परमेश्वर ने कहा, ‘तू अपने पुत्र, अपने एकलौते पुत्र इसहाक को प्यार करता है। तू उसको लेकर मोरियाह देश जा। वहाँ उस पहाड़ पर जिसे मैं तुझे बताऊंगा, तू अपने पुत्र को अग्नि-बलि में चढ़ाना।’
1 यूहन्ना 4:9 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) परमेश्वर ने अपने एकलौते पुत्र को संसार में इसलिए भेजा कि हम उसके द्वारा जीवन प्राप्त करें। पवित्र बाइबल परमेश्वर ने अपना प्रेम इस प्रकार दर्शाया है: उसने अपने एकमात्र पुत्र को इस संसार में भेजा जिससे कि हम उसके पुत्र के द्वारा जीवन प्राप्त कर सकें। Hindi Holy Bible जो प्रेम परमेश्वर हम से रखता है, वह इस से प्रगट हुआ, कि परमेश्वर ने अपने एकलौते पुत्र को जगत में भेजा है, कि हम उसके द्वारा जीवन पाएं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जो प्रेम परमेश्वर हम से रखता है, वह इस से प्रगट हुआ कि परमेश्वर ने अपने एकलौते पुत्र को जगत में भेजा है कि हम उसके द्वारा जीवन पाएँ। नवीन हिंदी बाइबल परमेश्वर का प्रेम हमारे बीच इससे प्रकट हुआ कि परमेश्वर ने अपने एकलौते पुत्र को जगत में भेज दिया कि हम उसके द्वारा जीवित रहें। सरल हिन्दी बाइबल हममें परमेश्वर का प्रेम इस प्रकार प्रकट हुआ: परमेश्वर ने अपने एकलौते पुत्र को संसार में भेजा कि हम उनके द्वारा जीवन प्राप्त करें. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जो प्रेम परमेश्वर हम से रखता है, वह इससे प्रगट हुआ कि परमेश्वर ने अपने एकलौते पुत्र को जगत में भेजा है कि हम उसके द्वारा जीवन पाएँ। |
परमेश्वर ने कहा, ‘तू अपने पुत्र, अपने एकलौते पुत्र इसहाक को प्यार करता है। तू उसको लेकर मोरियाह देश जा। वहाँ उस पहाड़ पर जिसे मैं तुझे बताऊंगा, तू अपने पुत्र को अग्नि-बलि में चढ़ाना।’
मैं प्रभु के निश्चय की घोषणा करूंगा : उसने मुझसे यह कहा है : “तू मेरा पुत्र है, आज मैंने तुझे उत्पन्न किया है।
अब उसके पास केवल एक बच रहा−उसका प्रिय पुत्र। अन्त में उसने यह सोच कर उसे उनके पास भेजा कि वे मेरे पुत्र का आदर करेंगे।
“प्रभु का आत्मा मुझ पर है, क्योंकि उसने मेरा अभिषेक किया है कि मैं गरीबों को शुभ-समाचार सुनाऊं, उसने मुझे भेजा है जिससे मैं बन्दियों को मुक्ति का और अन्धों को दृष्टि-प्राप्ति का सन्देश दूँ, मैं दलितों को स्वतन्त्र करूँ
“चोर केवल चुराने, मारने और नष्ट करने आता है। मैं इसलिए आया हूँ कि वे जीवन प्राप्त करें− बल्कि प्रचुरता से जीवन प्राप्त करें।
येशु ने कहा, “मार्ग, सत्य और जीवन मैं हूँ। मुझ से हो कर गये बिना कोई पिता के पास नहीं आ सकता।
“परमेश्वर ने संसार से इतना प्रेम किया कि उसने उसके लिए अपने एकलौते पुत्र को अर्पित कर दिया, जिससे जो कोई उस में विश्वास करता है, वह नष्ट न हो, बल्कि शाश्वत जीवन प्राप्त करे।
“जो पुत्र में विश्वास करता है, वह दोषी नहीं ठहराया जाता है। जो विश्वास नहीं करता, वह दोषी ठहराया जा चुका है; क्योंकि वह परमेश्वर के एकलौते पुत्र के नाम पर विश्वास नहीं करता।
जिससे सब लोग जिस प्रकार पिता का आदर करते हैं, उसी प्रकार पुत्र का भी आदर करें। जो पुत्र का आदर नहीं करता, वह पिता का, जिसने पुत्र को भेजा है, आदर नहीं करता।
येशु ने उत्तर दिया, “परमेश्वर का कार्य यह है कि जिसे उसने भेजा है, उसमें विश्वास करो।”
स्वर्ग से उतरी हुई वह जीवन्त रोटी मैं हूँ। यदि कोई इस रोटी में से खायेगा, तो वह सदा जीवित रहेगा। और जो रोटी मैं दूँगा, वह मेरी देह है जो मैं संसार के जीवन के लिए अर्पित करूँगा।”
जिस तरह जीवन्त पिता ने मुझे भेजा है और मुझे पिता से जीवन मिलता है, उसी तरह जो मुझे खाता है, उस को मुझ से जीवन मिलेगा।
जिसने मुझे भेजा है, वह मेरे साथ है। उसने मुझ को अकेला नहीं छोड़ा; क्योंकि मैं सदा वही करता हूँ, जो उसे अच्छा लगता है।”
येशु ने उन से कहा, “यदि परमेश्वर तुम्हारा पिता होता, तो तुम मुझ से प्रेम करते, क्योंकि मैं परमेश्वर से निकला और यहाँ आया हूँ। मैं अपनी इच्छा से नहीं आया हूँ, मुझे उसी ने भेजा है।
येशु ने उत्तर दिया, “न तो इस मनुष्य ने पाप किया और न इसके माता-पिता ने। यह इसलिए जन्म से अन्धा है कि इसमें परमेश्वर के कार्य प्रकट हों।
उसने अपने निजी पुत्र को भी नहीं बचाया, उसने हम सब के लिए उसे समर्पित कर दिया। तो, इतना देने के बाद, क्या वह हमें अपने पुत्र के साथ सब कुछ नहीं देगा?
क्या परमेश्वर ने कभी किसी स्वर्गदूत से यह कहा, “तू मेरा पुत्र है, आज मैंने तुझे उत्पन्न किया है” और “मैं उसके लिए पिता बन जाऊंगा और वह मेरा पुत्र होगा”?
हम प्रेम का मर्म इसी से पहचान गये कि येशु ने हमारे लिए अपना प्राण अर्पित किया तो हमें भी अपने भाई-बहिनों के लिए अपना प्राण अर्पित करना चाहिए।
प्रेम इसमें नहीं है कि हमने परमेश्वर से प्रेम किया, बल्कि परमेश्वर ने हम से प्रेम किया और हमारे पापों के प्रायश्चित के लिए अपने पुत्र को भेजा।
इस प्रकार हम अपने प्रति परमेश्वर का प्रेम जान गये और इस में विश्वास करते हैं। परमेश्वर प्रेम है और जो प्रेम में बना रहता है, वह परमेश्वर में और परमेश्वर उस में निवास करता है।
और वह साक्षी यह है-परमेश्वर ने हमें शाश्वत जीवन प्रदान किया है और यह जीवन उसके पुत्र में है।
तुम सब परमेश्वर के पुत्र के नाम में विश्वास करते हो। मैं तुम्हें यह पत्र लिख रहा हूँ जिससे तुम यह जानो कि तुम्हें शाश्वत जीवन प्राप्त है।