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इब्रानियों 3:8 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

तो अपना हृदय कठोर न करना, जैसा कि पहले, विद्रोह के समय, हुआ था। उस दिन तुम्‍हारे पूर्वजों ने निर्जन प्रदेश में मेरी परीक्षा ली।

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पवित्र बाइबल

“आज यदि उसकी आवाज़ सुनो! अपने हृदय जड़ मत करो, जैसे बगावत के दिनों में किये थे। जब मरुस्थल में परीक्षा हो रही थी।

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Hindi Holy Bible

तो अपने मन को कठोर न करो, जैसा कि क्रोध दिलाने के समय और परीक्षा के दिन जंगल में किया था।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

तो अपने मन को कठोर न करो, जैसा कि क्रोध दिलाने के समय और परीक्षा के दिन जंगल में किया था।

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नवीन हिंदी बाइबल

तो अपने मनों को वैसे कठोर न करना, जैसे तुमने जंगल में परीक्षा के दिन मुझे क्रोध दिलाने के समय किया था।

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सरल हिन्दी बाइबल

तो अपने हृदय कठोर न कर लेना, जैसा तुमने मुझे उकसाते हुए बंजर भूमि, में परीक्षा के समय किया था,

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

तो अपने मन को कठोर न करो, जैसा कि क्रोध दिलाने के समय और परीक्षा के दिन जंगल में किया था। (निर्ग. 17:7, गिन. 20:2,5,13)

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इब्रानियों 3:8
28 क्रॉस रेफरेंस  

परन्‍तु उन्‍होंने नहीं सुना। जैसे उनके पूर्वज जिद्दी थे, जिन्‍होंने अपने प्रभु परमेश्‍वर पर विश्‍वास नहीं किया था, वैसे ही वे जिद्दी थे।


तुम्‍हारे पूर्वज ऐंठी गरदनवाले लोग थे। तुम उनके समान हठीले मत बनो; किन्‍तु अपने प्रभु परमेश्‍वर के सम्‍मुख विनम्र बनो; और उसके पवित्र स्‍थान में आओ, जिसको उसने सदा-सर्वदा के लिए पवित्र किया है। अपने प्रभु परमेश्‍वर की आराधना और सेवा करो, ताकि उसकी क्रोधाग्‍नि तुमसे दूर हो जाए।


राजा नबूकदनेस्‍सर ने उसको परमेश्‍वर की शपथ दी थी कि वह उससे विद्रोह नहीं करेगा। तो भी उसने परमेश्‍वर की शपथ की उपेक्षा की और राजा नबूकदनेस्‍सर से विद्रोह किया। उसने इस्राएली राष्‍ट्र के प्रभु परमेश्‍वर के प्रति अपने हृदय को कठोर बना लिया था। हठ से उसकी गर्दन ऐंठ गई थी, और वह प्रभु से विमुख हो गया था।


‘पर तेरे सेवक मूसा के समकालीन लोगों ने, हमारे पूर्वजों ने तेरे प्रति ढिठाई की; उन्‍होंने अपनी गरदन टेढ़ी कर ली, और तेरी आज्ञाओं का पालन नहीं किया।


परमेश्‍वर बुद्धिमान है, वह सर्वशक्‍तिमान है, किस मनुष्‍य ने हठ पूर्वक उसका विरोध किया, और सफलता प्रप्‍त की?


उन्‍होंने निर्जन प्रदेश में उदर-पूर्ति की कामना की, और उजाड़खण्‍ड में परमेश्‍वर की परीक्षा ली!


उन्‍होंने अपनी अभिलाषा-पूर्ति के लिए अपने हृदय में परमेश्‍वर की परीक्षा की।


फिर भी उन्‍होंने सर्वोच्‍च परमेश्‍वर की परीक्षा की, उससे विद्रोह किया, और उसकी सािक्षयों का पालन नहीं किया।


तुम अपना हृदय कठोर न करना, जैसा तुम्‍हारे पूर्वजों ने उस दिन किया था जब वे मरीबा में, निर्जन प्रदेश के मस्‍सा में थे।


मूसा ने उस स्‍थान का नाम मस्‍सा और मरीबा रखा; क्‍योंकि इस्राएलियों ने वहाँ मूसा से विवाद किया और प्रभु को परखा था। उन्‍होंने कहा, ‘क्‍या हमारे मध्‍य प्रभु है, अथवा नहीं?


