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यिर्मयाह 14:22 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

22 अन्‍य जातियां निस्‍सार मूर्तियों की आशा करती हैं। क्‍या उन में सामर्थ्य है कि वे आकाश से वर्षा कर दें? क्‍या स्‍वयं आकाश वर्षा कर सकता है? हे हमारे प्रभु परमेश्‍वर, क्‍या तू पहले-जैसा ‘वह’ नहीं रहा? प्रभु, हम तेरी ही आस लगाए बैठे हैं; क्‍योंकि तू ही इन सब कामों को करता है।

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पवित्र बाइबल

22 विदेशी देवमूर्तियों में वर्षा लाने की शक्ति नहीं हैं, आकाश में पानी बरसाने की शक्ति नहीं है। केवल तू ही हमारी आशा है, एकमात्र तू ही है जिसने यह सब कुछ बनाया है।

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Hindi Holy Bible

22 क्या अन्यजातियों की मूरतों में से कोई वर्षा कर सकता है? क्या आकाश झडिय़ां लगा सकता है? हे हमारे परमेश्वर यहोवा, क्या तू ही इन सब बातों का करने वाला नहीं है? हम तेरा ही आसरा देखते रहेंगे, क्योंकि इन सारी वस्तुओं का सृजनहार तू ही है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

22 क्या जाति–जाति की मूरतों में से कोई वर्षा कर सकता है? क्या आकाश झड़ियाँ लगा सकता है? हे हमारे परमेश्‍वर यहोवा, क्या तू ही इन सब बातों का करनेवाला नहीं है? हम तेरा ही आसरा देखते रहेंगे, क्योंकि इन सारी वस्तुओं का सृजनहार तू ही है।

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सरल हिन्दी बाइबल

22 क्या जनताओं के देवताओं में कोई ऐसा है, जो वृष्टि दे सके? अथवा क्या वृष्टि आकाश से स्वयमेव ही हो जाती है? याहवेह, हमारे परमेश्वर, क्या आप ही वृष्टि के बनानेवाले नहीं? हमारा भरोसा आप पर ही है, क्योंकि आप ही हैं जिन्होंने यह सब बनाया है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

22 क्या जाति-जाति की मूरतों में से कोई वर्षा कर सकता है? क्या आकाश झड़ियाँ लगा सकता है? हे हमारे परमेश्वर यहोवा, क्या तू ही इन सब बातों का करनेवाला नहीं है? हम तेरा ही आसरा देखते रहेंगे, क्योंकि इन सारी वस्तुओं का सृजनहार तू ही है।

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यिर्मयाह 14:22
39 क्रॉस रेफरेंस  

गिलआद प्रदेश में तिश्‍बे नामक एक नगर था। इस नगर के रहनेवाले एलियाह ने अहाब से कहा, ‘जिस इस्राएली राष्‍ट्र के प्रभु परमेश्‍वर के सम्‍मुख मैं सेवारत रहता हूं, उस जीवंत प्रभु की सौगन्‍ध! जब तक मैं नहीं कहूंगा, तब तक इन वर्षों में न ओस गिरेगी और न वर्षा होगी।’


इस्राएली राष्‍ट्र का प्रभु परमेश्‍वर यों कहता है : “जिस दिन तक मैं भूमि पर वर्षा नहीं करूंगा, उस दिन तक घड़े का आटा समाप्‍त नहीं होगा और कुप्‍पी का तेल नहीं चुकेगा।” ’


अनेक दिन बीत गए। अकाल के तीसरे वर्ष एलियाह को प्रभु का यह वचन सुनाई दिया, ‘जा, और राजा अहाब के सम्‍मुख स्‍वयं को प्रकट कर। मैं भूमि पर वर्षा करूंगा।’


तो तू स्‍वर्ग से उनकी प्रार्थना सुनना। अपने सेवकों, अपने निज लोग इस्राएलियों के पाप क्षमा करना। जिस सन्‍मार्ग पर उन्‍हें चलना चाहिए अपने उस सन्‍मार्ग की शिक्षा उनको देना। यह देश तूने अपने निज लोगों को पैतृक-अधिकार के लिए दिया है। अत: प्रभु, तू इस देश को वर्षा प्रदान करना।


