1 तीमुथियुस 6:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) क्योंकि धन का लालच सभी बुराइयों की जड़ है। इसी लालच में पड़ कर कई लोग विश्वस के मार्ग से भटक गये और उन्होंने अपने ह्रदय को अनेक दु:खों से छलनी बना दिया है। पवित्र बाइबल क्योंकि धन का प्रेम हर प्रकार की बुराई को जन्म देता है। कुछ लोग अपनी इच्छाओं के कारण ही विश्वास से भटक गए हैं और उन्होंने अपने लिए महान दुख की सृष्टि कर ली है। Hindi Holy Bible क्योंकि रूपये का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है, जिसे प्राप्त करने का प्रयत्न करते हुए कितनों ने विश्वास से भटक कर अपने आप को नाना प्रकार के दुखों से छलनी बना लिया है॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि रुपये का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है, जिसे प्राप्त करने का प्रयत्न करते हुए बहुतों ने विश्वास से भटककर अपने आप को नाना प्रकार के दु:खों से छलनी बना लिया है। नवीन हिंदी बाइबल क्योंकि धन का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है, जिसकी लालसा में कितने ही लोगों ने विश्वास से भटककर अपने आपको अनेक दुःखों से छलनी कर लिया है। सरल हिन्दी बाइबल धन का लालच हर एक प्रकार की बुराई की जड़ है. कुछ इसी लालच में विश्वास से भटक गए तथा इसमें उन्होंने स्वयं को अनेक दुःखों से छलनी कर लिया है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि रुपये का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है, जिसे प्राप्त करने का प्रयत्न करते हुए कितनों ने विश्वास से भटककर अपने आपको विभिन्न प्रकार के दुःखों से छलनी बना लिया है। |
लाबान ने कहा, ‘हमारे देश में ऐसी प्रथा नहीं है कि हम बड़ी पुत्री के पहले छोटी पुत्री को विवाह में दें।
याकूब के अन्य पुत्र मृतकों के पास गए। उन्होंने नगर को लूट लिया; क्योंकि उनकी बहिन के साथ बलात्कार किया गया था।
वह मार्ग के किनारे उसके पास गया। उसने तामार से कहा, ‘मुझे अपने साथ सहवास करने दो।’ यहूदा नहीं जानता था कि वह उसकी बहू है। तामार बोली, ‘यदि मैं आपको अपने साथ सहवास करने दूं, तो आप मुझे क्या देंगे?’
शिमई तैयार हुआ। उसने गधे पर काठी कसी, और गुलामों को ढूंढ़ने के लिए आकीश के पास गत नगर की ओर गया। वह गत नगर पहुंचा। वह वहां से अपने गुलामों को ले आया।
किन्तु नामान का कुष्ठ-रोग तुझे और तेरे वंशजों को सदा लगा रहेगा।’ गेहजी उसी क्षण बर्फ के समान सफेद कोढ़ी हो गया। वह एलीशा के सम्मुख से बाहर चला गया।
दुर्जन को अनेक दु:ख हैं; किन्तु प्रभु पर भरोसा करने वाले को प्रभु की करुणा घेरे रहती है।
अत्याचार पर भरोसा मत करो, लूट-मार से न फूलो; यदि धन-सम्पत्ति की वृद्धि होती है, तो उस पर हृदय मत लगाओ।
अत: तुम अपनी करनी का फल स्वयं भोगोगे; जो काम तुमने अपनी इच्छा से किए हैं, उनके फल से तुम अघा जाओगे।
धन का लोभी मनुष्य, जो अन्याय से धन कमाता है, अपने परिवार को संकट में डालता है; पर घूस से घृणा करनेवाला व्यक्ति जीवित रहेगा।
कौन जानता है कि मेरा उत्तराधिकारी बुद्धिमान होगा अथवा मूर्ख? तो भी धरती पर वह मेरे समस्त परिश्रम के फल को भोगेगा और जो कुछ मैंने बुद्धि से संग्रह किया है वह उसका स्वामी होगा।
तेरे शासक कानून के विरोधी हैं, वे चोरों के साथी हैं। वे-सब रिश्वत के लोभी हैं। वे उपहारों के पीछे दौड़ते हैं। वे अनाथों का न्याय नहीं करते, और न विधवाओं का मुकदमा उन तक पहुंच ही पाता है।
कुत्तों की भूख शान्त नहीं होती, उनका पेट कभी नहीं भरता। चरवाहों में भी समझ नहीं है, वे अपने-अपने मार्ग पर चल रहे हैं, उन सबको केवल अपने लाभ की चिन्ता है।
तुमने मुट्ठी भर जौ और चन्द रोटी के टुकड़ो के लिए मेरे निज लोगों के सम्मुख मुझे अपवित्र किया है। तुम ऐसे लोगों को मार डालती हो, जिन्हें मरना नहीं चाहिए; और ऐसे लोगों को जीवित रखती हो, जिन्हें जीवित नहीं रहना चाहिए। तुम मेरी जनता से झूठ बोलती हो, जो झूठ सुनना पसन्द करती है।
