प्रभु ने कहा, ‘मैं मनुष्य को पृथ्वी की सतह से मिटा दूंगा, जिसको मैंने रचा था। मैं मनुष्यों को, पशुओं को, रेंगनेवाले जन्तुओं और आकाश के पक्षियों को नष्ट करूंगा; क्योंकि मुझे इस बात का दु:ख है कि मैंने उन्हें बनाया।’
आमोस 7:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) विनाश के सम्बन्ध में प्रभु को पश्चात्ताप हुआ। स्वामी-प्रभु ने कहा, ‘अब ऐसा न होगा।’ पवित्र बाइबल तब यहोवा ने इसके बारे में अपने विचार को बदला। यहोवा ने कहा, “ऐसा नहीं होगा।” Hindi Holy Bible इसके विषय में यहोवा पछताया, और उस से कहा, ऐसी बात अब न होगी॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इसके विषय में यहोवा पछताया, और उसने कहा, “ऐसी बात अब न होगी।” सरल हिन्दी बाइबल इस पर याहवेह ने यह विचार त्याग दिया. और उसने कहा, “अब ऐसी बात न होगी.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इसके विषय में यहोवा पछताया, और उससे कहा, “ऐसी बात अब न होगी।” |
प्रभु ने कहा, ‘मैं मनुष्य को पृथ्वी की सतह से मिटा दूंगा, जिसको मैंने रचा था। मैं मनुष्यों को, पशुओं को, रेंगनेवाले जन्तुओं और आकाश के पक्षियों को नष्ट करूंगा; क्योंकि मुझे इस बात का दु:ख है कि मैंने उन्हें बनाया।’
परमेश्वर ने यरूशलेम नगर को नष्ट करने के लिए वहाँ दूत भेजा। जब दूत यरूशलेम को नष्ट करने वाला था तब प्रभु ने यह देखा। वह उनकी विपत्ति देखकर पछताया। उसने लोगों का संहार करने वाले दूत से कहा, ‘बस! यह पर्याप्त है। अपना हाथ रोक ले।’ उस समय प्रभु का दूत यबूसी जाति के ओर्नान नामक व्यक्ति के खलियान के पास खड़ा था।
परन्तु परमेश्वर दयालु है, वह विनाश नहीं करता, वरन् वह अधर्म को ढांपता है। उसने बार-बार अपने क्रोध को लौटा लिया, और अपने रोष को पुन: भड़कने नहीं दिया।
‘हम आप-सब से पूछते हैं : क्या राजा हिजाकियाह ने नबी मीकायाह की इस कठोर नबूवत के कारण उन को मृत्यु-दण्ड दिया? कदापि नहीं; बल्कि वह प्रभु से डरा, और उसने प्रभु की कृपा के लिए विनती की। अत: प्रभु अपने निश्चय के लिए पछताया, और उसने यहूदा प्रदेश का अनिष्ट करने का जो निश्चय किया था, और जिसकी उसने घोषणा की थी, वह नहीं किया। किन्तु हम तो इस मनुष्य के साथ यह व्यवहार कर अपने ऊपर महा विपत्ति ला रहे हैं।’
यदि तुम इस देश में रहोगे, तो मैं तुम्हारा पुन: निर्माण करूंगा, और तुम्हें नष्ट नहीं करूंगा। मैं तुम्हारे वंश-वृक्ष को पुन: रोपूंगा, और तुम्हें नहीं उखाड़ूंगा; क्योंकि मैंने तुम्हारा जो अनिष्ट किया है, उसके लिए मैं पछता रहा हूं।
ओ एफ्रइम, मैं तुझे कैसे त्याग दूं? ओ इस्राएल, मैं तुझे कैसे शत्रु के हाथ में सौंप दूं? मैं तुझे कैसे अदमा नगर के सदृश राख बना दूं? मैं तुझे कैसे सबोईम नगर के समान नष्ट कर दूं? मेरा हृदय बदल गया है! मेरी दया प्रज्वलित हो उठी है।
अपने वस्त्र नहीं, वरन् अपना हृदय विदीर्ण करो।’ ओ यहूदा देश, अपने प्रभु परमेश्वर की ओर लौट। वह कृपालु और दयालु है। वह विलम्ब क्रोधी और महा करुणा सागर है। वह दु:ख देकर पछताता है।
कौन जानता है, प्रभु लौटे और पछताए, और अपने पीछे आशिष छोड़ जाए? तब तुम अपने प्रभु परमेश्वर को अन्नबलि और पेयबलि चढ़ा सकोगे।
बुराई से घृणा करो, पर भलाई से प्यार! अदालतों में न्याय को प्रतिष्ठित करो। तब संभवत: स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु परमेश्वर तुम, यूसुफ के शेष वंशजों पर कृपा करे।
विनाश के सम्बन्ध में प्रभु को पश्चात्ताप हुआ। स्वामी-प्रभु ने कहा, ‘अब यह भी न होगा।’
जब परमेश्वर ने यह देखा कि नीनवे के निवासियों ने पश्चात्ताप किया है, और उन्होंने अपना दुराचरण छोड़ दिया है, तब उसने उन पर विपत्ति ढाहने का विचार त्याग दिया। परमेश्वर ने कहा था कि वह उन पर विपत्ति ढाहेगा। पर उसने ऐसा नहीं किया।
जब प्रभु देखेगा कि उसके लोगों का भुजबल जाता रहा, स्वाधीन और पराधीन, दोनों प्रकार के लोग नहीं रहे, तब वह अपने निज लोगों को निर्दोष सिद्ध करेगा, वह अपने सेवकों पर दया करेगा।
इसलिए आप लोग एक दूसरे के सामने अपने-अपने पाप स्वीकार करें और एक दूसरे के लिए प्रार्थना करें, जिससे आप स्वस्थ हो जायें। धर्मात्मा की भक्तिमय प्रार्थना बहुत प्रभावशाली होती है।