1 एलिय्याह गिलाद में तिशबी नगर का एक नबी था। एलिय्याह ने राजा अहाब से कहा, “मैं यहोवा, इस्राएल के परमेश्वर की सेवा करता हूँ। उसकी शक्ति के बल पर मैं भविष्यवाणी करता हूँ कि अगले कुछ वर्षों में न तो ओस गिरेगी, और न ही वर्षा होगी। वर्षा तभी होगी जब मैं उसके होने का आदेश दूँगा।”
1 और तिशबी एलिय्याह जो गिलाद के परदेसियों में से था उसने अहाब से कहा, इस्राएल का परमेश्वर यहोवा जिसके सम्मुख मैं उपस्थित रहता हूँ, उसके जीवन की शपथ इन वर्षों में मेरे बिना कहे, न तो मेंह बरसेगा, और न ओस पड़ेगी।
1 गिलआद प्रदेश में तिश्बे नामक एक नगर था। इस नगर के रहनेवाले एलियाह ने अहाब से कहा, ‘जिस इस्राएली राष्ट्र के प्रभु परमेश्वर के सम्मुख मैं सेवारत रहता हूं, उस जीवंत प्रभु की सौगन्ध! जब तक मैं नहीं कहूंगा, तब तक इन वर्षों में न ओस गिरेगी और न वर्षा होगी।’
1 तिशबी एलिय्याह जो गिलाद के परदेसियों में से था, उसने अहाब से कहा, “इस्राएल का परमेश्वर यहोवा जिसके सम्मुख मैं उपस्थित रहता हूँ, उसके जीवन की शपथ इन वर्षों में मेरे बिना कहे, न तो मेंह बरसेगा, और न ओस पड़ेगी।”
1 गिलआद क्षेत्र के तिशबे नगर के निवासी एलियाह ने अहाब से कहा, “इस्राएल के जीवित परमेश्वर याहवेह की शपथ, मैं जिनका सेवक हूं, आनेवाले सालों में बिना मेरे कहे, न तो ओस पड़ेगी और न ही बारिश होगी.”
1 तिशबी एलिय्याह जो गिलाद का निवासी था उसने अहाब से कहा, “इस्राएल का परमेश्वर यहोवा जिसके सम्मुख मैं उपस्थित रहता हूँ, उसके जीवन की शपथ इन वर्षों में मेरे बिना कहे, न तो मेंह बरसेगा, और न ओस पड़ेगी।” (लूका 4:25, याकू. 5:17, प्रका. 11:6)
उस स्त्री ने उत्तर दिया, “मैं यहोवा, तुम्हारे परमेश्वर की शपथ खाकर कहती हूँ कि मेरे पास रोटी नहीं है। मेरे पास बर्तन में मुट्ठी भर आटा और पीपे में थोड़ा सा जैतून का तेल है। इस स्थान पर मैं ईंधन के लिये दो चार लकड़ियाँ इकट्ठी करने आई थी। मैं इसे लेकर घर लौटूँगी और अपना आखिरी भोजन पकाऊँगी। मैं और मेरा पुत्र दोनों इसे खायेंगे और तब भूख से मर जाएंगे।”
यहोवा, तुम्हारे परमेश्वर की सत्ता जैसे निश्चित है, वैसे ही यह निश्चित है, कि राजा तुम्हारी खोज कर रहा है। उसने हर एक देश में तुम्हारा पता लगाने के लिये आदमी भेज रखे हैं। यदि किसी देश के राजा ने यह कहा कि तुम उसके देश में नहीं हो, तो अहाब ने उसे यह शपथ खाने को विवश किया कि तुम उसके देश में नहीं हो।
“कभी—कभी वे तेरे विरुद्ध पाप करेंगे, और तू उनकी भूमि पर वर्षा होना बन्द कर देगा। तब वे इस स्थान की ओर मुँह करके प्रार्थना करेंगे और तेरे नाम की स्तुति करेंगे। तू उनको कष्ट सहने देगा और वे अपने पापों के लिये पश्चाताप करेंगे।
किन्तु यहोवा के दूत ने तिशबी एलिय्याह से कहा, “राजा अहज्याह ने शोमरोन से कुछ सन्देशवाहक भेजे हैं। जाओ और इन लोगों से मिलो। उनसे यह कहो, ‘इस्राएल में परमेश्वर है! तो भी तुम लोग एक्रोन के देवता बलाजबूब से प्रश्न करने क्यों जा रहे हो
