प्रभु के वचनों को लिखवाने के पश्चात् यिर्मयाह ने बारूक को आदेश दिया। उन्होंने कहा, ‘मैं प्रभु के भवन में स्वयं नहीं जा सकता। मेरे लिए वहां प्रवेश करना मना है।
2 कुरिन्थियों 11:23 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वे मसीह के सेवक हैं? मैं नादानी की झोंक में कहता हूँ कि मैं इस में उन से बढ़ कर हूँ। मैंने उन से अधिक परिश्रम किया, अधिक समय बन्दीगृह में बिताया और अधिक बार कोड़े खाए। मैं बारम्बार मौत के मुँह में पड़ा। पवित्र बाइबल क्या वे ही मसीह के सेवक हैं? (एक सनकी की तरह मैं यह कहता हूँ) कि मैं तो उससे भी बड़ा मसीह का दास हूँ। मैंने बहुत कठोर परिश्रम किया है। मैं बार बार जेल गया हूँ। मुझे बार बार पीटा गया है। अनेक अवसरों पर मेरा मौत से सामना हुआ है। Hindi Holy Bible (मैं पागल की नाईं कहता हूं) मैं उन से बढ़कर हूं! अधिक परिश्रम करने में; बार बार कैद होने में; कोड़े खाने में; बार बार मृत्यु के जोखिमों में। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्या वे ही मसीह के सेवक हैं–मैं पागल के समान कहता हूँ–मैं उनसे बढ़कर हूँ! अधिक परिश्रम करने में; बार बार कैद होने में; कोड़े खाने में; बार बार मृत्यु के जोखिमों में। नवीन हिंदी बाइबल क्या वे मसीह के सेवक हैं? मैं एक पागल के समान कहता हूँ कि मैं उनसे बढ़कर हूँ; अधिक परिश्रम करने में, बहुत बार बंदी बनाए जाने में, अत्यधिक मार खाने में, और बार-बार मृत्यु के जोखिम में। सरल हिन्दी बाइबल क्या वे मसीह के सेवक हैं? मैं पागल व्यक्ति की तरह कहता हूं, मैं उनसे कहीं बढ़कर हूं: मैंने उनसे कहीं अधिक परिश्रम किया है, उनसे कहीं अधिक बंदी बनाया गया हूं, अनगिनत बार पीटा गया हूं, अक्सर ही मेरे प्राण संकट में पड़े हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्या वे ही मसीह के सेवक हैं? (मैं पागल के समान कहता हूँ) मैं उनसे बढ़कर हूँ! अधिक परिश्रम करने में; बार बार कैद होने में; कोड़े खाने में; बार बार मृत्यु के जोखिमों में। |
प्रभु के वचनों को लिखवाने के पश्चात् यिर्मयाह ने बारूक को आदेश दिया। उन्होंने कहा, ‘मैं प्रभु के भवन में स्वयं नहीं जा सकता। मेरे लिए वहां प्रवेश करना मना है।
किन्तु अन्ताकिया तथा इकोनियुम से कुछ यहूदी आ पहुंचे। उन्होंने जनता को अपने पक्ष में मिला लिया। उन्होंने पौलुस को पत्थरों से मारा और मृत समझ कर उन्हें नगर के बाहर घसीट कर ले गये।
केवल यह जानता हूं कि प्रत्येक नगर में पवित्र आत्मा मुझे स्पष्ट चेतावनी दे रहा है कि वहाँ बेड़ियाँ और कष्ट मेरी प्रतीक्षा कर रहे हैं।
उसने हमारे पास आ कर पौलुस का कमरबन्द लिया और उससे अपने हाथ-पैर बाँध कर कहा, “पवित्र आत्मा यह कहता है : जिस व्यक्ति का यह कमरबन्द है, उसे यरूशलेम में यहूदी इसी तरह बाँधेंगे और गैर-यहूदियों के हाथ सौंप देंगे।”
वे वहाँ कई दिन ठहरे। फेस्तुस ने पौलुस का मामला राजा के सामने प्रस्तुत करते हुए कहा, “फ़ेलिक्स यहाँ एक व्यक्ति को बन्दीगृह में छोड़ गया है।
जब यह निश्चित हो गया कि हम जलमार्ग से इटली जायेंगे, तो पौलुस और कुछ अन्य बन्दियों को यूलियुस नामक शतपति के हाथ सौंप दिया गया। यूलियुस सम्राट औगुस्तुस के सैन्यदल का था।
जब हम रोम पहुंचे, तो पौलुस को यह अनुमति मिल गई कि वह पहरा देने वाले सैनिक के साथ जहाँ चाहें, रह सकते हैं।
पौलुस पूरे दो वर्षों तक अपने किराये के मकान में रहे। वह उन सब लोगों का स्वागत करते थे, जो उनसे मिलने आते थे।
जैसा कि धर्मग्रन्थ में लिखा है, “तेरे कारण दिन-भर हमारा वध किया जाता है। हमें वध होने वाली भेड़ जैसा समझा गया।”
मैं जो कुछ भी हूँ परमेश्वर की कृपा से हूँ और जो कृपा मुझे उससे मिली, वह व्यर्थ नहीं हुई। मैंने उन सबसे अधिक परिश्रम किया है-मैंने नहीं, बल्कि परमेश्वर की कृपा ने, जो मुझ में विद्यमान है।
