दाऊद और सब इस्राएली परमेश्वर के सम्मुख वीणा, सारंगी, डफ, झांझ और तुरहियों की ताल पर पूरे उत्साह से नाच रहे थे।
2 इतिहास 7:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पुरोहित अपने निर्धारित स्थान पर सेवा-कार्य के लिए खड़े थे। लेवीय उपपुरोहित भी अपने-अपने हाथों में वाद्य-यन्त्र लिए हुए खड़े थे। ये वाद्य-यन्त्र राजा दाऊद ने प्रभु की महिमा के लिए, उसके नाम का गुणगान करने के लिए बनाए थे। जब राजा दाऊद का यह स्तुति-गान ‘प्रभु की करुणा सदा की है’ होता था, तब उपपुरोहित वाद्य-यन्त्र बजाते थे। अत: उपपुरोहितों ने वाद्य-यन्त्र बजाए। दूसरी ओर पुरोहित तुरहियां बजाते रहे। सब इस्राएली पास खड़े रहे। पवित्र बाइबल याजक अपना कार्य करने के लिये तैयार खड़े थे। लेवीवंशी भी यहोवा के संगीत के उपकरणों के साथ खड़े थे। ये उपकरण राजा दाऊद द्वारा यहोवा को धन्यवाद देने के लिये बनाए गए थे। याजक और लेवीवंशी कह रहे थे, “यहोवा का प्रेम सदैव रहता है!” जब लेवीवंशियों के दूसरी ओर याजक खड़े हुए तो याजकों ने अपनी तुरहियाँ बजाईं और इस्राएल के सभी लोग खड़े थे। Hindi Holy Bible और याजक अपना अपना कार्य करने को खड़े रहे, और लेवीय भी यहोवा के गीत के गाने के लिये बाजे लिये हुए खड़े थे, जिन्हें दाऊद राजा ने यहोवा की सदा की करुणा के कारण उसका धन्यवाद करने को बनाकर उनके द्वारा स्तुति कराई थी; और इनके साम्हने याजक लोग तुरहियां बजाते रहे; और सब इस्राएली खड़े रहे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) याजक अपना अपना कार्य करने को खड़े रहे, और लेवीय भी यहोवा के गीत गाने के लिये वाद्य–यन्त्र लिये हुए खड़े थे, जिन्हें दाऊद राजा ने यहोवा की सदा की करुणा के कारण उसका धन्यवाद करने को बनाकर उनके द्वारा स्तुति कराई थी; और इनके सामने याजक लोग तुरहियाँ बजाते रहे; और सब इस्राएली खड़े रहे। सरल हिन्दी बाइबल पुरोहित अपनी-अपनी चौकियों पर खड़े थे, लेवी भी याहवेह की स्तुति के लिए ठहराए गए वाद्य यंत्र लिए हुए खड़े थे, जो राजा दावीद ने याहवेह की स्तुति के उद्देश्य से बनाए थे, कि वह इन वाद्य-यंत्रों की धुन पर, “उनकी करुणा सदा की है.” गाएं, जब दूसरी ओर इस्राएल खड़ा हुआ होता था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 याजक अपना-अपना कार्य करने को खड़े रहे, और लेवीय भी यहोवा के गीत गाने के लिये वाद्ययंत्र लिये हुए खड़े थे, जिन्हें दाऊद राजा ने यहोवा की सदा की करुणा के कारण उसका धन्यवाद करने को बनाकर उनके द्वारा स्तुति कराई थी; और इनके सामने याजक लोग तुरहियां बजाते रहे; और सब इस्राएली खड़े रहे। |
दाऊद और सब इस्राएली परमेश्वर के सम्मुख वीणा, सारंगी, डफ, झांझ और तुरहियों की ताल पर पूरे उत्साह से नाच रहे थे।
ये पुरोहित परमेश्वर की मंजूषा के सम्मुख तुरहियां बजाएंगे: शबनयाह, योशापाट, नटनएल, अमासई, जकर्याह, बनायाह और एलीएजेर। ओबेद-एदोम और यहियाह भी मंजूषा के प्रहरी होंगे।
