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2 कुरिन्थियों 7:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

जब उन्‍हें याद आता है कि आप सब ने उनकी बात मानी और डरते-कांपते हुए उनका स्‍वागत किया, तो आप के प्रति उनका प्रेम और भी बढ़ जाता है।

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पवित्र बाइबल

वह जब यह याद करता है कि तुम सब ने किस प्रकार उसकी आज्ञा मानी और डर से थरथर काँपते हुए तुमने कैसे उसको अपनाया तो तुम्हारे प्रति उसका प्रेम और भी बढ़ जाता है।

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Hindi Holy Bible

और जब उस को तुम सब के आज्ञाकारी होने का स्मरण आता है, कि क्योंकर तुम ने डरते और कांपते हुए उस से भेंट की; तो उसका प्रेम तुम्हारी ओर और भी बढ़ता जाता है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

जब उसको तुम सब के आज्ञाकारी होने का स्मरण आता है कि कैसे तुम ने डरते और काँपते हुए उससे भेंट की; तो उसका प्रेम तुम्हारी ओर और भी बढ़ता जाता है।

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नवीन हिंदी बाइबल

जब वह तुम सब की आज्ञाकारिता को स्मरण करता है कि तुमने कैसे डरते और काँपते हुए उसे ग्रहण किया तो उसका प्रेम तुम्हारे प्रति और भी बढ़ता जाता है।

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सरल हिन्दी बाइबल

जब तीतॉस को तुम्हारी आज्ञाकारिता याद आती है तथा यह भी कि तुमने कितने श्रद्धा भाव से उसका सत्कार किया तो वह स्नेह से तुम्हारे प्रति और अधिक भर उठता है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

जब उसको तुम सब के आज्ञाकारी होने का स्मरण आता है, कि कैसे तुम ने डरते और काँपते हुए उससे भेंट की; तो उसका प्रेम तुम्हारी ओर और भी बढ़ता जाता है।

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2 कुरिन्थियों 7:15
23 क्रॉस रेफरेंस  

यूसुफ शीघ्रता से उठा; क्‍योंकि अपने छोटे भाई के कारण उसका हृदय भर आया था। उसने एकान्‍त में आँसु बहाने के लिए स्‍थान खोजा। वह अपने कक्ष में आया और वहाँ रो पड़ा।


जिस स्‍त्री का पुत्र जीवित था, उसका हृदय अपने पुत्र के प्रति वात्‍सल्‍य से भर गया। उसने राजा से कहा, ‘हे स्‍वामी, जीवित बच्‍चा इसको ही दे दीजिए। कृपया, बच्‍चे का वध मत कीजिए।’ किन्‍तु दूसरी स्‍त्री ने कहा, ‘यह बच्‍चा न मुझे मिलेगा और न तुझे। महाराज, इसके दो टुकड़े कर दीजिए।’


अत: यहूदा और बिन्‍यामिन कुलों के सब पुरुष तीन दिन की अवधि में यरूशलेम में एकत्र हो गए। यह नौवां महीना और महीने की बीसवीं तारीख थी। सब लोग परमेश्‍वर के भवन के सामने चौक में बैठे हुए थे। घनघोर वर्षा हो रही थी। प्रस्‍तुत मामले के डर के कारण तथा मूसलाधार वर्षा के कारण सब कांप रहे थे।


तब इस्राएली कौम के परमेश्‍वर की धर्म-व्‍यवस्‍था से श्रद्धा-भक्‍ति करने वाले लोग मेरे चारों ओर एकत्र हो गए; क्‍योंकि उन्‍होंने निष्‍कासन से लौटे यहूदियों के विश्‍वासघात की खबर सुनी थी। मैं सन्‍ध्‍या-बलि के समय तक आतंकित-सा बैठा रहा।


जब मैं विचार करता हूँ तब मैं घबरा जाता हूँ, मेरा शरीर थर-थर काँपने लगता है।


प्रभु, तेरे भय से मेरा शरीर कांपता है; तेरे न्‍याय-सिद्धान्‍तों से मैं डरता हूं।


भयभाव से प्रभु की सेवा करो, कांपते हुए उसके चरण चूमो।


मेरे प्रियतम ने अपना हाथ दराज में डाला, मेरा हृदय भीतर ही भीतर धड़कने लगा।


प्रभु कहता है : ‘इन सबको स्‍वयं मेरे हाथों ने बनाया है, अत: ये सब वस्‍तुएँ मेरी ही हैं। पर मैं उस मनुष्‍य पर ध्‍यान दूंगा, जो विनम्र है जो आत्‍मा में पीड़ित है जो मेरे वचन में श्रद्धा रखता है।


जब एफ्रइम बोलता था, तब लोग कांपते थे। वह इस्राएली राष्‍ट्र में श्रेष्‍ठ था। उसने बअल देवता की पूजा की, और यों अपराध किया और मर गया।


प्रसव निकट आने पर गर्भवती स्‍त्री को दु:ख होता है, क्‍योंकि उसका समय आ गया है; किन्‍तु शिशु को जन्‍म देने के बाद वह अपनी वेदना भूल जाती है, क्‍योंकि उसे आनन्‍द होता है कि संसार में एक मनुष्‍य का जन्‍म हुआ है।


तब अधीक्षक दीपक मँगा कर भीतर दौड़ा और काँपते हुए पौलुस तथा सीलास के चरणों पर गिर पड़ा।


वास्‍तव में मैं आप लोगों के बीच रहते समय दुर्बल, संकोची और बहुत डरा हुआ था।


मैंने आपकी परीक्षा लेने के उद्देश्‍य से भी लिखा था। मैं यह जानना चाहता था कि आप सभी बातों में आज्ञाकारी हैं या नहीं।


आप लोगों के प्रति हम में कोई संकीर्णता नहीं है, बल्‍कि आपके हृदय में संकीर्णता है।


दासों से मेरा अनुरोध है कि जो लोग इस पृथ्‍वी पर आपके स्‍वामी हैं, आप डरते-काँपते और निष्‍कपट हृदय से उनकी आज्ञा पूरी करें, मानो आप मसीह की सेवा कर रहे हों।


परमेश्‍वर मेरा साक्षी है कि मैं येशु मसीह की करुणा से प्रेरित हो कर आप लोगों को कितना चाहता हूँ।


मेरे प्रिय भाइयो और बहिनो! जिस प्रकार आप लोग सदा मेरी बात मानते रहे हैं, उसी प्रकार अब भी-मेरी उपस्‍थिति से अधिक मेरी अनुपस्‍थिति में और भी अधिक उत्‍साह से आप लोग डरते-काँपते हुए अपनी मुक्‍ति के कार्य में लगे रहें।


आप लोग परमेश्‍वर की पवित्र एवं परमप्रिय चुनी हुई प्रजा हैं। इसलिए आप लोगों को सहानुभूति, अनुकम्‍पा, विनम्रता, कोमलता और सहनशीलता धारण करनी चाहिए।


यदि कोई इस पत्र में बताई गई हमारी बातों को न माने, तो उस पर नजर रखें और उससे सम्‍बन्‍ध तोड़ लें, जिससे वह अपने आचरण पर लज्‍जित हो।


किसी के पास संसार की धन-दौलत हो और वह अपने भाई अथवा बहिन को तंगहाली में देख कर उस पर दया न करे, तो परमेश्‍वर का प्रेम उस में कैसे बना रह सकता है?