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1 राजाओं 17:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

1 गिलआद प्रदेश में तिश्‍बे नामक एक नगर था। इस नगर के रहनेवाले एलियाह ने अहाब से कहा, ‘जिस इस्राएली राष्‍ट्र के प्रभु परमेश्‍वर के सम्‍मुख मैं सेवारत रहता हूं, उस जीवंत प्रभु की सौगन्‍ध! जब तक मैं नहीं कहूंगा, तब तक इन वर्षों में न ओस गिरेगी और न वर्षा होगी।’

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पवित्र बाइबल

1 एलिय्याह गिलाद में तिशबी नगर का एक नबी था। एलिय्याह ने राजा अहाब से कहा, “मैं यहोवा, इस्राएल के परमेश्वर की सेवा करता हूँ। उसकी शक्ति के बल पर मैं भविष्यवाणी करता हूँ कि अगले कुछ वर्षों में न तो ओस गिरेगी, और न ही वर्षा होगी। वर्षा तभी होगी जब मैं उसके होने का आदेश दूँगा।”

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Hindi Holy Bible

1 और तिशबी एलिय्याह जो गिलाद के परदेसियों में से था उसने अहाब से कहा, इस्राएल का परमेश्वर यहोवा जिसके सम्मुख मैं उपस्थित रहता हूँ, उसके जीवन की शपथ इन वर्षों में मेरे बिना कहे, न तो मेंह बरसेगा, और न ओस पड़ेगी।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

1 तिशबी एलिय्याह जो गिलाद के परदेसियों में से था, उसने अहाब से कहा, “इस्राएल का परमेश्‍वर यहोवा जिसके सम्मुख मैं उपस्थित रहता हूँ, उसके जीवन की शपथ इन वर्षों में मेरे बिना कहे, न तो मेंह बरसेगा, और न ओस पड़ेगी।”

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सरल हिन्दी बाइबल

1 गिलआद क्षेत्र के तिशबे नगर के निवासी एलियाह ने अहाब से कहा, “इस्राएल के जीवित परमेश्वर याहवेह की शपथ, मैं जिनका सेवक हूं, आनेवाले सालों में बिना मेरे कहे, न तो ओस पड़ेगी और न ही बारिश होगी.”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

1 तिशबी एलिय्याह जो गिलाद का निवासी था उसने अहाब से कहा, “इस्राएल का परमेश्वर यहोवा जिसके सम्मुख मैं उपस्थित रहता हूँ, उसके जीवन की शपथ इन वर्षों में मेरे बिना कहे, न तो मेंह बरसेगा, और न ओस पड़ेगी।” (लूका 4:25, याकू. 5:17, प्रका. 11:6)

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1 राजाओं 17:1
41 क्रॉस रेफरेंस  

वह बोली, ‘आपके जीवंत प्रभु परमेश्‍वर की सौगन्‍ध! मेरे घर में पका हुआ भोजन नहीं है। घड़े में मुट्ठी भर आटा, और कुप्‍पी में नाममात्र को तेल है। मैं दो-एक लकड़ी बीन रही हूं। मैं घर जाकर अपने लिए और अपने पुत्र के लिए रोटी बनाऊंगी। तब हम खाएंगे। इसके बाद तो भूख से मरना ही है।’


प्रभु का यह वचन एलियाह को सुनाई दिया,


अनेक दिन बीत गए। अकाल के तीसरे वर्ष एलियाह को प्रभु का यह वचन सुनाई दिया, ‘जा, और राजा अहाब के सम्‍मुख स्‍वयं को प्रकट कर। मैं भूमि पर वर्षा करूंगा।’


आपके जीवंत प्रभु परमेश्‍वर की सौगन्‍ध! मैं यह सच कह रहा हूं। पृथ्‍वी का कोई राष्‍ट्र, कोई राज्‍य नहीं बचा, जहाँ आपको महाराज ने नहीं ढूंढ़ा। जब उन राष्‍ट्रों अथवा राज्‍यों ने यह कहा, “एलियाह यहाँ नहीं है,” तब महाराज ने उन्‍हें शपथ खिलाई और उनके मुख से यह कहलवाया कि उन्‍होंने सचमुच आपको नहीं देखा है।


