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अय्यूब 6:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

10 तब मुझे शान्‍ति प्राप्‍त होती; मैं पीड़ा में भी आनन्‍दित होता; क्‍योंकि मैंने पवित्र परमेश्‍वर के वचनों को कभी अस्‍वीकार नहीं किया।

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पवित्र बाइबल

10 यदि वह मुझे मारता है तो एक बात का चैन मुझे रहेगा, अपनी अनन्त पीड़ा में भी मुझे एक बात की प्रसन्नता रहेगा कि मैंने कभी भी अपने पवित्र के आदेशों पर चलने से इन्कार नहीं किया।

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Hindi Holy Bible

10 यही मेरी शान्ति का कारण; वरन भारी पीड़ा में भी मैं इस कारण से उछल पड़ता; क्योंकि मैं ने उस पवित्र के वचनों का कभी इनकार नहीं किया।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

10 यही मेरी शान्ति का कारण होता; वरन् भारी पीड़ा में भी मैं इस कारण से उछल पड़ता; क्योंकि मैं ने उस पवित्र के वचनों का कभी इन्कार नहीं किया।

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सरल हिन्दी बाइबल

10 किंतु तब भी मुझे तो संतोष है, मैं असह्य दर्द में भी आनंदित होता हूं, क्योंकि मैंने पवित्र वचनों के आदेशों का विरोध नहीं किया है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

10 यही मेरी शान्ति का कारण; वरन् भारी पीड़ा में भी मैं इस कारण से उछल पड़ता; क्योंकि मैंने उस पवित्र के वचनों का कभी इन्कार नहीं किया।

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अय्यूब 6:10
27 क्रॉस रेफरेंस  

तुम यह कहते हो : “मेरा धर्म-सिद्धान्‍त पवित्र है; मैं परमेश्‍वर की दृष्‍टि में शुद्ध हूं।”


क्‍या परमेश्‍वर के शान्‍तिदायक वचन अथवा तुमसे कहे गए कोमल वचन तुम्‍हारी दृष्‍टि में कोई महत्‍व नहीं रखते?


विशाल जनसमुदाय उसकी शव यात्रा में सम्‍मिलित होता है बड़ी भीड़ पीछे-पीछे जाती है; उसके आगे असंख्‍य लोग जाते हैं। घाटी की भूमि उसे प्रिय लगती है।


उसके मुख से शिक्षा ग्रहण करो, और उसके वचन अपने हृदय में रखो।


‘मेरे पैर उसके मार्ग में स्‍थिर रहे; मैं बिना भटके उसी के मार्ग पर चलता रहा।


मैं उसकी आज्ञा का पालान करने से कभी विचलित नहीं हुआ; मैंने उसके वचनों को अपने हृदय में सदा सुरक्षित रखा।


जब वे उसको पा लेते हैं, तब उनके आनन्‍द की कोई सीमा नहीं रहती, वे अपनी मृत्‍यु से हर्षित होते हैं।


परमेश्‍वर बुद्धिमान है, वह सर्वशक्‍तिमान है, किस मनुष्‍य ने हठ पूर्वक उसका विरोध किया, और सफलता प्रप्‍त की?


तेरे समस्‍त न्‍याय-सिद्धान्‍तों का मैं अपने मुंह से वर्णन करूंगा।


मेरी विपत्ति में मेरी यही सांत्‍वना है, कि तेरा वचन मुझे पुनर्जीवित करता है।


धार्मिक मनुष्‍य ज्ञान का पाठ करता है। उसकी जीभ न्‍याय की बातें करती है।


सर्वोच्‍च और महान परमेश्‍वर, जिसका नाम पवित्र है, जो अनन्‍तकाल तक जीवित है, यह कहता है : ‘मैं उच्‍च और पवित्र स्‍थान में निवास करता हूं, पर मैं उसके साथ भी विद्यमान रहता हूं जिसकी आत्‍मा विदीर्ण और विनम्र है। मैं उस विनम्र व्यक्‍ति की आत्‍मा को संजीव करता हूं, और उसके विदीर्ण हृदय को पुनर्जीवित।


मैं अपनी क्रोधाग्‍नि को आदेश नहीं दूंगा; मैं एफ्रइम को पुन: नष्‍ट नहीं करूंगा। मैं मनुष्‍य नहीं, ईश्‍वर हूं, तेरे मध्‍य पवित्र परमेश्‍वर हूं। मैं नष्‍ट करने के लिए तेरे नगर में नहीं आऊंगा।


‘तू समस्‍त इस्राएली मण्‍डली से बोलना; तू उनसे यह कहना: पवित्र बनो! क्‍योंकि मैं प्रभु तुम्‍हारा परमेश्‍वर पवित्र हूँ।


‘हे प्रभु, मेरे परमेश्‍वर, मेरे पवित्र परमेश्‍वर, तू अनादि है। इस कारण हम नहीं मरेंगे। हे प्रभु, तूने न्‍याय के लिए कसदी राष्‍ट्र को नियुक्‍त किया है। हे हमारी चट्टान, तूने हमें ताड़ित करने के लिए उसे निश्‍चित किया है।


परमेश्‍वर तेमान क्षेत्र से आया, पवित्र परमेश्‍वर परान पर्वत से उतरा। (सेलाह) उसके तेज से आसमान ढक गया। उसके जयजयकार से पृथ्‍वी गूंज उठी।


जो बातें आप लोगों के लिए हितकर थीं, उन्‍हें बताने में मैंने कभी संकोच नहीं किया, बल्‍कि मैं सब के सामने और घर-घर जा कर उनके सम्‍बन्‍ध में शिक्षा देता रहा।


क्‍योंकि मैंने आप लोगों को परमेश्‍वर का सम्‍पूर्ण अभिप्राय बताने में कुछ भी उठा नहीं रखा।


उसने अपने निजी पुत्र को भी नहीं बचाया, उसने हम सब के लिए उसे समर्पित कर दिया। तो, इतना देने के बाद, क्‍या वह हमें अपने पुत्र के साथ सब कुछ नहीं देगा?


प्रभु उसको क्षमा करने को तैयार भी नहीं होगा, वरन् प्रभु का क्रोध और उसकी ईष्‍र्या-भावना उस व्यक्‍ति के प्रति भड़क उठेगी। इस पुस्‍तक में लिखित समस्‍त अभिशाप उस पर पड़ेंगे और प्रभु आकाश के नीचे से उसका नाम मिटा डालेगा।


“फ़िलदेलफिया की कलीसिया के दूत को यह लिखो : “जो पवित्र और सच्‍चा है, जिसके पास दाऊद की कुंजी है, जिसके खोलने पर कोई नहीं बन्‍द कर सकता और जिसके बन्‍द करने पर कोई नहीं खोल सकता, उसका सन्‍देश इस प्रकार है :


चारों प्राणियों के छह-छह पंख हैं; वे भीतर-बाहर आँखों से भरे हुए हैं और रात-दिन निरन्‍तर यह कहते रहते हैं। “पवित्र, पवित्र, पवित्र सर्वशक्‍तिमान प्रभु परमेश्‍वर! जो था, जो है और जो आनेवाला है।”


‘प्रभु के सदृश कोई पवित्र नहीं है। निस्‍सन्‍देह उसके अतिरिक्‍त कोई नहीं है। हमारे परमेश्‍वर जैसी कोई चट्टान नहीं है।


हमारे पर का पालन करें:

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