यूसुफ ने फरओ को उत्तर दिया, ‘नहीं, मैं नहीं जानता। परन्तु परमेश्वर फरओ को कल्याणकारी उत्तर देगा।’
2 कुरिन्थियों 3:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इसका अर्थ यह नहीं है कि हमारी कोई अपनी योग्यता है। हम अपने को किसी बात का श्रेय नहीं दे सकते। हमारी योग्यता का स्रोत परमेश्वर है। पवित्र बाइबल ऐसा नहीं है कि हम अपने आप में इतने समर्थ हैं जो सोचने लगे हैं कि हम अपने आप से कुछ कर सकते हैं बल्कि हमें सामर्थ्य तो परमेश्वर से मिलता है। Hindi Holy Bible यह नहीं, कि हम अपने आप से इस योग्य हैं, कि अपनी ओर से किसी बात का विचार कर सकें; पर हमारी योग्यता परमेश्वर की ओर से है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यह नहीं कि हम अपने आप से इस योग्य हैं कि अपनी ओर से किसी बात का विचार कर सकें, पर हमारी योग्यता परमेश्वर की ओर से है, नवीन हिंदी बाइबल यह नहीं कि हम अपने आपको इस योग्य समझें कि हम कुछ कर सकते हैं, बल्कि हमारी योग्यता तो परमेश्वर की ओर से है। सरल हिन्दी बाइबल स्थिति यह नहीं कि हम यह दावा करें कि हम अपने आप में कुछ कर सकने के योग्य हैं—परमेश्वर हमारी योग्यता का स्रोत हैं, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यह नहीं, कि हम अपने आप से इस योग्य हैं, कि अपनी ओर से किसी बात का विचार कर सकें; पर हमारी योग्यता परमेश्वर की ओर से है। |
यूसुफ ने फरओ को उत्तर दिया, ‘नहीं, मैं नहीं जानता। परन्तु परमेश्वर फरओ को कल्याणकारी उत्तर देगा।’
यहूदा प्रदेश में भी परमेश्वर ने अपना सामर्थ्य प्रकट किया और निवासियों को एकमत किया कि वे राजा हिजकियाह और उसके उच्चाधिकारियों की राजाज्ञा को मानें, जो उन्होंने प्रभु की वाणी के अनुसार दी थी।
क्योंकि मैं तुम्हें ऐसी वाणी और बुद्धि प्रदान करूँगा, जिसका सामना अथवा खण्डन तुम्हारा कोई विरोधी नहीं कर सकेगा।
देखो, मेरे पिता ने जिस वरदान की प्रतिज्ञा की है, उसे मैं तुम पर भेजूँगा। इसलिए जब तक तुम ऊपर के सामर्थ्य से सम्पन्न न हो जाओ, तुम नगर में ठहरे रहो।”
“मैं दाखलता हूँ और तुम डालियाँ हो। जो मुझ में रहता है और मैं उस में, वह बहुत फलता है; क्योंकि मुझ से अलग रह कर तुम कुछ भी नहीं रह सकते।
मैं केवल उन बातों की चर्चा करने का साहस करूँगा, जिन्हें मसीह ने गैर-यहूदियों को विश्वास की अधीनता स्वीकार करने के लिए मेरे द्वारा वचन और कर्म से,
मैं जो कुछ भी हूँ परमेश्वर की कृपा से हूँ और जो कृपा मुझे उससे मिली, वह व्यर्थ नहीं हुई। मैंने उन सबसे अधिक परिश्रम किया है-मैंने नहीं, बल्कि परमेश्वर की कृपा ने, जो मुझ में विद्यमान है।
परमेश्वर से प्राप्त अनुग्रह के अनुसार मैंने गृह निर्माण के कुशल कारीगर की तरह नींव डाली है। कोई दूसरा ही इसके ऊपर भवन का निर्माण कर रहा है। हर एक को सावधान रहना है कि वह किस तरह निर्माण करता है।
किन्तु प्रभु ने कहा-“मेरी कृपा तुम्हारे लिए पर्याप्त है, क्योंकि तुम्हारी दुर्बलता में मेरा सामर्थ्य पूर्ण रूप से प्रकट होता है।” इसलिए मैं बड़ी खुशी से अपनी दुर्बलताओं पर गौरव करूँगा, जिससे मसीह का सामर्थ्य मुझ पर छाया रहे।
विनष्ट हो जाने वालों के लिए यह गंध घातक हो कर मृत्यु की ओर ले जाती है; किन्तु मुक्ति प्राप्त करने वालों के लिए यह जीवनदायक हो कर जीवन की ओर ले जाती है। इस कार्य को योग्य रीति से कौन सम्पन्न कर सकता है?
यह अमूल्य निधि हममें-मिट्टी के पात्रों में रखी रहती है, जिससे यह स्पष्ट हो जाये कि यह अलौकिक सामर्थ्य हमारा अपना नहीं, बल्कि परमेश्वर का है।
परमेश्वर अपना प्रेमपूर्ण उद्देश्य पूरा करने के लिए आप लोगों में सद् इच्छा भी उत्पन्न करता और उसके अनुसार कार्य करने का बल भी प्रदान करता है।
तुम्हें अनेक सािक्षयों के सामने मुझ से जो शिक्षा मिली, उसे तुम ऐसे विश्वस्त व्यक्तियों को सौंप दो, जो स्वयं दूसरों को शिक्षा देने योग्य हों।
सभी उत्तम दान और सभी पूर्ण वरदान ऊपर के हैं और नक्षत्रों के उस सृष्टिकर्ता पिता के यहाँ से उतरते हैं, जिस में न तो कोई परिवर्तन है और न परिक्रमा के कारण कोई अन्धकार।