एलीशा ने कहा, “मैं यहूदा के राजा यहोशापात का सम्मान करता हूँ और मैं सर्वशक्तिमान यहोवा की सेवा करता हूँ। उसकी सत्ता निश्चय ही शाश्वत है, मैं यहाँ केवल राजा यहोशापात के कारण आया हूँ। अतः मैं सत्य कहता हूँ: मैं न तो तुम पर दृष्टि डालता और न तुम्हारी परवाह करता, यदि यहूदा का राजा यहोशापात यहाँ न होता।
एलीशा फिर गिलगाल आ गया। उस समय देश में भुखमरी का समय था। नबियों का समूह एलीशा के सामने बैठा था। एलीशा ने अपने सेवक से कहा, “बड़े बर्तन को आग पर रखो और नबियों के समूह के लिये कुछ शोरवा बानाओ।”
किन्तु एलीशा ने कहा, “मैं यहोवा की सेवा करता हूँ। यहोवा की सत्ता शाश्वत है, उसकी साक्षी मान कर मैं प्रतिज्ञा करता हूँ कि मैं कोई भेंट नहीं लूँगा।” नामान ने बहुत प्रयत्न किया कि एलीशा भेंट ले किन्तु एलीशा ने इन्कार कर दिया।
किन्तु परमेश्वर के जन एलीशा का सेवक गेहजी बोला, “देखिये, मेरे स्वामी (एलीशा) ने अरामी नामान को, उसकी लाई हुई भेंट को स्वीकार किये बिना ही जाने दिया है। यहोवा शाश्वत है, इसको साक्षी मान कर मैं प्रतिज्ञा करता हूँ कि नामान के पीछे दौड़ूँगा और उससे कुछ लाऊँगा!”
एलिय्याह नबी से यहोराम को एक सन्देश मिला। सन्देश में यह कहा गया था: “यह वह है जो परमेश्वर यहोवा कहता है। यही वह परमेश्वर है जिसका अनुसरण तुम्हारा पूर्वज दाऊद करता था। यहोवा कहता है, ‘यहोराम, तुम उस प्रकार नहीं रहे जिस प्रकार तुम्हारा पिता यहोशापात रहा। तुम उस प्रकार नहीं रहे जिस प्रकार यहूदा का राजा आसा रहा।
“आसमान कभी ऐसे बन्द हो सकता है कि वर्षा न हो। वह तब होगा जब इस्राएल के लोग तेरे विरुद्ध पाप करेंगे और यदि इस्राएल के लोगों को इसका पश्चाताप होगा और मन्दिर को देखते हुए प्रार्थना करेंगे, तेरे नाम पर पाप स्वीकार करेंगे और वे पाप करना छोड़ देंगे क्योंकि तू उन्हें दण्ड देता है।
ऊपर दृष्टि करो, तुम चारों ओर देखो! तेरी सन्तानें सब आपस में इकट्ठी होकर तेरे पास आ रही हैं। यहोवा का यह कहना है, “अपने जीवन की शपथ लेकर मैं तुम्हें ये वचन देता हूँ, तेरी सन्तानें उन रत्नों जैसी होंगी जिनको तू अपने कंठ में पहनता है। तेरी सन्तानें वैसी ही होंगी जैसा वह कंठहार होता है जिसे दुल्हिन पहनती है।
अंगूर के बगीचे को मैं खाली खेत में बदल दूँगा। कोई भी पौधे की रखवाली नहीं करेगा। उस खेत में कोई भी व्यक्ति काम नहीं करेगा। वहाँ केवल काँटे और खरपतवार उगा करेंगे। मैं बादलों को आदेश दूँगा कि वे वहाँ न बरसें।”
विदेशी देवमूर्तियों में वर्षा लाने की शक्ति नहीं हैं, आकाश में पानी बरसाने की शक्ति नहीं है। केवल तू ही हमारी आशा है, एकमात्र तू ही है जिसने यह सब कुछ बनाया है।
तब यहोवा ने कहा, “यिर्मयाह, यदि तुम बदल जाते हो और मेरे पास आते हो, तो मैं तुम्हें दण्ड नहीं दूँगा। यदि तुम बदल जाते हो और मेरे पास आते हो तो तुम मेरी सेवा कर सकते हो। यदि तुम महत्वपूर्ण बात कहते हो और उन बेकार बातों को नहीं कहते, तो तुम मेरे लिये कह सकते हो। यिर्मयाह, यहूदा के लोगों को बदलना चाहिये और तुम्हारे पास उन्हें आना चाहिये। किन्तु तुम मत बदलो और उनकी तरह न बनो।
