क्या कोई व्यक्ति मेघों के विस्तार का अनुभव कर सकता है? क्या कोई मनुष्य परमेश्वर के निवास- स्थान में मेघ-गर्जन को समझ सकता है?
अय्यूब 26:14 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘मित्रो, ये सब तो परमेश्वर के अति साधारण कार्य हैं! हम-मनुष्य उसके महान कार्यों की एक झलक ही देख पाते हैं; उसके महासामर्थ्य की थाह कौन पा सकता है?’ पवित्र बाइबल ये तो परमेश्वर के आश्चर्यकर्मों की थोड़ी सी बातें हैं। बस हम थोड़ा सा परमेश्वर के हल्की—ध्वनि भरे स्वर को सुनते हैं। किन्तु सचमुच कोई व्यक्ति परमेश्वर के शक्ति के गर्जन को नहीं समझ सकता है।” Hindi Holy Bible देखो, ये तो उसकी गति के किनारे ही हैं; और उसकी आहट फुसफुसाहट ही सी तो सुन पड़ती है, फिर उसके पराक्रम के गरजने का भेद कौन समझ सकता है? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) देखो, ये तो उसकी गति के किनारे ही हैं; और उसकी आहट फुसफुसाहट ही सी तो सुन पड़ती है, फिर उसके पराक्रम के गरजने का भेद कौन समझ सकता है?” सरल हिन्दी बाइबल यह समझ लो, कि ये सब तो उनके महाकार्य की झलक मात्र है; उनके विषय में हम कितना कम सुन पाते हैं! तब किसमें क्षमता है कि उनके पराक्रम की थाह ले सके?” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 देखो, ये तो उसकी गति के किनारे ही हैं; और उसकी आहट फुसफुसाहट ही सी तो सुन पड़ती है, फिर उसके पराक्रम के गरजने का भेद कौन समझ सकता है?” |
क्या कोई व्यक्ति मेघों के विस्तार का अनुभव कर सकता है? क्या कोई मनुष्य परमेश्वर के निवास- स्थान में मेघ-गर्जन को समझ सकता है?
इसके पश्चात् उसकी वाणी का गर्जन सुनाई देता है; वह अपनी प्रतापी आवाज में गरजता है। जब उसकी आवाज सुनाई देती है तब वह अपनी बिजलियों को चमकाता है।
परमेश्वर अपनी आवाज से आश्चर्यपूर्ण गर्जन करता है; वह बड़े-बड़े कार्य करता है जिनको हम समझ नहीं पाते हैं’
जैसा तुम नहीं जानते हो कि गर्भवती के पेट के शिशु में प्राण कैसे पड़ जाता है, वैसे ही तुम परमेश्वर के कार्यों को नहीं समझ सकते, जो सबको बनाता है।
सूर्य के प्रकाश के सदृश उसकी ज्योति थी। उसके हाथ से किरणें निकल रही थीं। उसके हाथ में उसका बल छिपा था।
अहा! कितना अगाध है परमेश्वर का वैभव, बुद्धि और ज्ञान! कितने दुर्बोध हैं उसके निर्णय! कितने रहस्यमय हैं उसके मार्ग!
प्रभु के विरोधी टुकड़े-टुकड़े कर दिए जाएँगे; सर्वोच्च प्रभु आकाश से उन पर गरजेगा। वह पृथ्वी के सीमांतों तक न्याय करेगा; वह अपने राजा को शक्ति प्रदान करेगा, और अपने अभिषिक्त का सिर ऊंचा उठाएगा।’