2 तीमुथियुस 3:16 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पूरा धर्मग्रन्थ परमेश्वर की प्रेरणा से लिखा गया है। वह शिक्षा देने के लिए, भ्रान्त धारणाओं का खण्डन करने के लिए, जीवन के सुधार के लिए और सदाचरण का प्रशिक्षण देने के लिए उपयोगी है, पवित्र बाइबल सम्पूर्ण पवित्र शास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है। यह लोगों को सत्य की शिक्षा देने, उनको सुधारने, उन्हें उनकी बुराइयाँ दर्शाने और धार्मिक जीवन के प्रशिक्षण में उपयोगी है। Hindi Holy Bible हर एक पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धर्म की शिक्षा के लिये लाभदायक है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धार्मिकता की शिक्षा के लिये लाभदायक है, नवीन हिंदी बाइबल संपूर्ण पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और शिक्षा देने, ताड़ना देने, सुधारने और धार्मिकता की शिक्षा के लिए लाभदायक है, सरल हिन्दी बाइबल संपूर्ण पवित्र शास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है. यह शिक्षा देने, गलत धारणाओं का विरोध करने, दोष-सुधार तथा धार्मिकता की शिक्षा के लिए सही है, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धार्मिकता की शिक्षा के लिये लाभदायक है, |
तूने उन्हें सिखाने के लिए अपना सद् आत्मा उन्हें दिया। तूने उनके मुंह से अपना ‘मन्ना’ नहीं छीना, और उनकी प्यास बुझाने के लिए तू उन्हें पानी देता रहा।
जो मनुष्य पथभ्रष्ट हो जाता है, वह कठोर दण्ड पाता है; डांट-डपट की उपेक्षा करनेवाला मनुष्य समय से पहले मर जाता है।
जो मनुष्य हितपूर्ण चेतावनियों पर ध्यान देता है, वह बुद्धिमानों के सत्संग में स्थान पाता है।
क्योंकि पिता की आज्ञा मार्ग का दीपक है, और मां की शिक्षा जीवन की ज्योति है! अनुशासन के लिए दी जानेवाली चेतावनियां जीवन का मार्ग हैं।
प्रभु कहता है, ‘ओ याकूब के वंशजो, क्या मनुष्य मुझ से यह प्रश्न पूछ सकता है, “क्या प्रभु का आत्मा धीरज खो बैठा है? क्या यह उसके कार्य हैं? क्या सदाचारी के प्रति उसके वचन हितकर नहीं होते?”
वह किसी की बात पर ध्यान नहीं देती, वह ताड़ना पाने पर भी नहीं सुधरी। वह प्रभु पर भरोसा नहीं करती। वह परमेश्वर की आराधना के लिए उसके मन्दिर में नहीं आती।
येशु ने उन से कहा, “इस कारण प्रत्येक शास्त्री, जो स्वर्ग के राज्य के विषय में शिक्षा पा चुका है, उस गृहस्थ के सदृश है, जो अपने भंडार से नयी और पुरानी वस्तुएँ निकालता है।”
येशु ने उनसे कहा, “क्या तुम लोगों ने धर्मग्रन्थ में कभी यह नहीं पढ़ा : ‘कारीगरों ने जिस पत्थर को बेकार समझ कर फेंक दिया था, वही कोने की नींव का पत्थर बन गया है। यह प्रभु का कार्य है और हमारी दृष्टि में अद्भुत है।’?
इस पर येशु ने उनसे कहा, “तब दाऊद आत्मा की प्रेरणा से उन्हें प्रभु क्यों कहते हैं? उनका कथन है :
यह सब इसलिए हुआ कि नबियों के ग्रन्थों में जो लिखा है, वह पूरा हो जाए।” तब सब शिष्य येशु को छोड़कर भाग गये।
येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “क्या तुम इस कारण भ्रम में नहीं पड़े हुए हो कि तुम न तो धर्मग्रन्थ जानते हो और न परमेश्वर की शक्ति?