पुरुष वेश्या को उसका मूल्य चुकाते हैं। लेकिन तू तो पराए पुरुषों को, अपने प्रेमियों को लुभाने के लिए स्वयं रुपये देती है कि वे सब जगह से तेरे पास आएं और तुझ से व्यभिचार करें।
‘ओ यरूशलेम, तेरे निवासी, हत्या करने के लिए घूस लेते हैं। वे ब्याज पर धन देते हैं, और सूद खाते हैं। वे अपने पड़ोसियों का शोषण करते हैं। ‘ओ यरूशलेम, तूने मुझे भुला दिया है,’ स्वामी-प्रभु की यही वाणी है।
तुम्हारे अगुए घूस लेकर न्याय करते, पुरोहित पैसे लेकर धर्म की बातें सिखाते, और नबी धन के लिए शकुन विचारते हैं; फिर भी वे प्रभु का सहारा लेते, और यह कहते हैं, ‘निस्सन्देह प्रभु हमारे मध्य है! हम विपत्ति में नहीं पड़ेंगे।’
‘काश! तुम्हारे मध्य कोई ऐसा व्यक्ति होता जो मेरे मन्दिर के दरवाजों को बन्द कर देता, जिससे तुम मेरी वेदी पर व्यर्थ अग्नि नहीं जलाते। मैं, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यह कहता हूं: मुझे तुममें कोई रुचि नहीं रही। मैं तुम्हारे हाथ से भेंट स्वीकार नहीं करूंगा।
जो काँटों में बोया गया है : यह वह है, जो वचन सुनता है; परन्तु संसार की चिन्ता और धन का मोह वचन को दबा देता है और वह फल नहीं लाता।
“ढोंगी शास्त्रियो और फरीसियो! धिक्कार है तुम्हें! तुम मनुष्यों के लिए स्वर्ग-राज्य का द्वार बन्द कर देते हो; न तो तुम स्वयं प्रवेश करते हो और न प्रवेश करने वालों को प्रवेश करने देते हो।
“पृथ्वी पर अपने लिये धन जमा नहीं करो, जहाँ मोरचा लगता है, कीड़े खाते हैं और चोर सेंध लगा कर चुरा लेते हैं।
परन्तु संसार की चिन्ताएँ, धन का मोह और अन्य बातों की इच्छाएँ उन में प्रवेश कर वचन को दबा देती हैं और वह फल नहीं लाता।
तू न्याय को भ्रष्ट मत करना। तू पक्षपात नहीं करना। तू घूस मत लेना; क्योंकि घूस बुद्धिमान व्यक्ति की आंख को बन्द कर देती है। वह धार्मिकों के न्याय-पक्ष को उलट देती है।
तू मन्नत के चढ़ावे के लिए अपने प्रभु परमेश्वर के गृह में वेश्या-वृत्ति की कमाई अथवा पुरुष-गमन की आमदनी मत लाना; क्योंकि ये दोनों प्रभु परमेश्वर की दृष्टि में घृणास्पद हैं।
इसलिए आप लोग अपने शरीर में इन बातों को निर्जीव करें जो संसार की हैं, अर्थात् व्यभिचार, अशुद्धता, कामुकता, विषयवासना और लोभ को जो मूर्तिपूजा के सदृश है।
ऐसे ज्ञान के कितने ही अनुयायी विश्वास के मार्ग से भटक गये हैं। परमेश्वर की कृपा आप सब पर बनी रहे!
जो लोग धन बटोरना चाहते हैं और ऐसी मूर्खतापूर्ण तथा हानिकर वासनाओं के शिकार बनते हैं, जो मनुष्यों को पतन और विनाश के गर्त्त में ढकेल देती हैं;
मनुष्य स्वार्थी, लोभी, डींग मारने वाले, अहंकारी और परनिन्दक होंगे। वे अपने माता-पिता की आज्ञा नहीं मानेंगे। उन में कृतज्ञता, पवित्रता,
क्योंकि देमास इस वर्तमान युग-संसार की ओर आकर्षित हो गया और वह मुझे छोड़ कर थिस्सलुनीके नगर चला गया है। क्रेसेन्स गलातिया प्रदेश को चला गया और तीतुस, दलमतिया प्रदेश को।
ऐसे लोगों का मुँह बन्द कर देना चाहिए, क्योंकि वे घिनावने लाभ के लिए अनुचित बातें सिखाते हैं और इस प्रकार परिवार के परिवार चौपट कर देते हैं।
मेरे भाइयो और बहिनो! यदि आप लोगों में से कोई सत्य मार्ग से भटक जाये और कोई दूसरा उसे वापस ले आये,
मैंने लूट में बाबुल देश का एक सुन्दर अंगरखा, दो किलो चांदी, और आधा किलो सोने की ईंट देखी थी। मैं उनको देखकर लालच में पड़ गया, और उनको चुरा लिया। ये वस्तुएँ मेरे तम्बू के भीतर भूमि में गड़ी हैं। सब वस्तुओं के नीचे चाँदी है।’
धिक्कार इन लोगों को! ये काइन के मार्ग पर चल रहे हैं। ये तुच्छ लाभ के लिए बिलआम की तरह भटक गये और कोरह की तरह विद्रोह करने के कारण विनष्ट हो गये हैं।
दालचीनी, इलायची, धूप और लोबान; मदिरा, तेल, मैदा और गेहूँ; बैल और भेड़ें; घोड़े और रथ; दास और युद्धबन्दी भी।