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अय्यूब 8:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

3 भाई, क्‍या परमेश्‍वर न्‍याय को अन्‍याय में बदल देता है? क्‍या सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर, धर्म को अधर्म में उलट देता है?

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पवित्र बाइबल

3 परमेश्वर सदा निष्पक्ष है। न्यायपूर्ण बातों को सर्वशक्तिशाली परमेश्वर कभी नहीं बदलता है।

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Hindi Holy Bible

3 क्या ईश्वर अन्याय करता है? और क्या सर्वशक्तिमान धर्म को उलटा करता है?

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

3 क्या परमेश्‍वर अन्याय करता है? और क्या सर्वशक्‍तिमान धर्म को उलटा करता है?

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सरल हिन्दी बाइबल

3 क्या परमेश्वर द्वारा अन्याय संभव है? क्या सर्वशक्तिमान न्याय को पथभ्रष्ट करेगा?

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

3 क्या परमेश्वर अन्याय करता है? और क्या सर्वशक्तिमान धार्मिकता को उलटा करता है?

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अय्यूब 8:3
29 क्रॉस रेफरेंस  

इसलिए, तुममें प्रभु का भय हो। जो भी प्रशासनिक काम करो, उसको सोच-समझकर करो; क्‍योंकि हमारा प्रभु परमेश्‍वर न तो अन्‍यायी है, और न पक्षपाती, और न वह घूसखोर है।’


‘प्रभु चट्टान है। उसका शासन-कार्य सिद्ध है; क्‍योंकि उसके समस्‍त मार्ग न्‍यायपूर्ण हैं। वह सच्‍चा परमेश्‍वर है, उसमें पक्षपात नहीं, वह निष्‍पक्ष न्‍यायी और निष्‍कपट है।


तू ऐसा कार्य करने से सदा दूर रहे कि दूराचारियों के साथ धार्मिक भी मारे जाएँ। धार्मिकों की दशा दुराचारियों के सदृश हो, यह कार्य तुझसे कभी न हो। क्‍या सारी पृथ्‍वी का न्‍यायाधीश उचित न्‍याय न करेगा?’


अत: हे प्रभु, तूने हमारे लिए विपत्ति तैयार रखी और हम पर उण्‍डेल दी; क्‍योंकि हमारा प्रभु परमेश्‍वर अपने हरएक आचरण में धर्ममय है, उसका प्रत्‍येक कार्य न्‍यायपूर्ण होता है। हमने उसकी वाणी को नहीं सुना था; इसलिए हम पर यह विपत्ति आई।


और मैंने वेदी को यह कहते सुना, “सर्वशक्‍तिमान प्रभु परमेश्‍वर! तेरे निर्णय वास्‍तव में सच्‍चे और न्‍यायसंगत हैं।”


परमेश्‍वर के सेवक मूसा का गीत और मेमने का गीत गाते हुए कह रहे थे : “सर्वशक्‍तिमान प्रभु परमेश्‍वर! तेरे कार्य महान और अपूर्व हैं। राष्‍ट्रों के राजा! तेरे मार्ग न्‍यायसंगत और सच्‍चे हैं।


किन्‍तु तुम अपने इस हठ और अपने हृदय के अपश्‍चात्ताप के कारण कोप के दिन के लिए अपने विरुद्ध कोप का संचय कर रहे हो, जब परमेश्‍वर का निष्‍पक्ष न्‍याय प्रकट होगा।


फिर भी तुम, ओ इस्राएल के वंशजो, कहते हो, “प्रभु का व्‍यवहार न्‍यायपूर्ण नहीं है।” जबकि मैं तुम में से प्रत्‍येक व्यक्‍ति का न्‍याय उसके आचरण के अनुसार करता हूँ।’


‘फिर भी तेरे जाति-भाई-बहिन कहते हैं: “प्रभु का व्‍यवहार न्‍यायपूर्ण नहीं है।” किन्‍तु स्‍वयं उनका आचरण न्‍यायपूर्ण नहीं है।


‘फिर भी तुम कहते हो, “प्रभु का व्‍यवहार न्‍यायपूर्ण नहीं है।” ओ इस्राएल के कुल, सुन और देख : क्‍या मेरा व्‍यवहार न्‍याय का व्‍यवहार नहीं है? इसके विपरीत, तुम अपने आचरण को धर्म का आचरण कहते हो, जब कि तुम्‍हारा आचरण न्‍याय के अनुरूप नहीं है।


हे शक्‍तिमान न्‍यायप्रिय राजा, तूने ही निष्‍पक्षता की स्‍थापना की है; तूने इस्राएल में न्‍याय और धार्मिकता का व्‍यवहार किया है।


धार्मिकता और न्‍याय तेरे सिंहासन के मूल हैं; करुणा और सच्‍चाई तेरे आगे-आगे चलती हैं।


क्‍या तू मेरे न्‍याय को व्‍यर्थ सिद्ध करेगा? तू स्‍वयं को निर्दोष ठहराकर मुझे दोषी प्रमाणित करेगा?


‘जो व्यक्‍ति दूसरों के दोष ढूंढ़ता है, क्‍या वह मुझ-सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर का सामना कर सकता है? जो मुझसे वाद-विवाद करता है, वह मेरे प्रश्‍न का उत्तर दे।’


निस्‍सन्‍देह परमेश्‍वर व्‍यर्थ दुहाई नहीं सुनता; सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर उस पर ध्‍यान नहीं देता।


क्‍योंकि अय्‍यूब ने यह कहा है; “मैं धार्मिक हूं, परमेश्‍वर ने मुझे दु:ख देकर मेरे साथ अन्‍याय किया है।


वे अपनी आंखों से अपने विनाश को देखें; वे अपने ओंठों से सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर के कोप का प्‍याला पिएँ!


वे परस्‍पर यह कहते है: “सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर आखिर है क्‍या कि हम उसकी सेवा करें? यदि उससे प्रार्थना करें तो हमें क्‍या लाभ होगा?”


मैं सहायता के लिए पुकारता हूँ: “मुझ पर अत्‍याचार हो रहा है! मुझे बचाओ!” पर मुझे कोई उत्तर नहीं देता। मैं न्‍याय के लिए दुहाई देता हूँ, पर मुझे न्‍याय नहीं मिलता!


क्‍या तुझे निर्दोष पर अत्‍याचार करना अच्‍छा लगता है? तू अपनी ही सृष्‍टि से घृणा क्‍यों करता है? तू दुर्जन की योजनाओं को सफल क्‍यों करता है?


‘मैं सचमुच यह जानता हूं कि जो तुमने कहा है, वह सच है। पर परमेश्‍वर के सम्‍मुख मनुष्‍य किस प्रकार धार्मिक सिद्ध हो सकता है?


“क्‍या परमेश्‍वर के सामने नश्‍वर मनुष्‍य धार्मिक प्रमाणित हो सकता है? क्‍या बलवान मनुष्‍य अपने बनानेवाले के सामने पवित्र सिद्ध हो सकता है?


मैं दूर-दूर से ज्ञान संचित करूंगा और अपने सृष्‍टा की धार्मिकता सिद्ध करूंगा।


किसने उसकी आचरण-संहिता निश्‍चित् की है? कौन उससे कह सकता है कि तूने अनुचित कार्य किया है?


सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर को कौन पा सकता है? वह अत्‍यन्‍त सामर्थी और न्‍यायप्रिय है। वह पूर्ण धार्मिक है, वह अत्‍याचार नहीं कर सकता।


तो तुम समझ लो कि स्‍वयं परमेश्‍वर ने मेरे साथ अन्‍याय किया है; मुझे अपने जाल में फंसा लिया है।


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