दाऊद ने स्वयं पवित्र आत्मा की प्रेरणा से कहा, ‘प्रभु ने मेरे प्रभु से कहा : तुम मेरे सिंहासन की दाहिनी ओर बैठो, जब तक मैं तुम्हारे शत्रुओं को तुम्हारे पैरों तले न डाल दूँ।’
जिन को परमेश्वर का सन्देश दिया गया था, यदि व्यवस्था ने उन को ईश्वर कहा − और धर्मग्रन्थ की बात टल नहीं सकती −
जो बुराई करता है, वह ज्योति से बैर करता है और ज्योति के पास इसलिए नहीं आता कि कहीं उसके कार्यों के दोष प्रकट न हो जाएँ।
“ भाइयो! यह अनिवार्य था कि धर्मग्रन्थ की वह भविष्यवाणी पूरी हो जाये, जो पवित्र आत्मा ने दाऊद के मुख से यूदस [यहूदा] के विषय में की थी। यूदस तो येशु को गिरफ्तार करने वालों का अगुआ बन गया।
उसे प्रभु के मार्ग की शिक्षा मिली थी। वह आत्मिक उत्साह के साथ बोलता और येशु के विषय में सही बातें सिखलाता था, यद्यपि वह केवल योहन के बपतिस्मा से परिचित था।
जो बातें आप लोगों के लिए हितकर थीं, उन्हें बताने में मैंने कभी संकोच नहीं किया, बल्कि मैं सब के सामने और घर-घर जा कर उनके सम्बन्ध में शिक्षा देता रहा।
क्योंकि मैंने आप लोगों को परमेश्वर का सम्पूर्ण अभिप्राय बताने में कुछ भी उठा नहीं रखा।
जब वे आपस में सहमत नहीं हुए और विदा होने लगे, तो पौलुस ने उन से यह एक बात कही, “पवित्र आत्मा ने नबी यशायाह के मुख से आप लोगों के पूर्वजों से ठीक ही कहा है,
धर्मग्रन्थ में जो कुछ पहले लिखा गया था, वह हमारी शिक्षा के लिए लिखा गया था, ताकि हमें उस से धैर्य तथा सांत्वना मिलती रहे और इस प्रकार हम अपनी आशा बनाये रख सकें।
धर्मग्रन्थ पहले से यह जानता था कि परमेश्वर विश्वास द्वारा गैर-यहूदियों को धार्मिक ठहरायेगा, इसलिए उसने पहले से अब्राहम को यह शुभ समाचार सुनाया कि “तेरे द्वारा पृथ्वी की समस्त जातियाँ आशीर्वाद प्राप्त करेंगी।”
गुप्त बातें केवल हमारा प्रभु परमेश्वर ही जानता है। पर जो बातें प्रकट की गई हैं, उन्हें हम और हमारी सन्तान सदा-सर्वदा जानेंगे, ताकि हम इस व्यवस्था के वचनों के अनुसार कार्य कर सकें।
उसने तुझे ताड़ित करने के लिए आकाश से अपनी वाणी सुनाई थी, और पृथ्वी पर अपनी महान् अग्नि दिखाई थी। तूने स्वयं अग्नि के मध्य से उसके वचन सुने थे।
और इस आशा से विरोधियों को नम्रता से समझाये कि वे परमेश्वर की दया से पश्चात्ताप करें और सच्चाई पहचानें।
शुभ संदेश सुनाओ, समय-असमय लोगों से आग्रह करते रहो। बड़े धैर्य से तथा शिक्षा देने के उद्देश्य से लोगों को समझाओ, डांटो और प्रोत्साहित करो;
विश्वास उन बातों का पक्का निश्चय है, जिनकी हम आशा करते हैं और उन वस्तुओं के अस्तित्व के विषय में दृढ़ धारणा है, जिन्हें हम नहीं देखते।
क्योंकि परमेश्वर का वचन जीवन्त, सशक्त और किसी भी दुधारी तलवार से तेज है। वह प्राण और आत्मा के, अथवा ग्रंथियों और मज्जा के विच्छेद तक पहुँचता और हमारे हृदय के भावों तथा विचारों को परखता है।