5 प्रभु के वचनों को लिखवाने के पश्चात् यिर्मयाह ने बारूक को आदेश दिया। उन्होंने कहा, ‘मैं प्रभु के भवन में स्वयं नहीं जा सकता। मेरे लिए वहां प्रवेश करना मना है।
मैं नबी शमायाह के घर गया। वह दलायाह का पुत्र और महेतबेल का पौत्र था। वह घर के भीतर एकान्तवास कर रहा था। उसने मुझसे कहा, ‘आइए, हम परमेश्वर के गृह में, मन्दिर के अन्दर मिलें। तब हम मन्दिर के द्वार भीतर से बन्द कर लेंगे; क्योंकि आपके शत्रु आपकी हत्या करने के लिए आ रहे हैं। वे रात के समय आपकी हत्या करेंगे।’
दस्तावेज की एक प्रति मैंने बारूक को दे दी। बारूक के पिता का नाम नेरियाह, और दादा का नाम महसेयाह था। उस समय राजमहल के अंगरक्षकों के आंगन में मेरा चचेरा भाई हनमएल, दस्तावेज पर हस्ताक्षर करनेवाले गवाह, तथा अन्य यहूदा-वासी उपस्थित थे।
उच्चाधिकारी यिर्मयाह से बहुत नाराज हुए। उन्होंने यिर्मयाह को मारा और सचिव योनातान के घर में बन्द कर दिया; योनातान के घर को बन्दीगृह बना दिया गया था।
अत: उच्चाधिकारियों ने यिर्मयाह को पकड़ा, और रस्सियों से बांध कर राजकुमार मल्कियाह के अंधे-कुंएं में डाल दिया। यह कुआँ राजमहल के पहरे के आंगन में था। उसमें पानी नहीं, बल्कि कीचड़ ही कीचड़ था। यिर्मयाह कीचड़ में धंस गए।
अब देखिए, मैं आप की हथकड़ियां खोलता हूं, और आपको मुक्त करता हूं। यदि आपको मेरे साथ बेबीलोन जाना अच्छा लगे, तो मेरे साथ बेबीलोन जाना अच्छा लगे, तो मेरे साथ आइए। मैं अच्छे से आपकी देखभाल करूंगा। और अगर आप को बेबीलोन जाना पसन्द न हो तो मत जाइए। आपके सामने सारा देश है। जहां आप जाना अच्छा समझें, आपको उचित लगे, वहां आप जा सकते हैं।
वे मसीह के सेवक हैं? मैं नादानी की झोंक में कहता हूँ कि मैं इस में उन से बढ़ कर हूँ। मैंने उन से अधिक परिश्रम किया, अधिक समय बन्दीगृह में बिताया और अधिक बार कोड़े खाए। मैं बारम्बार मौत के मुँह में पड़ा।
जिस शुभ समाचार का मैं बेड़ियों से बंधा हुआ राजदूत हूँ। आप प्रार्थना करें, जिससे मैं निर्भीकता से शुभ समाचार की घोषणा कर सकूँ, जैसा कि मुझे बोलना चाहिए।