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उत्पत्ति 18:25 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

तू ऐसा कार्य करने से सदा दूर रहे कि दूराचारियों के साथ धार्मिक भी मारे जाएँ। धार्मिकों की दशा दुराचारियों के सदृश हो, यह कार्य तुझसे कभी न हो। क्‍या सारी पृथ्‍वी का न्‍यायाधीश उचित न्‍याय न करेगा?’

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पवित्र बाइबल

निश्चय ही तू नगर को नष्ट नहीं करेगा। बुरे लोगों को मारने के लिए तू पचास अच्छे लोगों को नष्ट नहीं करेगा। अगर ऐसा हुआ तो अच्छे और बुरे लोग एक ही हो जाएँगे, दोनों को ही दण्ड मिलेगा। तू पूरी पृथ्वी को न्याय देने वाला है। मैं जानता हूँ कि तू न्याय करेगा।”

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Hindi Holy Bible

इस प्रकार का काम करना तुझ से दूर रहे कि दुष्ट के संग धर्मी को भी मार डाले और धर्मी और दुष्ट दोनों की एक ही दशा हो। यह तुझ से दूर रहे: क्या सारी पृथ्वी का न्यायी न्याय न करे?

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

इस प्रकार का काम करना तुझ से दूर रहे कि दुष्‍ट के संग धर्मी को भी मार डाले, और धर्मी और दुष्‍ट दोनों की एक ही दशा हो। यह तुझ से दूर रहे। क्या सारी पृथ्वी का न्यायी न्याय न करे?”

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नवीन हिंदी बाइबल

ऐसा कार्य करना तुझसे दूर रहे कि तू दुष्‍ट के साथ-साथ धर्मी को भी मार डाले, तथा धर्मी और दुष्‍ट दोनों की दशा एक समान हो जाए। यह बात तुझसे दूर ही रहे। क्या सारी पृथ्वी का न्यायी वह न करेगा जो न्यायसंगत हो?”

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सरल हिन्दी बाइबल

इस प्रकार का काम करना आपसे दूर रहे—दुष्ट के साथ धर्मी को मार डालना, दुष्ट और धर्मी के साथ एक जैसा व्यवहार करना. ऐसा करना आपसे दूर रहे! क्या सारी पृथ्वी का न्यायी न्याय न करे?”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

इस प्रकार का काम करना तुझ से दूर रहे कि दुष्ट के संग धर्मी को भी मार डाले और धर्मी और दुष्ट दोनों की एक ही दशा हो। यह तुझ से दूर रहे। क्या सारी पृथ्वी का न्यायी न्याय न करे?”

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उत्पत्ति 18:25
35 क्रॉस रेफरेंस  

मान ले, वहाँ नगर में पचास धार्मिक हों। तो क्‍या तू उस स्‍थान को नष्‍ट करेगा, और उन पचास धार्मिकों के कारण उसे क्षमा नहीं करेगा, जो उसमें हैं?


वन के समस्‍त वृक्ष प्रभु के सम्‍मुख जय-जयकार करेंगे। वह पृथ्‍वी का न्‍याय करने को आएगा।


इसलिए, तुममें प्रभु का भय हो। जो भी प्रशासनिक काम करो, उसको सोच-समझकर करो; क्‍योंकि हमारा प्रभु परमेश्‍वर न तो अन्‍यायी है, और न पक्षपाती, और न वह घूसखोर है।’


तो भी हम पर जो कष्‍ट आए हैं, उनके विषय में तेरा व्‍यवहार न्‍यायसंगत ही था। तूने हमारे साथ सत्‍य के अनुरूप व्‍यवहार किया, फिर भी हम दुष्‍टतापूर्ण व्‍यवहार करते रहे।


‘अत: ओ समझदार लोगो! मेरी बात सुनो। क्‍या परमेश्‍वर दुष्‍कर्म करता है? क्‍या सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर अधर्म करता है? कदापि नहीं!


निस्‍सन्‍देह सच्‍चा परमेश्‍वर दुष्‍कर्म नहीं करता! सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर न्‍याय को अन्‍याय में नहीं बदलता!


‘परमेश्‍वर निर्दोष व्यक्‍ति का त्‍याग नहीं करता, और न व दुर्जनों को सहारा देता है!


भाई, क्‍या परमेश्‍वर न्‍याय को अन्‍याय में बदल देता है? क्‍या सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर, धर्म को अधर्म में उलट देता है?


आकाश परमेश्‍वर की धार्मिकता को घोषित करता है; क्‍योंकि परमेश्‍वर स्‍वयं न्‍यायधीश है। सेलाह


मनुष्‍य यह कहेंगे, “निश्‍चय, धार्मिकों के लिए पुरस्‍कार है, निस्‍सन्‍देह, परमेश्‍वर है, जो पृथ्‍वी पर न्‍याय करता है।”


यदि मनुष्‍य पश्‍चात्ताप न करे, तो परमेश्‍वर अपनी तलवार पर सान चढ़ाएगा। सचमुच उसने अपना धनुष चढ़ाया और तीर से निशाना साधा है।


जब पृथ्‍वी और उसके समस्‍त निवासी डगमगाने लगते हैं, तब मैं ही पृथ्‍वी के स्‍तम्‍भों को स्‍थिर करता हूँ। सेलाह


हे पृथ्‍वी के न्‍यायकर्ता, उठ! अहंकारियों को प्रतिफल दे!