जब फरओ ने देखा कि संकट टल गया, तब उसने अपना हृदय कठोर कर लिया। उसने मूसा और हारून की बात नहीं सुनी, जैसा प्रभु ने कहा था।


धन्‍य है वह मनुष्‍य जो प्रभु की भक्‍ति सदा करता है; पर प्रभु के प्रति अपने हृदय को कठोर बनानेवाला मनुष्‍य विपत्ति के गड्ढे में गिरता है।


जो मनुष्‍य बार-बार डांटे जाने पर भी अपना हठ नहीं छोड़ता, उसका अचानक सर्वनाश होगा, और वह फिर नहीं सुधर सकेगा।


फिर भी उन्‍होंने मेरी आज्ञा का पालन नहीं किया, और न ही उस पर कान दिया। उन्‍होंने अपना हृदय पत्‍थर-सा कठोर बना लिया, और अपने पूर्वजों से बढ़कर दुष्‍कर्म किए।


पर जब आपके पिता का हृदय अहंकार से भर गया, जब आपके पिता की आत्‍मा कठोर बन गई और वह घमण्‍ड में आकर अनुचित कार्य करने लगे, तब परमेश्‍वर ने उनको उनके राजसिंहासन से उतार दिया और उनसे उनका ऐश्‍वर्य छीन लिया।


प्रभु ने मूसा से कहा, ‘ये लोग कब तक मेरा तिरस्‍कार करते रहेंगे? जो अद्भुत कार्य मैंने इनके मध्‍य किए, उनको देखकर भी ये कब तक मुझ पर विश्‍वास नहीं करेंगे?


क्‍योंकि इन लोगों की बुद्धि मारी गयी है। ये कानों से ऊंचा सुनने लगे हैं; इन्‍होंने अपनी आँखें बन्‍द कर ली हैं; जिससे कहीं ऐसा न हो कि ये आँखों से देखें, कानों से सुनें, बुद्धि से समझें और मेरी ओर लौट आएँ और मैं इन्‍हें स्‍वस्‍थ कर दूँ। ’


किन्‍तु उन में कुछ लोग हठधर्मी थे और वे न केवल अविश्‍वासी बने रहे, बल्‍कि सभा में इस मार्ग की निन्‍दा भी करने लगे। इसलिए पौलुस ने उन से सम्‍बन्‍ध तोड़ लिया और अपने शिष्‍यों को वहाँ से हटा लिया। वह प्रतिदिन तुरन्नुस की पाठशाला में धर्म-चर्चा करने लगे।


वही मूसा उन्‍हें बाहर निकाल लाये और मिस्र देश में, लाल समुद्र के तट पर तथा निर्जन प्रदेश में चालीस वर्ष तक आश्‍चर्य कर्म और चिह्‍न दिखाते रहे।


हम मसीह की परीक्षा नहीं लें, जैसा कि उनमें से कुछ लोगों ने किया और साँपों ने उन्‍हें नष्‍ट कर दिया।


‘तू अपने प्रभु परमेश्‍वर को मत परखना, जैसा तूने उसे मस्‍सा में परखा था।


जैसा मिस्र देश के निवासियों तथा फरओ ने अपना हृदय कठोर कर लिया था वैसा तुम अपना हृदय कठोर क्‍यों करते हो? जब इस्राएलियों के परमेश्‍वर ने उन्‍हें उपहास का पात्र बना दिया तब क्‍या उन्‍होंने इस्राएलियों को नहीं जाने दिया था? क्‍या इस्राएली मिस्र देश से नहीं चले गए थे?