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तीतुस 1:11 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

11 ऐसे लोगों का मुँह बन्‍द कर देना चाहिए, क्‍योंकि वे घिनावने लाभ के लिए अनुचित बातें सिखाते हैं और इस प्रकार परिवार के परिवार चौपट कर देते हैं।

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पवित्र बाइबल

11 उनका तो मुँह बन्द किया ही जाना चाहिए। क्योंकि वे जो बातें नहीं सिखाने की हैं, उन्हें सिखाते हुए घर के घर बिगाड़ रहे हैं। बुरे रास्तों से धन कमाने के लिये ही वे ऐसा करते हैं।

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Hindi Holy Bible

11 इन का मुंह बन्द करना चाहिए: ये लोग नीच कमाई के लिये अनुचित बातें सिखा कर घर के घर बिगाड़ देते हैं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

11 इनका मुँह बन्द करना चाहिए। ये लोग नीच कमाई के लिये अनुचित बातें सिखाकर घर के घर बिगाड़ देते हैं।

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नवीन हिंदी बाइबल

11 इनका मुँह बंद करना आवश्यक है, क्योंकि वे नीचता से धन कमाने के लिए गलत शिक्षा देकर घर के घर बिगाड़ रहे हैं।

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सरल हिन्दी बाइबल

11 इनका मुख बंद करना अत्यावश्यक है क्योंकि ये नीच कमाई के लाभ के लिए गलत शिक्षा देकर घर के घर उजाड़ रहे हैं.

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तीतुस 1:11
22 क्रॉस रेफरेंस  

निष्‍कपट व्यक्‍ति यह देखकर आनन्‍दित होते हैं; दुष्‍टता अपना मुंह बन्‍द रखती है।


किन्‍तु राजा परमेश्‍वर में हर्षित होगा; परमेश्‍वर की शपथ लेने वाले महिमा प्राप्‍त करेंगे; पर झूठे लोगों का मुंह बन्‍द किया जाएगा।


अत: मैं उनकी स्‍त्रियां और उनके खेत विजेता शत्रुओं के हाथ में सौंप दूंगा। क्‍योंकि छोटे से बड़े तक, हर कोई मनुष्‍य अन्‍याय से कमाए गए धन का लोभी बन गया है। नबी से पुरोहित तक सब मनुष्‍य झूठ का सौदा करते हैं।


तुमने मुट्ठी भर जौ और चन्‍द रोटी के टुकड़ो के लिए मेरे निज लोगों के सम्‍मुख मुझे अपवित्र किया है। तुम ऐसे लोगों को मार डालती हो, जिन्‍हें मरना नहीं चाहिए; और ऐसे लोगों को जीवित रखती हो, जिन्‍हें जीवित नहीं रहना चाहिए। तुम मेरी जनता से झूठ बोलती हो, जो झूठ सुनना पसन्‍द करती है।


मैं तेरे सब कुकर्मों को क्षमा कर दूंगा ताकि तू अपने कुकर्मों को स्‍मरण करे, और उनके लिए लज्‍जित हो। तब तू अपनी इस लज्‍जा के कारण अपना मुंह फिर खोलने का साहस नहीं करेगी।’ स्‍वामी-प्रभु की यही वाणी है।


तुम्‍हारे अगुए घूस लेकर न्‍याय करते, पुरोहित पैसे लेकर धर्म की बातें सिखाते, और नबी धन के लिए शकुन विचारते हैं; फिर भी वे प्रभु का सहारा लेते, और यह कहते हैं, ‘निस्‍सन्‍देह प्रभु हमारे मध्‍य है! हम विपत्ति में नहीं पड़ेंगे।’


प्रभु ने नबियों के विषय में यह कहा है: ‘इन नबियों ने मेरे लोगों को पथभ्रष्‍ट किया है: जब इनके पेट भरे रहते हैं तब वे आश्‍वासन देते हैं, कि युद्ध नहीं होगा! पर जब लोग उन्‍हें खाने को नहीं देते तब वे उनको युद्ध की धमकी देते हैं।’


“ढोंगी शास्‍त्रियो और फरीसियो! धिक्‍कार है तुम्‍हें! तुम मनुष्‍यों के लिए स्‍वर्ग-राज्‍य का द्वार बन्‍द कर देते हो; न तो तुम स्‍वयं प्रवेश करते हो और न प्रवेश करने वालों को प्रवेश करने देते हो।


इसके बाद उन्‍हें येशु से और कोई प्रश्‍न पूछने का साहस नहीं हुआ।


मजदूर, जो न चरवाहा है और न भेड़ों का मालिक, भेड़िये को आते देख भेड़ों को छोड़ कर भाग जाता है और भेड़िया उन्‍हें पकड़ता और तितर-बितर कर देता है।


हम जानते हैं कि व्‍यवस्‍था जो कुछ कहती है, वह उन लोगों से कहती है, जो व्‍यवस्‍था के अधीन हैं, जिससे प्रत्‍येक व्यक्‍ति का मुँह बन्‍द हो जाए और परमेश्‍वर के सामने समस्‍त संसार दण्‍ड के योग्‍य माना जाए।


मुझ में विद्यमान मसीह की सच्‍चाई की शपथ! यूनान भर में कोई या कुछ भी मुझे इस गौरव से वंचित नहीं कर सकेगा।


इसके अतिरिक्‍त वे आलसी रहना सीख जाती हैं। घर-घर घूमना उनकी आदत हो जाती है और वे आलसी ही नहीं रहतीं, बल्‍कि बकबक करतीं, दूसरों के काम में दखल देतीं और अशोभनीय बातों की चर्चा करती हैं।


यदि किसी विधवा के अपने पुत्र-पुत्रियाँ अथवा पौत्र-पौत्रियाँ हों, तो वे यह समझें कि उन्‍हें सब से पहले अपने निजी परिवार के प्रति धर्म निभाना और अपने माता-पिता के उपकारों को थोड़ा-बहुत लौटाना चाहिए, क्‍योंकि यह परमेश्‍वर को प्रिय है।


और निरन्‍तर झगड़े उत्‍पन्न होते हैं। यह सब ऐसे लोगों के योग्‍य है, जिनका मन विकृत और सत्‍य से वंचित हो गया है और यह समझते हैं कि भक्‍ति लाभ का एक साधन है।


जो यह कह कर सच्‍चाई से दूर भटक गये हैं कि पुनरुत्‍थान हो चुका है। इस प्रकार वे कुछ लोगों के विश्‍वास में बाधा पहुँचा रहे हैं।


ये लोग घरों में छिपे-छिपे घुस जाते हैं और उन मूर्ख स्‍त्रियों को अपने जाल में फंसाते हैं, जो अपने पापों के भार से दब कर नाना प्रकार की वासनाओं से संचालित हैं,


परमेश्‍वर का भंडारी होने के नाते धर्माध्‍यक्ष को चाहिए कि वह अनिन्‍दनीय हो। वह स्‍वेच्‍छाचारी, क्रोधी, मद्यसेवी, झगड़ालू या लोभी न हो।


वह धर्मसमत्त विश्‍वसनीय वचन पर दृढ़ रहे, जिससे वह हितकारी शिक्षा द्वारा उपदेश दे सके और आपत्ति करनेवालों को निरुत्तर कर सके।


जो व्यक्‍ति अपने भ्रांत विश्‍वास के कारण फूट डालता है, उसे एक-दो बार चेतावनी दो और इसके बाद यह जान कर उस से दूर रहो


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