तब एलियाह ने कहा, ‘जिस स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु के सम्‍मुख में सेवारत रहता हूं, उस जीवंत प्रभु की सौगन्‍ध! मैं आज ही अहाब के सम्‍मुख प्रकट होऊंगा।’


किन्‍तु मीकायाह ने कहा, ‘जीवन्‍त प्रभु की सौगन्‍ध! जो वचन प्रभु मुझसे कहेगा, वही मैं बोलूंगा।’


‘जब वे तेरे विरुद्ध पाप करेंगे, और तू आकाश के झरोखे बन्‍द कर देगा, और उनके देश में वर्षा नहीं होगी, तब यदि वे इस भवन की ओर मुख कर प्रार्थना करेंगे, तेरे नाम का गुणगान करेंगे, जब तू उनको दण्‍ड दे चुका होगा, और वे पाप को छोड़कर तेरी ओर लौटेंगे,


प्रभु का दूत तिश्‍बे नगर के नबी एलियाह से बोला, ‘उठ, और सामरी राजा के दूतों से मिलने के लिए जा। तू उनसे यह कहना : “क्‍या इस्राएली राष्‍ट्र का अपना परमेश्‍वर नहीं है जो तुम एक्रोन नगर के देवता बअल-जबूल के पास पूछने के लिए जा रहे हो?


एलीशा ने कहा, ‘जिस स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु की सेवा मैं करता हूं, उस जीवन्‍त प्रभु की सौगन्‍ध! यदि मैं यहूदा प्रदेश के राजा यहोशाफट की उपस्‍थिति का सम्‍मान न करता तो मैं आंख उठाकर भी आपकी ओर न देखता, मैं आपका मुंह भी न देखता।


एलीशा गिलगाल नगर को लौट गए। उस समय देश में अकाल था। एक दिन नबियों का दल एलीशा के सम्‍मुख बैठा था। एलीशा ने अपने सेवक से कहा, ‘चूल्‍हे पर हण्‍डा चढ़ा, और नबियों के लिए भोजन तैयार कर।’


परन्‍तु एलीशा ने कहा, ‘जीवन्‍त परमेश्‍वर की सौगन्‍ध, जिसकी सेवा मैं करता हूं! मैं कुछ भी भेंट स्‍वीकार नहीं करूंगा।’ नामान ने बहुत अनुनय-विनय की, किन्‍तु एलीशा ने अस्‍वीकार कर दिया।


तब परमेश्‍वर के जन एलीशा के सेवक गेहजी ने यह सोचा, ‘मेरे गुरु ने इस सीरियाई नामान को यों ही छोड़ दिया। जो भेंट वह लाया था, उसको उन्‍होंने अपने हाथ से स्‍वीकार नहीं किया। जीवन्‍त प्रभु की सौगन्‍ध! मैं उसके पीछे दौड़कर जाऊंगा, और उससे कुछ भेंट लूंगा।’


नबी एलियाह ने योराम के इन कार्यों के सम्‍बन्‍ध में उसको एक पत्र भेजा। पत्र में यह लिखा था, ‘महाराज, आपके पूर्वज दाऊद का प्रभु परमेश्‍वर यों कहता है : “तूने न तो अपने पिता यहोशाफट के सदृश आचरण किया और न ही यहूदा प्रदेश के राजा आसा के आचरण के सदृश।


‘जब वे तेरे विरुद्ध पाप करेंगे और तू आकाश के झरोखे बन्‍द कर देगा और उनके देश में वर्षा नहीं होगी, तब यदि वे इस भवन की ओर मुख कर प्रार्थना करेंगे, तेरे नाम का गुणगान करेंगे, जब तू उनको दण्‍ड दे चुका होगा और वे पाप को छोड़कर तेरी ओर लौटेंगे,


