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अय्यूब 34:22 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

22 कहाँ है वह अन्‍धकार, घोर अन्‍धकार जहाँ परमेश्‍वर की दृष्‍टि से दुष्‍कर्मी छिप सकें?

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पवित्र बाइबल

22 कोई जगह अंधेरे से भरी हुई नहीं है, और कोई जगह ऐसी नहीं है जहाँ इतना अंधेरा हो कि कोई भी दुष्ट व्यक्ति अपने को परमेश्वर से छिपा पाये।

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Hindi Holy Bible

22 ऐसा अन्धियारा वा घोर अन्धकार कहीं नहीं है जिस में अनर्थ करने वाले छिप सकें।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

22 ऐसा अन्धियारा या घोर अन्धकार कहीं नहीं है जिस में अनर्थ करनेवाले छिप सकें।

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सरल हिन्दी बाइबल

22 न तो कोई ऐसा अंधकार है, और न ही ऐसी कोई छाया, जहां दुराचारी छिपने के लिए आश्रय ले सकें.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

22 ऐसा अंधियारा या घोर अंधकार कहीं नहीं है जिसमें अनर्थ करनेवाले छिप सके।

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अय्यूब 34:22
24 क्रॉस रेफरेंस  

तूने यह कुकर्म छिपकर किया। परन्‍तु मैं समस्‍त इस्राएली समाज के सम्‍मुख, सूरज के प्रकाश में यह कार्य करवाऊंगा।” ’


यदि मैं पाप करूं तो तू उस पर ध्‍यान देगा; मेरे अधर्म करने पर तू मुझे निर्दोष न ठहराएगा।


पर दुर्जनों की आंखें पथरा जाएंगी, उनके बचाव के सब रास्‍ते बन्‍द हो जाएँगे। उनकी आशा डूब जाएगी, और वे अन्‍तिम साँस लेंगे।’


वह अन्‍धकार के गुप्‍त षड्‍यन्‍त्रों को प्रकट करता है; वह घोर अन्‍धकार को प्रकाश में बदल देता है।


इसलिए तुम यह कहते हो, “परमेश्‍वर क्‍या जानता है! क्‍या वह सघन मेघों के भीतर से न्‍याय कर सकता है?


घोर अन्‍धकार ही उन सब के लिए सबेरे का प्रकाश होता है; वे गहरे अन्‍धकार के आतंक से प्रेम करते हैं।


यदि मैं मर गया होता तो अब चुपचाप पड़ा रहता, मैं चिरनिद्रा में सोता और आराम करता—


अंधकार और मृत्‍यु की छाया उस पर अपना अधिकार जमायें; काली घटाएँ उस पर छा जाएँ, दिन की सघन रेतीली हवाएँ उसको डराएँ।


क्‍या अधर्मियों पर विपत्ति नहीं आती? क्‍या दुष्‍कर्मियों का सर्वनाश नहीं होता?


क्‍या कभी मृत्‍यु के द्वार तेरे लिए खोले गए? क्‍या तूने सघन अन्‍धकार के दरवाजों को देखा है?


तेरे सम्‍मुख अहंकारी खड़े न हो सकेंगे, तू सभी कुकर्मियों से घृणा करता है।


निष्‍कपट मनुष्‍य का गढ़ है− प्रभु; किन्‍तु प्रभु दुष्‍कर्मियों का संहार करता है।


धिक्‍कार है उन्‍हें, जो अपनी योजना को गहरे अन्‍धकार में प्रभु से छिपाते हैं, जो अन्‍धेरे में काम करते हैं, और यह सोचते हैं, “हमें कौन देखता है? हमें कौन जानता है?”


जो लोग अन्‍धकार में भटक रहे थे, उन्‍होंने बड़ी ज्‍योति देखी; जो लोग गहन अन्‍धकार के क्षेत्र में रहते थे, उन पर ज्‍योति उदित हुई।


‘क्‍योंकि मेरी आंखों से उनका आचरण छिपा नहीं है; मैं उनके व्‍यवहार को हर क्षण देखता हूँ; उनका अधर्म मेरी आंखों से गुप्‍त नहीं है।


क्‍या मनुष्‍य अपने को ऐसे गुप्‍त स्‍थानों में छिपा सकता है कि मैं उसको न देख सकूं? क्‍या मेरी उपस्‍थिति से आकाश और पृथ्‍वी परिपूर्ण नहीं हैं?’ प्रभु की यह वाणी है।


तब मैं उन्‍हें साफ-साफ बता दूँगा, ‘मैंने तुम लोगों को कभी नहीं जाना। कुकर्मियो! मुझ से दूर हटो।’


परन्‍तु वह तुम से कहेगा, ‘मैं नहीं जानता कि तुम कहाँ से आए हो। कुकर्मियो! तुम सब मुझ से दूर हटो।’


इसलिए समय से पूर्व, प्रभु के आने तक, आप किसी बात का न्‍याय मत कीजिए। वही अन्‍धकार में छिपी हुई बातों को प्रकाश में लायेंगे और मनुष्‍यों के हृदय के गुप्‍त अभिप्राय प्रकट करेंगे। उस समय हर एक को परमेश्‍वर की ओर से यथायोग्‍य श्रेय दिया जायेगा।


परमेश्‍वर से कोई भी सृष्‍ट वस्‍तु छिपी नहीं है। उसकी आंखों के सामने सब कुछ खुला और अनावृत्त है। उसी को हमें लेखा देना पड़ेगा।


हमारे पर का पालन करें:

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