हनन्याह हमारे और तुम्हारे नबी होने के बहुत पहले भी नबी थे। उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि युद्ध, भूखमरी और भयंकर बीमारियाँ अनेक देशों और राज्यों में आयेंगी।
वे बोले, “कुछ कहते हैं कि तू बपतिस्मा देने वाला यूहन्ना है, और दूसरे कहते हैं कि तू एलिय्याह है और कुछ अन्य कहते हैं कि तू यिर्मयाह या भविष्यवक्ताओं में से कोई एक है।”
वह एलिय्याह की शक्ति और आत्मा में स्थित हो प्रभु के आगे आगे चलेगा। वह पिताओं का हृदय उनकी संतानों की ओर वापस मोड़ देगा और वह आज्ञा ना मानने वालों को ऐसे विचारों की ओर प्रेरित करेगा जिससे वे धर्मियों के जैसे विचार रखें। यह सब, वह लोगों को प्रभु की खातिर तैयार करने के लिए करेगा।”
तब प्रभु के दूत ने उत्तर देते हुए उससे कहा, “मैं जिब्राईल हूँ। मैं वह हूँ जो परमेश्वर के सामने खड़ा रहता हूँ। मुझे तुझ से बात करने और इस सुसमाचार को बताने को भेजा गया है।
हर क्षण सतर्क रहो, और प्रार्थना करो कि तुम्हें उन सभी बातों से, जो घटने वाली हैं, बचने की शक्ति प्राप्त हो। और आत्म-विश्वास के साथ मनुष्य के पुत्र के सामने खड़े हो सको।”
और फिर हुआ यूँ कि जैसे ही वे उससे विदा ले रहे थे, पतरस ने यीशु से कहा, “स्वामी, अच्छा है कि हम यहाँ हैं, हमें तीन मण्डप बनाने हैं—एक तेरे लिए। एक मूसा के लिये और एक एलिय्याह के लिये।” (वह नहीं जानता था, वह क्या कह रहा था।)
उन्होंने यूहन्ना से पूछा, “तो तुम कौन हो, क्या तुम एलिय्याह हो?” यूहन्ना ने जवाब दिया, “नहीं मैं वह नहीं हूँ।” यहूदियों ने पूछा, “क्या तुम भविष्यवक्ता हो?” उसने उत्तर दिया, “नहीं।”
परमेश्वर ने अपने लोगों को नहीं नकारा जिन्हें उसने पहले से ही चुना था। अथवा क्या तुम नहीं जानते कि एलिय्याह के बारे में शास्त्र क्या कहता है: कि जब एलिय्याह परमेश्वर से इस्राएल के लोगों के विरोध में प्रार्थना कर रहा था?
उस समय यहोवा ने लेवी के परिवार समूह को अपने विशेष काम के लिए अन्य परिवार समूहों से अलग किया। उन्हें यहोवा के साक्षीपत्र के सन्दूक को ले चलने का कार्य करना था। वे याजक की सहायता भी यहोवा के मन्दिर में करते थे और यहोवा के नाम पर, वे लोगों को आशीर्वाद देने का काम भी करते थे। वे अब भी यह विशेष काम करते हैं।
वे आकाश को बाँध देने की शक्ति रखते हैं ताकि जब वे भविष्यवाणी कर रहे हों, तब कोई वर्षा न होने पाए। उन्हें झरनों के जल पर भी अधिकार था जिससे वे उसे लहू में बदल सकते थे। उनमें ऐसी शक्ति भी थी कि वे जितनी बार चाहते, उतनी हीबार धरती पर हर प्रकार के विनाशों का आघात कर सकते थे।
तब यिप्तह ने गिलाद के लोगों को एक साथ बुलाया। वे एप्रैम के परिवार समूह के लोगों के साथ लड़े। वे एप्रैम के लोगों के विरुद्ध इसलिए लड़े, क्योंकि उन लोगों ने गिलाद के लोगों का अपमान किया था। उन्होंने कहा था, “गिलाद के लोगो, तुम लोग एप्रैम के बचे हुए लोगों के अतिरिक्त अन्य कुछ नहीं हो। तुम लोगों के पास अपना प्रदेश भी नहीं है। तुम लोगों का एक भाग एप्रैम में से है तथा दूसरा भाग मनश्शे में से है।” गिलाद के लोगों ने एप्रैम के लोगों को हराया।