैसे भूमि उपज को उगाती है, जैसे उद्यान में बोया गया बीज अंकुरित होता है, वैसे ही स्‍वामी-प्रभु समस्‍त राष्‍ट्रों के सम्‍मुख धार्मिकता और स्‍तुति अपने निज लोगों में अंकुरित करेगा।


प्रभु ने मुझे इसलिए भेजा है कि मैं सियोन में शोक करनेवालों को राख नहीं, वरन् विजय-माला पहनाऊं; विलाप नहीं, बल्‍कि उनके मुख पर आनन्‍द का तेल मलूं, उन्‍हें निराशा की आत्‍मा नहीं, वरन् स्‍तुति की चादर ओढ़ाऊं, ताकि वे धार्मिकता के बांज वृक्ष कहलाएँ; वे प्रभु के पौधे कहलाएँ और उनसे प्रभु की महिमा हो।


प्रभु यह कहता है; ‘जिस प्रकार नया आकाश और नई पृथ्‍वी, जो मैं बनानेवाला हूं, मेरे सम्‍मुख स्‍थिर रहेंगे, उसी प्रकार तुम्‍हारे वंशज और तुम्‍हारा नाम स्‍थिर रहेंगे।


ओ चंचल पुत्री! तू कब तक यहां-वहां भटकती रहेगी? मैं-प्रभु ने पृथ्‍वी पर एक नई व्‍यवस्‍था की है : नारी पुरुष की रक्षा करेगी।’


मैं उनको और अपनी पहाड़ी के आसपास के स्‍थानों को आशिष का कारण बनाऊंगा। मैं वर्षा के मौसम पर वर्षा करूंगा, और यह वर्षा आशिष की वर्षा होगी।


अपनी भलाई के लिए धार्मिकता के बीज बोओ, तब करुणा की फसल काटोगे। अपनी परती भूमि को जोतो। प्रभु को ढूंढ़ने का यह समय है, जिससे वह तुम्‍हारे पास आए, और तुम पर धार्मिकता की वर्षा करे।


‘उस दिन यह घटना घटेगी : पहाड़ों से अंगूर-रस चूएगा, पहाड़ियों पर दूध की नदियां बहेंगी, यहूदा प्रदेश की बरसाती नदियां जल से भर जाएंगी। प्रभु के भवन से एक झरना फूटेगा, जो शिट्टीम घाटी को सींचेगा।


अब वह परमेश्‍वर के दाहिने हाथ से उन्नत हुए और उन्‍हें पिता से पवित्र आत्‍मा प्राप्‍त हुआ, जिसकी प्रतिज्ञा की गई थी। उन्‍होंने उसे उंडेल दिया, जैसा कि आप देख और सुन रहे हैं।


परमेश्‍वर ने हमारी रचना की। उसने येशु मसीह में हमारी सृष्‍टि की, जिससे हम उन शुभ कार्यों को पूर्ण करते रहें, जिन्‍हें परमेश्‍वर ने हमारे लिए तैयार किया है।


और एक नवीन स्‍वभाव धारण करें, जिसकी सृष्‍टि परमेश्‍वर के अनुसार हुई है और जो धार्मिकता तथा सच्‍ची पवित्रता में व्‍यक्‍त होता है।


हमारे पर का पालन करें:

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