अय्यूब 11:20 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पर दुर्जनों की आंखें पथरा जाएंगी, उनके बचाव के सब रास्ते बन्द हो जाएँगे। उनकी आशा डूब जाएगी, और वे अन्तिम साँस लेंगे।’ पवित्र बाइबल किन्तु जब बुरे लोग आसरा ढूढेंगे तब उनको नहीं मिलेगा। उनके पास कोई आस नहीं होगी। वे अपनी विपत्तियों से बच कर निकल नहीं पायेंगे। मृत्यु ही उनकी आशा मात्र होगी।” Hindi Holy Bible परन्तु दुष्ट लोगों की आंखें रह जाएंगी, और उन्हें कोई शरुण स्थान न मिलेगा और उनकी आशा यही होगी कि प्राण निकल जाए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु दुष्ट लोगों की आँखें धुँधली पड़ जाएँगी, और उन्हें कोई शरणस्थान न मिलेगा और उनकी आशा यही होगी कि प्राण निकल जाए।” सरल हिन्दी बाइबल किंतु दुर्वृत्तों की दृष्टि शून्य हो जाएगी, उनके लिए निकास न हो सकेगा; उनके लिए एकमात्र आशा है मृत्यु.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु दुष्ट लोगों की आँखें धुँधली हो जाएँगी, और उन्हें कोई शरणस्थान न मिलेगा और उनकी आशा यही होगी कि प्राण निकल जाए।” |
जो व्यक्ति झूठी चुगली खाकर, अपने मित्रों की सम्पत्ति हड़पना चाहता है, उसके बच्चे अन्धे हो जाते हैं!
जिस तम्बू पर उसको भरोसा है, वहाँ से वह निर्वासित कर दिया जाता है; और उसको आतंक के महाराज के सम्मुख पेश किया जाता है।
‘यों परमेश्वर निर्दयता से उस पर विपत्तियाँ ढाहता है; दुर्जन उसके हाथ की पहुँच से वेगपूर्वक भागता है।
जब परमेश्वर अधर्मी व्यक्ति का अन्त कर देता है, जब परमेश्वर उसका प्राण ले लेता है तब उसके लिए आशा कहाँ शेष रही?
वे मृत्यु की प्रतीक्षा करते हैं, पर वह नहीं आती; गड़ा धन खोजनेवालों से अधिक वे मृत्यु को खोजते हैं।
जब वे उसको पा लेते हैं, तब उनके आनन्द की कोई सीमा नहीं रहती, वे अपनी मृत्यु से हर्षित होते हैं।
‘यदि मैंने किसी गरीब की इच्छा पूरी नहीं की, यदि मैंने किसी विधवा की आशापूर्ण आंखों को निराश किया,
मैं दाहिनी ओर दृष्टि करता हूं और यह देखता हूं कि मुझे पहचाननेवाला कोई नहीं है। मेरे लिए शरण-स्थल भी नहीं रहा; मेरी चिन्ता करनेवाला कोई नहीं है।
मैं पुकारते पुकारते थक गया; मेरा गला सूख गया। अपने परमेश्वर की प्रतीक्षा करते-करते मेरी आंखें धुंधली हो गई।
जिस बात से दुर्जन डरता है, वह उस पर आती है; पर धार्मिक मनुष्य की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
धार्मिक मनुष्य की आशाएं पूर्ण होती हैं, और वह आनन्दित होता है, पर दुर्जन की आशा निराशा में बदल जाती है।
चरवाहे प्राण बचा कर कहां शरण लेंगे? शरण-स्थान कहीं नहीं है। भेड़ों के स्वामी भाग कर नहीं बच सकते।
सयाहता की राह देखते-देखते हमारी आंखें पथरा गईं; हमने सहायता के लिए ऐसे राष्ट्र की बाट जोही जो हमें बचा न सका।
तो मैं तुम्हारे साथ यह व्यवहार करूंगा : तुम पर आतंक ढाहूंगा, तुम्हें क्षय रोग और ऐसे ज्वर से पीड़ित करूंगा जिसके कारण आंखें धंस जातीं और प्राण मुरझा जाते हैं। तुम्हारा बीज बोना व्यर्थ होगा; क्योंकि तुम्हारे शत्रु ही उनको खाएंगे।
वेग से दौड़नेवाला धावक भी मृत्यु की पहुंच से भाग नहीं सकेगा; बलवान का बल भी उसके काम न आएगा; योद्धा भी अपने प्राण को बचा न सकेगा।
उन राष्ट्रों में तुझे आराम नहीं मिलेगा, और न पैर रखने के लिए विश्राम-स्थल! प्रभु वहाँ तुझे कांपता हुआ हृदय, धुंधली आंखें और क्षीण प्राण प्रदान करेगा।
तो हम कैसे बच सकेंगे, यदि हम उस महान् मुक्ति का तिरस्कार करेंगे, जिसकी घोषणा पहले पहल प्रभु द्वारा हुई थी? जिन लोगों ने प्रभु को सुना, उन्होंने उनके सन्देश को हमारे लिए प्रमाणित किया।