मेरी आयु के चन्द दिन और शेष हैं! प्रभु, मुझे अकेला छोड़ दे, ताकि मैं उस स्थान को जाने के पूर्व कुछ आराम कर सकूं, जहाँ से मैं वापस नहीं आ सकूंगा, जहाँ केवल अन्धकार है, महा अन्धकार है, जहाँ मृत्यु की छाया है।
अय्यूब 6:11 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मुझ में बल ही क्या है कि मैं प्रभु के अनुग्रह की प्रतीक्षा करूं? जब मेरा अन्त निश्चित है तब मैं अपने प्राण को क्या धीरज दूं? पवित्र बाइबल “मेरी शक्ति क्षीण हो चुकी है अत: जीते रहने की आशा मुझे नहीं है। मुझ को पता नहीं कि अंत में मेरे साथ क्या होगा इसलिये धीरज धरने का मेरे पास कोई कारण नहीं है। Hindi Holy Bible मुझ में बल ही क्या है कि मैं आशा रखूं? और मेरा अन्त ही क्या होगा, कि मैं धीरज धरूं? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मुझ में बल ही क्या है कि मैं आशा रखूँ? मेरा अन्त ही क्या होगा कि मैं धीरज धरूँ? सरल हिन्दी बाइबल “क्या है मेरी शक्ति, जो मैं आशा करूं? क्या है मेरी नियति, जो मैं धैर्य रखूं? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मुझ में बल ही क्या है कि मैं आशा रखूँ? और मेरा अन्त ही क्या होगा कि मैं धीरज धरूँ? |
मेरी आयु के चन्द दिन और शेष हैं! प्रभु, मुझे अकेला छोड़ दे, ताकि मैं उस स्थान को जाने के पूर्व कुछ आराम कर सकूं, जहाँ से मैं वापस नहीं आ सकूंगा, जहाँ केवल अन्धकार है, महा अन्धकार है, जहाँ मृत्यु की छाया है।
मैं जर्जर हूँ, और सड़ी गली वस्तु के समान नष्ट हो रहा हूँ! मैं कीड़ा खाया हुआ वस्त्र हूँ!
यदि मैं यह सोचूँ कि अधोलोक मेरा निवास-स्थान होगा, अन्धकार में मुझे अपना बिस्तर बिछाना पड़ेगा,
‘क्या मैं किसी मनुष्य के प्रति शिकायत कर रहा हूँ? क्या मैं अकारण अपना धीरज खो बैठा हूँ?
“हे प्रभु, मेरा अन्त मुझे बता दे। मेरे जीवन-काल की सीमा क्या है? मुझे बता दे कि मेरा जीवन कितना क्षणभंगुर है।
तूने मेरे जीवन-काल को बित्ता भर बनाया है। मेरी आयु तेरे सम्मुख कुछ भी नहीं है। वस्तुत: प्रत्येक मनुष्य की स्थिति श्वास मात्र है। सेलाह