जब उसने वर्षा का नियम निश्‍चित किया, और मेघ-गर्जन तथा बिजली का मार्ग निर्धारित किया,


वह पृथ्‍वी पर जल बरसाता है, वह खेतों को सींचता है।


मैं प्रभु की प्रतीक्षा करता हूं; मेरा प्राण प्रतीक्षा करता है; मैं प्रभु के वचन की आशा करता हूं।


वह पृथ्‍वी के छोर से बादल उठाता है, वह वर्षा के लिए विद्युत चमकाता है, वह अपने स्‍वर्गिक भण्‍डार-गृहों से पवन बहाता है।


वह आकाश को बादलों से आच्‍छादित करता और पृथ्‍वी के लिए वर्षा तैयार करता है; वह पर्वतों पर घास उगाता है।


सच्‍चरित्रता और सत्‍यनिष्‍ठा मेरी रक्षा करें, क्‍योंकि मैं तेरी ही प्रतीक्षा करता हूँ।


उन्‍हें भी लज्‍जित न होने देना, जो तेरी प्रतीक्षा करते हैं, परन्‍तु वे लज्‍जित हों, जो अकारण विश्‍वासघात करते हैं।


प्रभु की प्रतीक्षा करो; शक्‍तिशाली बनो; और तुम्‍हारा हृदय साहसी हो; निश्‍चय ही प्रभु की प्रतीक्षा करो।


प्रभु अब भी प्रतीक्षा कर रहा है कि तुम प्रायश्‍चित करो, और वह तुम कर कृपा करे। वह तुम पर दया करने को तत्‍पर है। प्रभु न्‍याय करनेवाला परमेश्‍वर है। धन्‍य हैं वे, जो उसकी प्रतीक्षा करते हैं।


प्रभु तुम्‍हारे खेतों में बोए हुए बीजों के लिए समय पर वर्षा करेगा, और तुम्‍हारे खेतों में खूब फसल होगी, भरपूर उपज उत्‍पन्न होगी। उस दिन तुम्‍हारे पशु बड़े-बड़े चरागाहों में घास चरेंगे।


देखो, उनका अस्‍तित्‍व व्‍यर्थ है, उनके कार्य व्‍यर्थ हैं, उनकी ढली हुई मूर्तियाँ कोरी हवा हैं।


प्रभु परमेश्‍वर ने ही पृथ्‍वी को अपने सामर्थ्य से बनाया है; उसने ही संसार को अपनी बुद्धि से स्‍थित किया है। प्रभु परमेश्‍वर ने आकाश को अपनी समझ से फैलाया है।


जब वह बोलता है, तब आकाश में महासागर उमड़ पड़ता है। वह पृथ्‍वी के सीमान्‍तों से कुहरे को उठाता है। वह वर्षा के लिए बिजली चमकाता है, और अपने भण्‍डारगृहों में से पवन बहाता है।


वे निस्‍सार हैं, वे मनुष्‍यों को भ्रम के जाल में फंसाती हैं। दण्‍ड के समय वे भी नष्‍ट होंगी।


उन राष्‍ट्रों की ये धर्म-रीतियां निस्‍सार हैं: जंगल का एक वृक्ष काटा जाता है, और बढ़ई बसूले से उसको काटता-छांटता है, और उसकी मूर्ति बनाता है।


हे प्रभु, तू ही मेरा बल और मेरा गढ़ है; संकट के समय मैं तेरी ही शरण में आता हूं। प्रभु, विश्‍व के कोने-कोने से, सब राष्‍ट्रों के लोग तेरे सम्‍मुख आएंगे, और यह कहेंगे : ‘निस्‍सन्‍देह, हमारे पूर्वजों को पैतृक अधिकार में असत्‍य के अतिरिक्‍त कुछ नहीं मिला; उन्‍हें निस्‍सार वस्‍तुएं प्राप्‍त हुई जो मनुष्‍य को लाभ नहीं पहुंचातीं।