तत्पश्चात् पुरोहित यहोयादा ने प्रभु के भवन के लिए पहरेदार नियुक्त किए। ये पहरेदार लेवी-कुल के पुरोहितों तथा उप-पुरोहितों के निर्देशन में सेवा-कार्य करते थे। लेवी-कुल के पुरोहितों तथा उप-पुरोहितों को राजा दाऊद ने प्रभु के भवन में सेवा-कार्य का दायित्व सौंपा था कि वे प्रभु को अग्नि-बलि चढ़ाएं; जैसा कि मूसा की व्यवस्था में लिखा है। राजा दाऊद के आदेश के अनुसार वे आराधना के समय स्तुति गाते तथा आनन्द-उल्लास प्रकट करते थे।
जैसा कि राजा दाऊद, राजा दाऊद के द्रष्टा गाद तथा नबी नातान ने आदेश दिया था कि प्रभु के भवन में उप-पुरोहित स्तुति-गान के लिए नियुक्त किए जाएंगे और उनके हाथों में वाद्य-यन्त्र−झांझ, सारंगी और वीणा−रहेंगे, वैसा राजा हिजकियाह ने किया; क्योंकि स्वयं परमेश्वर ने इस प्रथा का आदेश अपने नबियों के माध्यम से दिया था।
तब राजा हिजकियाह ने आदेश दिया कि प्रभु की वेदी पर अग्नि-बलि चढ़ाई जाए। जब अग्नि-बलि चढ़ाई जाने लगी, तब प्रभु की स्तुति में गीत आरम्भ हुआ। स्तुति-गान के साथ-साथ वाद्य-यन्त्र भी बजने लगे, और उनके साथ तुरहियां। इन वाद्य-यन्त्रों का अविष्कार इस्राएली राष्ट्र के राजा दाऊद ने किया था।
लेवीय कुल के गायक, आसाफ, हेमान, यदूतून, उनके पुत्र और नाते-रिश्तेदार सूती-मलमल की पोशाक पहिने हुए और हाथों में वाद्य-यन्त्र−झांझ, सारंगियां और वीणा−लिए हुए वेदी के पूर्व में खड़े थे। उनके साथ तुरही बजाने वाले एक सौ बीस पुरोहित भी थे।
जब आराधक प्रभु की स्तुति और धन्यवाद में गीत गाते थे, तब उनके स्वर में स्वर मिलाकर ये गायक भी गाते और तुरही बजाने वाले पुरोहित तुरही बजाते थे। इस प्रकार गीत और संगीत में ताल-मेल बैठाना गायकों और इन पुरोहितों का काम था। अत: जब पुरोहित पवित्र स्थान से बाहर निकले, और जब तुरही और झांझ तथा अन्य वाद्य-यन्त्रों पर प्रभु की स्तुति में यह गीत गूंजा : ‘क्योंकि प्रभु भला है, और उसकी करुणा सदा की है,’ तब भवन, प्रभु का भवन एक मेघ से भर गया।
जब इस्राएलियों ने देखा कि आकाश से आग गिरी और प्रभु के तेज से मन्दिर परिपूर्ण हो गया, तब उन्होंने फर्श की ओर सिर झुकाकर प्रभु की साष्टांग वन्दना की और उसकी स्तुति करते हुए यह गीत गाया, ‘क्योंकि प्रभु भला है, और उसकी करुणा सदा की है।’
राजा सुलेमान ने बलि में प्रभु को बाईस हजार बछड़े और एक लाख बीस हजार भेड़ें चढ़ाईं। इस प्रकार राजा और सब इस्राएली लोगों ने परमेश्वर के भवन को उस की महिमा के लिए अर्पित किया।
उन्होंने यरूशलेम में निर्मित परमेश्वर के भवन में आराधना-कार्य सम्पन्न करने के लिए पुरोहितों की पारी और उपपुरोहितों के दल की व्यवस्था की, जैसा मूसा के ग्रन्थ में लिखा हुआ है।
प्रभु की स्तुति करो! प्रभु की सरहाना करो, क्योंकि वह भला है; क्योंकि उसकी करुणा सदा बनी रहती है।
प्रभु, मेरे लिए अपने अभिप्राय को पूर्ण कर; हे प्रभु, तेरी करुणा शाश्वत है। मैं तेरे हाथों की रचना हूं, मुझ को मत त्याग।
अत: मेरे निज लोग मेरे नाम के सामर्थ्य का अनुभव करेंगे। उन्हें उस दिन यह अनुभव होगा कि जो उनसे यह कहता था कि “मैं यहाँ हूं” वह मैं ही हूं।’
सात पुरोहित मेढ़े के सींग से बने सात नरसिंघे लेकर विधान-मंजूषा के आगे-आगे जाएंगे। पर तुम सातवें दिन सात बार नगर की परिक्रमा करना और पुरोहित नरसिंघे फूंकें।