यदि वह वर्षा को रोक दे तो नदियाँ सूख जाएंगी; यदि वह आकाश के झरोखे खोल दे तो उनमें बाढ़ आ जाएगी।


अपनी आंखें चारों ओर उठा, और देख; तेरे पुत्र और पुत्रियां एकत्र हो गए, वे तेरे पास आ रहे हैं। मैं-प्रभु स्‍वयं अपनी शपथ लेता हूं : तू उन सब को आभूषण की तरह पहिन लेगी। जैसे दुल्‍हन गहना धारण करती है, वैसे तू उन्‍हें धारण करेगी!


मैं उसको उजाड़ दूंगा; मैं उसको नहीं छांटूंगा, और न कुदाली से खोदकर उसको निराऊंगा। तब उसमें कंटीले झाड़-झंखाड़ उग आएंगे। मैं बादलों को भी आदेश दूंगा, कि वे उस पर पानी न बरसाएँ।


अन्‍य जातियां निस्‍सार मूर्तियों की आशा करती हैं। क्‍या उन में सामर्थ्य है कि वे आकाश से वर्षा कर दें? क्‍या स्‍वयं आकाश वर्षा कर सकता है? हे हमारे प्रभु परमेश्‍वर, क्‍या तू पहले-जैसा ‘वह’ नहीं रहा? प्रभु, हम तेरी ही आस लगाए बैठे हैं; क्‍योंकि तू ही इन सब कामों को करता है।


अत: प्रभु ने मुझसे यों कहा: ‘ओ यिर्मयाह, यदि तू पश्‍चात्ताप करे और मेरे पास लौटे तो मैं तुझे पुन: स्‍वीकार करूंगा; तुझे फिर अपनी सेवा में लूंगा। यदि तू केवल मेरे अनमोल वचन बोलेगा, और निरर्थक वचन नहीं कहेगा, तो तू निस्‍सन्‍देह मेरा मुंह कहलाएगा! तब लोग तेरी ओर लौटेंगे, और तुझे उनके पास लौटना न पड़ेगा।


हनन्‍याह, प्राचीन काल से जो नबी मुझ से और तुम से पहले हुए हैं, उन्‍होंने अनेक देशों और राज्‍यों के विरुद्ध नबूवत की थी कि वे युद्ध, अकाल और महामारी से नष्‍ट हो जाएंगे।


सुनो, इसलिए तुम्‍हारे सिर के ऊपर का आकाश ओस नहीं बरसाता और नीचे की धरती उपज पैदा नहीं करती।


यदि तुम मानना चाहो, तो मेरी बात मान लो कि योहन वही एलियाह हैं, जो आने वाले थे।


शिष्‍यों ने उत्तर दिया, “कुछ लोग कहते हैं, योहन बपतिस्‍मादाता; कुछ कहते हैं, नबी एलियाह और कुछ लोग कहते हैं, नबी यिर्मयाह अथवा नबियों में से कोई एक नबी।”


यह सुन कर पास खड़े लोगों में से कुछ बोले, “यह नबी एलियाह को पुकार रहा है।”


कुछ लोगों ने कहा, “रहने दो! देखें, एलियाह इसे बचाने आते हैं या नहीं।”


क्‍योंकि येशु उनके शास्‍त्रियों की तरह नहीं बल्‍कि अधिकार के साथ उन्‍हें शिक्षा देते थे।


वह नबी एलियाह के सदृश आत्‍मा और सामर्थ्य से सम्‍पन्न होकर प्रभु का अग्रदूत बनेगा, जिससे वह माता-पिता और उनकी संतान में मेल कराए और आज्ञा-उल्‍लंघन करने वालों को धार्मिकों की सद्बुद्धि प्रदान करे, और प्रभु के लिए एक सुयोग्‍य प्रजा तैयार करे।”