‘ओ यिर्मयाह, वे मुझ-प्रभु के विषय में झूठा प्रचार करते हैं। वे कहते हैं कि मैं कुछ नहीं करूँगा। उनका अनिष्‍ट नहीं होगा। न उन पर शत्रु का आक्रमण होगा, और न उनके देश में अकाल पड़ेगा।


वे अपने हृदय में यह नहीं कहते हैं, “आओ, हम अपने प्रभु परमेश्‍वर की आराधना करें; क्‍योंकि प्रभु ही उचित समय पर पानी बरसाता है, वह हमें शिशिर ऋतु में वर्षा देता है; वसंत ऋतु में भी वर्षा करता है। हमारे लिए फसल का समय भी उसने निश्‍चित् कर दिया है।”


जब वह बोलता है तब आकाश में महासागर उमड़ पड़ता है। वह पृथ्‍वी के सीमान्‍तों से कुहरा उठाता है। वह वर्षा के लिए बिजली चमकाता है, और अपने भण्‍डारगृहों से पवन बहाता है।


वह अपने प्रेमियों का पीछा करेगी, पर वह उन्‍हें पकड़ न पाएगी, वह उन्‍हें खोजेगी, पर वह उन्‍हें पा न सकेगी। तब वह यह कहेगी : ‘मैं अपने पुराने पति के पास लौट जाऊंगी; क्‍योंकि मेरी उस समय की स्‍थिति आज की स्‍थिति से अच्‍छी थी।’


‘ओ सियोन के निवासियो, प्रसन्न हो; अपने प्रभु परमेश्‍वर में आनन्‍द मनाओ। मैंने धार्मिकता के लिए तुम्‍हें एक गुरु प्रदान किया है। फिर, मैंने तुम्‍हारे लिए अपार वर्षा की है। पहले के समान मैंने शरदकालीन और वसंतकालीन वर्षा की है।


‘फसल की कटनी के तीन महीने शेष थे, और मैंने तुम पर वर्षा नहीं की। मैंने एक नगर में वर्षा की, पर दूसरे नगर को सूखा रखा। एक खेत को पानी मिला, पर दूसरा खेत पानी के अभाव में सूख गया।


वे असीरिया देश पर तलवार से, राजा निमरोद के देश पर नंगी तलवार से शासन करेंगे। जब असीरियाई सेना हमारे देश पर शासन करेगी, हमारी सीमा पर पैर रखेगी तब वे उसमें से हमें मुक्‍त करेंगे।


मैं प्रभु की ओर दृष्‍टि लगाए हूं; मैं अपने उद्धारकर्ता परमेश्‍वर की प्रतीक्षा में हूं, मेरा परमेश्‍वर मेरी आवाज सुनेगा।


इससे तुम अपने स्‍वर्गिक पिता की सन्‍तान बन जाओगे; क्‍योंकि वह भले और बुरे, दोनों पर अपना सूर्य उगाता तथा धर्मी और अधर्मी, दोनों पर पानी बरसाता है।


समय पर तेरे खेतों पर वर्षा करने के लिए, तेरे सब काम-धन्‍धों पर आशिष देने के लिए प्रभु आकाश के अपने उत्तम भण्‍डार-गृहों को खोल देगा। तब तू अनेक राष्‍ट्रों को ऋण देगा, पर तू स्‍वयं ऋण नहीं लेगा।


जो ईश्‍वर नहीं है, उसके प्रति निष्‍ठा प्रदर्शित कर उन्‍होंने मुझमें ईष्‍र्या उत्‍पन्न की। उन्‍होंने अपने देवताओं की मूर्तियों से मुझे चिढ़ाया। मैं ऐसे लोगों द्वारा उनमें जलन उत्‍पन्न करूंगा, जो चुने हुए लोग नहीं हैं! मैं मूर्ख राष्‍ट्र के द्वारा उन्‍हें चिढ़ाऊंगा।


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