अपुल्लोस क्या है? पौलुस क्या है? हम तो धर्मसेवक मात्र हैं, जिन के माध्यम से आप लोग विश्वासी बने, हममें प्रत्येक ने वही कार्य किया, जिसे प्रभु ने उस को सौंपा।
हम इस समय भी भूखे और प्यासे हैं, फटे-पुराने कपड़े पहनते हैं, मार खाते हैं, भटकते फिरते हैं
मुझे तो ऐसा प्रतीत होता है कि परमेश्वर ने हम प्रेरितों को मृत्यु-दंड पाए व्यक्तियों की तरह जुलूस के अंत में प्रदर्शित किया है, क्योंकि हम विश्व के लिए-स्वर्गदूतों और मनुष्यों, दोनों के लिए-तमाशा बन गये हैं।
जो बात आँखों के सामने स्पष्ट है, उसे आप लोग देख लें। यदि कोई समझता है कि वह मसीह का है, तो वह फिर विचार करने पर यह समझ लेगा कि जिस तरह वह मसीह का है, उसी तरह हम भी मसीह के हैं।
उसने हमें एक नये विधान के सेवक होने के योग्य बनाया है और यह विधान अक्षरों में लिखी हुई व्यवस्था का नहीं, बल्कि आत्मा का है; क्योंकि अक्षर तो मृत्यु-जनक है, किन्तु आत्मा जीवनदायक है।
हमें जीवित रहते हुए येशु के कारण निरन्तर मृत्यु का सामना करना पड़ता है, जिससे येशु का जीवन भी हमारे नश्वर शरीर में प्रत्यक्ष हो जाये।
हम अज्ञात हैं, किन्तु सब लोग हमें जानते हैं। हम मरने-मरने को हैं, किन्तु देखिए, हम जीवित हैं। हम मार खाते हैं, किन्तु मरते नहीं।
इसलिए मैं पौलुस, जो आप गैर-यहूदियों की भलाई के लिए येशु मसीह के कारण कैदी हूं, आप से एक प्रार्थना करना चाहता हूं।
परमेश्वर ने आप लोगों को बुलाया है। आप अपने इस बुलावे के अनुसार आचरण करें-यह आप लोगों से मेरा अनुरोध है, जो प्रभु के कारण कैदी हूँ।
जिस शुभ समाचार का मैं बेड़ियों से बंधा हुआ राजदूत हूँ। आप प्रार्थना करें, जिससे मैं निर्भीकता से शुभ समाचार की घोषणा कर सकूँ, जैसा कि मुझे बोलना चाहिए।
यदि मुझे आपके विश्वास-रूपी यज्ञ और जन-सेवा में अपने प्राण की आहुति भी देनी पड़ेगी, तो मैं आनन्दित होऊंगा और आप सब के साथ आनन्द मनाऊंगा।
इस समय मैं आप लोगों के लिए जो दु:ख उठाता हूँ, उसके कारण प्रसन्न हूँ। मैं मसीह के कष्टों का शेष भाग अपने शरीर में उनकी देह, अर्थात् कलीसिया के लिए परिपूरित करता हूँ।
इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए मैं उनके सामर्थ्य से, जो मुझ में प्रबल रूप से क्रियाशील है, प्रेरित हो कर कठिन परिश्रम करते हुए संघर्ष में लगा रहता हूँ।
और मसीह के शुभ समाचार के प्रचार में परमेश्वर के सहयोगी अपने भाई तिमोथी को आपके यहाँ भेजा कि वह आपको धैर्य बँधायें और विश्वास में दृढ़ बनाये रखें,
तुम ये सब बातें भाइयों एवं बहिनों को समझाओ। इस प्रकार तुम येशु मसीह के उत्तम सेवक बने रहोगे, और विश्वास के सिद्धान्तों से एवं उस प्रामाणिक शिक्षा से बल ग्रहण करते रहोगे, जिसका तुम ईमानदारी से पालन करते आ रहे हो।
प्रभु की दया उनेसिफुरुस के परिवार पर बनी रहे, क्योंकि उनेसिफुरुस ने मुझे अकसर ढाढ़स बँधाया है। वह मेरी बेड़ियों से लज्जित नहीं हुआ,
तुम न तो हमारे प्रभु की साक्षी देने में लज्जा अनुभव करो और न मुझ से, जो उनके लिए बन्दी हूँ, बल्कि परमेश्वर के सामर्थ्य पर भरोसा रख कर, तुम मेरे साथ शुभसमाचार के लिए कष्ट सहते रहो।
इस शुभ समाचार की सेवा में मैं कष्ट पाता हूँ; और अपराधी की तरह बन्दी हूँ परन्तु परमेश्वर का वचन बन्दी नहीं है।
तुम जानते हो कि अन्ताकिया, इकोनियुम तथा लुस्त्रा जैसे नगरों में मुझ पर क्या-क्या अत्याचार हुए और मुझे कितना सताया गया। मैंने कितने अत्याचार सहे! किन्तु प्रभु सब में मेरी रक्षा करता रहा है।
फिर भी मैं भ्रातृप्रेम के नाम पर तुम से केवल निवेदन करता हूँ। मैं पौलुस, जो बूढ़ा हो चला और आजकल येशु मसीह के कारण कैदी भी हूँ,
आपने बन्दियों से सहानुभूति रखी और जब आप लोगों की धन-सम्पत्ति जब्त की गयी, तो आप ने यह सहर्ष स्वीकार किया; क्योंकि आप जानते थे कि इससे कहीं अधिक उत्तम और चिरस्थायी सम्पत्ति आपके पास विद्यमान है।