स्‍वर्गदूत ने उसे उत्तर दिया, “मैं गब्रिएल स्‍वर्गदूत हूँ। परमेश्‍वर के सामने उपस्‍थित रहता हूँ। मैं आप से बातें करने और आप को यह शुभ समाचार सुनाने भेजा गया हूँ।


इसलिए सदा जागते रहो और प्रार्थना करते रहो, जिससे तुम इन सब आने वाले संकटों से बचने और मानव-पुत्र के सामने खड़े होने में समर्थ हो सको।”


अचानक शिष्‍यों ने दो पुरुषों को उनके साथ बातचीत करते हुए देखा। वे मूसा और एलियाह थे।


वे पुरुष येशु से विदा हो ही रहे थे कि पतरस ने येशु से कहा, “स्‍वामी! यह हमारे लिए कितना अच्‍छा है कि हम यहाँ हैं! हम तीन तम्‍बू खड़ा करें−एक आपके लिए, एक मूसा के लिए और एक एलियाह के लिए।” उसे पता नहीं था कि वह क्‍या कह रहा है।


जब उनके शिष्‍य याकूब और योहन ने यह देखा तब वे बोल उठे, “प्रभु! क्‍या आप चाहते हैं कि हम आज्ञा दें कि आकाश से आग बरसे और उन्‍हें भस्‍म कर दे।”


उन लोगों ने योहन से पूछा, “तो फिर आप कौन हैं? क्‍या आप नबी एलियाह हैं?” योहन ने कहा, “मैं एलियाह नहीं हूँ?”−“क्‍या आप वह नबी हैं जो आने वाले थे?” योहन ने उत्तर दिया, “नहीं।”


उन्‍होंने योहन से पूछा, “यदि आप न तो मसीह हैं, न एलियाह और न वह नबी, तो बपतिस्‍मा क्‍यों देते हैं?”


क्‍योंकि मैं जिस परमेश्‍वर का सेवक तथा उपासक हूँ, उसके दूत ने आज रात मेरे समीप खड़े होकर


परमेश्‍वर ने अपनी उस प्रजा को, जिसे उसने अपनाया, नहीं त्‍यागा है। क्‍या आप नहीं जानते कि धर्मग्रन्‍थ नबी एलीयाह के विषय में क्‍या कहता है, जब वह परमेश्‍वर के सामने इस्राएल पर अभियोग लगाते हैं?—


उस समय प्रभु ने लेवी कुल को पृथक किया कि वे प्रभु की विधान-मंजूषा को वहन करें। वे प्रभु के सम्‍मुख प्रस्‍तुत रहकर उसकी सेवा करें और उसके नाम से आशिष दें, जैसा वे आज भी करते हैं।


नबी एलियाह हमारी ही तरह सामान्‍य मनुष्‍य थे। उन्‍होंने आग्रह के साथ इसलिए प्रार्थना की कि पानी न बरसे और साढ़े तीन वर्ष तक पृथ्‍वी पर पानी नहीं बरसा।


इन्‍हें आकाश का द्वार बन्‍द करने का अधिकार है, ताकि इनकी नबूवत के समय पानी नहीं बरसे। इन्‍हें पानी को रक्‍त में बदलने का और जब-जब ये चाहें, तब-तब पृथ्‍वी पर हर प्रकार की महामारी भेजने का अधिकार है।


तत्‍पश्‍चात् यिफ्‍ताह ने गिलआद प्रदेश के सब सैनिकों को एकत्र किया, और एफ्रइम की सेना से युद्ध छेड़ दिया। गिलआद के सैनिकों ने एफ्रइम के सैनिकों को मार डाला। एफ्रइम के सैनिक कहते थे, ‘ओ गिलआद के रहनेवालो, तुम एफ्रइम प्रदेश और मनश्‍शे प्रदेश के मध्‍य निवास करनेवाले एफ्रइम गोत्र के भगोड़े हो!’


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