इफिसियों 1:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ताकि उसके महिमामय अनुग्रह की स्तुति हो। वह अनुग्रह हमें उसके प्रिय पुत्र द्वारा मिला, पवित्र बाइबल उसने ऐसा इसलिए किया कि वह अपनी महिमामय अनुग्रह के कारण स्वयं को प्रशंसित करे। उसने इसे हमें, जो उसके प्रिय पुत्र में स्थित हैं मुक्त भाव से प्रदान किया। Hindi Holy Bible कि उसके उस अनुग्रह की महिमा की स्तुति हो, जिसे उस ने हमें उस प्यारे में सेंत मेंत दिया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) कि उसके उस अनुग्रह की महिमा की स्तुति हो, जिसे उसने हमें उस प्रिय में सेंतमेंत दिया। नवीन हिंदी बाइबल ताकि उसके उस अनुग्रह की महिमा की स्तुति हो जो उसने अपने प्रिय में हमें उदारता से दिया; सरल हिन्दी बाइबल कि उनके अद्भुत अनुग्रह की स्तुति हो, जो उन्होंने हमें अपने उस प्रिय पुत्र में उदारतापूर्वक प्रदान किया है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 कि उसके उस अनुग्रह की महिमा की स्तुति हो, जिसे उसने हमें अपने प्रिय पुत्र के द्वारा सेंत-मेंत दिया। |
प्रभु ने हर एक वस्तु को विशेष उद्देश्य के लिए रचा है; अत: दुर्जन निस्सन्देह दु:ख भोगेगा!
यह है मेरा सेवक! इसको मैं सम्भाले हुए हूं। यह मेरा मनोनीत है! इससे मैं प्रसन्न हूं। मैंने इसको अपना आत्मा प्रदान किया है, जिससे वह राष्ट्रों में न्याय की स्थापना करे।
जैसे भूमि उपज को उगाती है, जैसे उद्यान में बोया गया बीज अंकुरित होता है, वैसे ही स्वामी-प्रभु समस्त राष्ट्रों के सम्मुख धार्मिकता और स्तुति अपने निज लोगों में अंकुरित करेगा।
प्रभु ने मुझे इसलिए भेजा है कि मैं सियोन में शोक करनेवालों को राख नहीं, वरन् विजय-माला पहनाऊं; विलाप नहीं, बल्कि उनके मुख पर आनन्द का तेल मलूं, उन्हें निराशा की आत्मा नहीं, वरन् स्तुति की चादर ओढ़ाऊं, ताकि वे धार्मिकता के बांज वृक्ष कहलाएँ; वे प्रभु के पौधे कहलाएँ और उनसे प्रभु की महिमा हो।
उस के समय में यहूदा प्रदेश सुरक्षित रहेगा, और इस्राएल प्रदेश निश्चिंत निवास करेगा। वह इस नाम से प्रसिद्ध होगा “प्रभु हमारा धर्म है।” ’
यह नगर पृथ्वी के सब राष्ट्रों में मेरे लिए एक आनन्ददायक नाम, स्तुति और महिमा का स्थान बन जाएगा। जो भलाई मैं इस नगर के रहने वालों के लिए करूंगा, उसके विषय में पृथ्वी की सब जातियां सुनेंगी, और उनसे भयभीत होंगी। मैं इस नगर का कल्याण करूंगा और इस को समृद्ध बनाऊंगा। इसके कल्याण और समृद्धि को देख कर विश्व की जातियां डर से कांपेंगी।’
पुरोहित उनमें से एक को पाप-बलि के लिए और दूसरे को अग्नि-बलि के लिए अर्पित करेगा। पुरोहित उसके स्राव के हेतु उसके लिए प्रभु के सम्मुख प्रायश्चित्त करेगा।
‘ओ मेरी तलवार, जाग! मेरे चरवाहे पर, मेरे समीप खड़े हुए व्यक्ति पर प्रहार कर!’ स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु ने यों कहा है: ‘चरवाहे पर प्रहार कर, जिससे भेड़ें तितर-बितर हो जाएं। मैं भेड़ों के बच्चों पर हाथ उठाऊंगा।’
