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इब्रानियों 6:7 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

जो भूमि अपने ऊपर बार-बार पड़ने वाला पानी सोख लेती और उन लोगों के लिए उपयोगी फसल उगाती है, जो उन पर खेती करते हैं, तो वह परमेश्‍वर की आशिष प्राप्‍त करती है।

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पवित्र बाइबल

वे लोग ऐसी धरती के जैसे हैं जो प्रायः होने वाली वर्षा के जल को सोख लेती है, और जोतने बोने वाले के लिए उपयोगी फसल प्रदान करती है, वह परमेश्वर की आशीष पाती है।

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Hindi Holy Bible

क्योंकि जो भूमि वर्षा के पानी को जो उस पर बार बार पड़ता है, पी पीकर जिन लोगों के लिये वह जोती-बोई जाती है, उन के काम का साग-पात उपजाती है, वह परमेश्वर से आशीष पाती है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

क्योंकि जो भूमि वर्षा के पानी को, जो उस पर बार–बार पड़ता है, पी पीकर जिन लोगों के लिये वह जोती–बोई जाती है उनके काम का साग–पात उपजाती है, वह परमेश्‍वर से आशीष पाती है।

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नवीन हिंदी बाइबल

क्योंकि जो भूमि बार-बार होनेवाली वर्षा के पानी को पीती है और अपने जोतनेवालों के लिए उपयोगी साग-पात उपजाती है, वह परमेश्‍वर से आशिष पाती है।

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सरल हिन्दी बाइबल

वह भूमि, जो वृष्टि के जल को सोखकर किसान के लिए उपयोगी उपज उत्पन्‍न करती है, परमेश्वर की ओर से आशीष पाती है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

क्योंकि जो भूमि वर्षा के पानी को जो उस पर बार बार पड़ता है, पी पीकर जिन लोगों के लिये वह जोती-बोई जाती है, उनके काम का साग-पात उपजाती है, वह परमेश्वर से आशीष पाती है।

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इब्रानियों 6:7
17 क्रॉस रेफरेंस  

तब परमेश्‍वर ने पृथ्‍वी को आज्ञा दी कि वह वनस्‍पति, बीजधारी पौधे और फलदायक वृक्ष उगाए। पृथ्‍वी पर उन वृक्षों की जाति के अनुसार उनके फलों में बीज भी हों। ऐसा ही हुआ।


उसने पास जाकर इसहाक को चूमा। इसहाक ने उसके वस्‍त्र की सुगन्‍ध सूंघकर उसको यह आशीर्वाद दिया : ‘देखो, मेरे पुत्र की सुगन्‍ध! यह उस खेत की सुगन्‍ध के सदृश है जिसे प्रभु ने आशिष दी है।


बोने के लिए बीज ले जानेवाला किसान यदि रोता हुआ जाएगा, तो भी वह अपने पूलों के साथ जयजयकार करता हुआ घर लौटेगा।


वह प्रभु से आशिष पाएगा, उसका उद्धारकर्ता परमेश्‍वर उसे निर्दोष सिद्ध करेगा।


मैं प्‍यासी भूमि को पानी दूंगा, सूखी भूमि पर नदियाँ बहाऊंगा। मैं तेरे वंशजों पर अपना आत्‍मा उण्‍डेलूंगा, तेरी सन्‍तान पर अपनी आशिष की वर्षा करूंगा।’


मैं उनको और अपनी पहाड़ी के आसपास के स्‍थानों को आशिष का कारण बनाऊंगा। मैं वर्षा के मौसम पर वर्षा करूंगा, और यह वर्षा आशिष की वर्षा होगी।


अपनी भलाई के लिए धार्मिकता के बीज बोओ, तब करुणा की फसल काटोगे। अपनी परती भूमि को जोतो। प्रभु को ढूंढ़ने का यह समय है, जिससे वह तुम्‍हारे पास आए, और तुम पर धार्मिकता की वर्षा करे।


तो मैं छठे वर्ष तुम पर अपनी आशिष प्रेषित करूंगा जिससे भूमि की उपज तीन वर्ष के लिए पर्याप्‍त होगी।


‘मेरे भण्‍डार-गृह में पूर्ण दशमांश लाओ, जिससे मेरे भवन में भोजन-वस्‍तु रहे। तब मुझे परखो कि मैं आकाश के झरोखे खोलकर तुम्‍हारे लिए वर्षा करता हूँ कि नहीं, मैं तुम पर आशिष की वर्षा करता हूँ कि नहीं।’


क्‍योंकि जो माँगता है, उसे मिलता है; जो ढूँढ़ता है, वह पाता है और जो खटखटाता है, उसके लिए द्वार खोला जाता है।


परिश्रम करने वाले किसान को सबसे पहले फसल का हिस्‍सा मिलना चाहिए।


भाइयो और बहिनो! प्रभु के आगमन तक धैर्य रखिए। किसान को देखिए, जो खेत की क़ीमती फसल की बाट जोहता है। उसे शरत्‍कालीन और वसन्‍तकालीन वर्षा के आने तक धैर्य रखना पड़ता है।