जब राहेल ने देखा कि उससे याकूब के लिए सन्तान उत्पन्न नहीं हुई, तब वह अपनी बहिन से ईष्र्या करने लगी। उसने याकूब से कहा, ‘मुझे सन्तान दो, अन्यथा मैं मर जाऊंगी।’
अय्यूब 5:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) निस्सन्देह क्रोध मूर्ख मनुष्य को मार डालता है; और मूढ़ आदमी ईष्र्या के कारण मर जाता है। पवित्र बाइबल मूर्ख का क्रोध उसी को नष्ट कर देगा। मूर्ख की तीव्र भावनायें उसी को नष्ट कर डालेंगी। Hindi Holy Bible क्योंकि मूढ़ तो खेद करते करते नाश हो जाता है, और भोला जलते जलते मर मिटता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि मूढ़ तो खेद करते करते नष्ट हो जाता है, और भोला जलते जलते मर मिटता है। सरल हिन्दी बाइबल क्रोध ही मूर्ख व्यक्ति के विनाश का कारण हो जाता है, तथा जलन भोले के लिए घातक होती है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि मूर्ख तो खेद करते-करते नाश हो जाता है, और निर्बुद्धि जलते-जलते मर मिटता है। |
जब राहेल ने देखा कि उससे याकूब के लिए सन्तान उत्पन्न नहीं हुई, तब वह अपनी बहिन से ईष्र्या करने लगी। उसने याकूब से कहा, ‘मुझे सन्तान दो, अन्यथा मैं मर जाऊंगी।’
किन्तु ओनन यह बात जानता था कि तामार से उत्पन्न वंश उसका अपना न कहलाएगा। अतएव जब उसने अपने भाई की पत्नी के साथ सहवास किया तब वीर्य भूमि पर गिरा दिया जिससे वह अपने मृत भाई को वंश प्रदान न कर सके।
ओ अय्यूब, अपने ही क्रोध में स्वयं को चीरने-फाड़ने वाले! क्या तुम्हारे लिए पृथ्वी उजड़ जाएगी? क्या चट्टान अपने स्थान से हट जाएगी?
मूर्ख अपने हृदय में यह कहते हैं, “परमेश्वर है ही नहीं।” वे भ्रष्ट हो गए हैं और घृणास्पद कार्य करते हैं, ऐसा कोई भी नहीं जो भलाई करता है।
मैं अंहकारियों से यह कहता हूँ, “अहंकार मत करो,” और दुर्जनों से, “घमण्ड से अपने सींग मत उठाओ,
मूर्ख मनुष्य अपनी चिढ़ तत्काल प्रकट कर देता है, किन्तु व्यवहार-कुशल मनुष्य अपना अपमान पी जाता है।
जो मनुष्य परमेश्वर की आज्ञा का पालन करता है; वह अपने प्राण की रक्षा करता है; प्रभु के वचन की उपेक्षा करनेवाला निस्सन्देह मर जाता है।
जो मनुष्य बड़ा क्रोधी है, उसे क्रोध का फल भोगना ही पड़ेगा; यदि तुम उसे एक बार बचाओगे, तो उसे बार-बार बचाना पड़ेगा।
पत्थर भारी होता है रेत भी वजनदार होती है, पर इनसे अधिक भारी होता है मूर्ख मनुष्य का क्रोध।
एफ्रइम मूर्ख और नासमझ कबूतर है; वह सहायता के लिए पुकारता तो है मिस्र देश को, पर जाता है असीरिया देश के पास!
तब परमेश्वर ने योना से पूछा, ‘क्या यह उचित है कि तू अंडी के पेड़ के कारण नाराज हो?’ योना ने उत्तर दिया, ‘मेरा क्रोध उचित है। इसलिए मैं नाराज हूं। मैं मर जाना चाहता हूं।’
और जो लोग स्वार्थी हैं और सत्य से विद्रोह करते हुए अधर्म पर चलते हैं, ये परमेश्वर के क्रोध और प्रकोप के पात्र होंगे।
ये लोग घरों में छिपे-छिपे घुस जाते हैं और उन मूर्ख स्त्रियों को अपने जाल में फंसाते हैं, जो अपने पापों के भार से दब कर नाना प्रकार की वासनाओं से संचालित हैं,