वह बोल ही रहा था कि उन सब पर एक चमकीला बादल छा गया और उस बादल में से यह वाणी सुनाई पड़ी, “यह मेरा प्रिय पुत्र है। मैं इस पर अत्यन्त प्रसन्न हूँ। इसकी बात सुनो।”
जब वे मजदूर आए, जो सन्ध्या पाँच बजे काम पर लगाये गये थे, तो उन्हें एक-एक सिक्का मिला।
और देखो, स्वर्ग से वह वाणी सुनाई दी, “यह मेरा प्रिय पुत्र है। मैं इस पर अत्यन्त प्रसन्न हूँ।”
“सर्वोच्च स्वर्ग में परमेश्वर की महिमा हो और पृथ्वी पर उन मनुष्यों को शान्ति मिले, जिनसे वह प्रसन्न है।”
“पिता मुझ से इसलिए प्रेम करता है कि मैं अपना प्राण अर्पित करता हूँ ताकि मैं उसे फिर प्राप्त करूँ।
सब कुछ आप लोगों के लिए हो रहा है, ताकि जिस प्रकार परमेश्वर का अनुग्रह अधिक से अधिक लोगों में फैलता जा रहा है, उसी प्रकार परमेश्वर की महिमा के लिए धन्यवाद की प्रार्थना करने वालों की संख्या बढ़ती जाये।
मसीह, जो आप से अपरिचित ही थे, उनको परमेश्वर ने हमारे लिए पाप बना दिया, जिससे हम उनके द्वारा परमेश्वर की धार्मिकता प्राप्त कर सकें।
पवित्र आत्मा हमें विरासत की अग्रिम राशि के रूप में उस उद्देश्य से दिया गया है, कि सम्पूर्णता प्राप्त करने पर हमारा पूर्ण विमोचन हो, जिससे परमेश्वर की महिमा और स्तुति हो।
वह आप लोगों के मन की आंखों को ज्योति प्रदान करे, जिससे आप यह देख सकें कि उसके द्वारा बुलाये जाने के कारण आप लोगों की आशा कितनी महान है और सन्तों के साथ आप लोगों को जो विरासत मिली है, वह कितनी वैभवपूर्ण तथा महिमामय है,
उसने हम को येशु मसीह में जो दयालुता दिखायी, उसके द्वारा उसने आगामी युगों के लिए अपने अनुग्रह की असीम समृद्धि को प्रदर्शित किया।
और परमेश्वर की महिमा तथा प्रशंसा के लिए उस धार्मिकता से परिपूर्ण होंगे, जो येशु मसीह के द्वारा ही फलती-फूलती है।
और उनके साथ पूर्ण रूप से एक हो जाऊं। मुझे अपनी धार्मिकता का नहीं, जो व्यवस्था के पालन से मिलती है, बल्कि उस धार्मिकता का भरोसा है, जो मसीह में विश्वास करने से मिलती है। उस धार्मिकता का उद्गम परमेश्वर है और उसका आधार विश्वास है।
मेरा परमेश्वर येशु मसीह द्वारा अपनी अतुल महिमा के कोष से आपकी सब आवश्यकताओं को पूरा करेगा।
और जीवन्त पत्थरों के समान आत्मिक भवन में निर्मित हो जाएं। इस प्रकार आप पवित्र पुरोहित-वर्ग बन कर ऐसी आत्मिक बलि चढ़ा सकेंगे, जो येशु मसीह द्वारा परमेश्वर को स्वीकार हो।
परन्तु आप लोग चुने हुए वंश, राजकीय पुरोहित-वर्ग, पवित्र राष्ट्र तथा परमेश्वर की अपनी निजी प्रजा हैं, जिससे आप उसी के महान् कार्यों की घोषणा करें, जो आप लोगों को अन्धकार में से निकाल कर अपनी अलौकिक ज्योति में बुला लाया है।
जो प्रवचन देता है, उसे स्मरण रहे कि वह परमेश्वर के शब्द बोल रहा है। जो धर्मसेवा करता है, वह जान ले कि परमेश्वर ही उसे बल प्रदान करता है। इस प्रकार सब बातों में येशु मसीह द्वारा परमेश्वर की महिमा प्रकट हो जायेगी। महिमा तथा सामर्थ्य युगानुयुग परमेश्वर का ही है। आमेन!