प्रभु के सम्‍मुख जयजयकार करें; क्‍योंकि वह पृथ्‍वी का न्‍याय करने को आ रहा है; वह धार्मिकता से संसार का, और निष्‍पक्षता से सब जातियों का न्‍याय करेगा।


मैंने अपने हृदय में कहा, “परमेश्‍वर ने प्रत्‍येक बात और हर एक कार्य का समय निश्‍चित कर रखा है; अत: वह धार्मिक मनुष्‍य और दुर्जन दोनों का न्‍याय करेगा।”


मैंने अपने निस्‍सार जीवन में यह देखा है: धार्मिक मनुष्‍य अपनी धार्मिकता में मरता है, किन्‍तु दुर्जन व्यक्‍ति दुष्‍कर्म करते हुए दीर्घायु प्राप्‍त करता है।


हे स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु, तू धार्मिकता से न्‍याय करता है, तू सब के हृदय और मन को परखता है। प्रभु, मैं जीते-जी, अपनी आंखों से तेरा प्रतिशोध देखूं। मैंने अपना मुकदमा तेरे हाथ में सौंप दिया है।


मैं तुझसे क्‍यों वाद-विवाद करूं? क्‍योंकि तू धार्मिक है, और तेरा न्‍याय सच्‍चा है। फिर भी, हे प्रभु, मैं तेरे सम्‍मुख अपनी शिकायत पेश करूंगा; दुर्जन अपने काम में सफल क्‍यों होते हैं? विश्‍वासघाती सुख-चैन से क्‍यों रहते हैं?


‘फिर भी तुम कहते हो, “प्रभु का व्‍यवहार न्‍यायपूर्ण नहीं है।” ओ इस्राएल के कुल, सुन और देख : क्‍या मेरा व्‍यवहार न्‍याय का व्‍यवहार नहीं है? इसके विपरीत, तुम अपने आचरण को धर्म का आचरण कहते हो, जब कि तुम्‍हारा आचरण न्‍याय के अनुरूप नहीं है।


तुम धार्मिक और अधार्मिक में पुन: भेद पहचानोगे; तुम जानोगे कि कौन व्यक्‍ति मुझ-परमेश्‍वर की सेवा करता है, और कौन व्यक्‍ति मेरी सेवा नहीं करता।’


किन्‍तु मूसा और हारून अपने मुंह के बल गिरकर प्रभु से कहने लगे, ‘हे परमेश्‍वर, समस्‍त प्राणियों की आत्‍माओं के ईश्‍वर! एक मनुष्‍य के पाप करने पर क्‍या तू समस्‍त मंडली पर क्रोध करेगा?’


क्‍योंकि हम-सब को मसीह के न्‍यायासन के सामने प्रस्‍तुत किया जायेगा। प्रत्‍येक व्यक्‍ति ने शरीर में रहते समय जो कुछ किया है, चाहे वह भलाई हो या बुराई, उसे उसका प्रतिफल मिलेगा।


मैंने उस समय तुम्‍हारे शासकों को आदेश दिया था, “तुम अपने भाई-बहिनों का मुकदमा निष्‍पक्ष रूप से चुनना, तथा उनके मध्‍य अथवा किसी सजातीय व्यक्‍ति और प्रवासी व्यक्‍ति के मध्‍य धार्मिकता से न्‍याय करना।


तुम मुंह देख कर न्‍याय मत करना। बड़े और छोटे मनुष्‍य का मुकदमा समान भाव से सुनना। तुम किसी भी व्यक्‍ति से मत डरना; क्‍योंकि न्‍याय परमेश्‍वर का है। यदि तुम्‍हें कोई मुकदमा कठिन प्रतीत हो, तो तुम उसको मेरे पास लाना। मैं उसको सुनूंगा।”


‘प्रभु चट्टान है। उसका शासन-कार्य सिद्ध है; क्‍योंकि उसके समस्‍त मार्ग न्‍यायपूर्ण हैं। वह सच्‍चा परमेश्‍वर है, उसमें पक्षपात नहीं, वह निष्‍पक्ष न्‍यायी और निष्‍कपट है।


और स्‍वर्ग के प्रथम जन्‍म सिद्ध नागरिकों की सभा† एकत्र होती है; जहां सब का न्‍यायकर्ता परमेश्‍वर, पूर्णता-प्राप्‍त धर्मियों की आत्‍माएँ


अत: मैंने आपके प्रति पाप नहीं किया, वरन् आपने युद्ध छेड़ कर मेरे प्रति बुरा व्‍यवहार किया है। प्रभु, जो न्‍यायाधीश है, आज इस्राएलियों और अम्‍मोनियों के मध्‍य न्‍याय करे।’