1 कुरिन्थियों 1:30 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उसी परमेश्वर के वरदान से आप लोग येशु मसीह के अंग बन गये हैं। परमेश्वर ने मसीह को हमारा ज्ञान, धार्मिकता, पवित्रता और पापमुक्ति बना दिया है। पवित्र बाइबल किन्तु तुम यीशू मसीह में उसी के कारण स्थित हो। वही परमेश्वर के वरदान के रूप में हमारी बुद्धि बन गया है। उसी के द्वारा हम निर्दोष ठहराये गये ताकि परमेश्वर को समर्पित हो सकें और हमें पापों से छुटकारे मिल पाये Hindi Holy Bible परन्तु उसी की ओर से तुम मसीह यीशु में हो, जो परमेश्वर की ओर से हमारे लिये ज्ञान ठहरा अर्थात धर्म, और पवित्रता, और छुटकारा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु उसी की ओर से तुम मसीह यीशु में हो, जो परमेश्वर की ओर से हमारे लिये ज्ञान ठहरा, अर्थात् धर्म, और पवित्रता, और छुटकारा; नवीन हिंदी बाइबल परमेश्वर के कारण ही तुम मसीह यीशु में हो, जो हमारे लिए परमेश्वर की ओर से ज्ञान ठहरा, और साथ ही धार्मिकता और पवित्रता और छुटकारा भी, सरल हिन्दी बाइबल परमेश्वर के द्वारा किए गए काम के फलस्वरूप तुम मसीह येशु में हो, जो परमेश्वर की ओर से हमारा ज्ञान, धार्मिकता, पवित्रता तथा छुड़ौती बन गए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु उसी की ओर से तुम मसीह यीशु में हो, जो परमेश्वर की ओर से हमारे लिये ज्ञान ठहरा अर्थात् धार्मिकता, और पवित्रता, और छुटकारा। (इफि. 1:7, रोम. 8:1) |
प्रभु की आत्मा, बुद्धि और समझ की आत्मा, सम्मत्ति और सामर्थ्य की आत्मा, ज्ञान और प्रभु के भय की आत्मा उस पर ठहरी रहेगी।
किन्तु प्रभु ने अपने शाश्वत उद्धार से इस्राएली राष्ट्र को बचा लिया; अब वह अनन्तकाल तक लज्जित और आतंकित नहीं होगा।
तेरे विरुद्ध बनाया गया कोई भी शस्त्र सफल न होगा; जो साक्षी न्यायालय में तेरे विरुद्ध प्रस्तुत होगी, तू उसको निरस्त करने में सफल होगी। यह प्रभु के सेवकों की नियति है, मैं उनको विजय प्रदान करता हूं।’ प्रभु यह कहता है।
उस के समय में यहूदा प्रदेश सुरक्षित रहेगा, और यरूशलेम नगर निश्चिंत निवास करेगा। उसका यह नाम होगा, “प्रभु हमारा धर्म है।”
“तेरी कौम और तेरे पवित्र नगर के लिए वर्षों के सत्तर सप्ताह निश्चित किए गए हैं। इन वर्षों के व्यतीत होने में सब प्रकार के अपराध समाप्त हो जाएँगे, पाप का अन्त हो जाएगा, अधर्म का प्रायश्चित कराया जाएगा, धार्मिकता शाश्वत बना दी जाएगी, दर्शन और नबूवत सत्य प्रमाणित होगी और “परम पवित्र’ को अभ्यंजित किया जाएगा।
क्या मैं उसका मूल्य चुकाकर अधोलोक के हाथ से उसे मुक्त करूं? क्या मैं उसे मृत्यु से छुड़ाऊं? ओ मृत्यु, तेरी महामारियां कहां हैं? ओ अधोलोक, कहां हैं तेरी संहार-शक्ति? मेरी आंखों में दया की भावना नहीं रही।
वह पुत्र को जन्म देंगी और आप उसका नाम येशु रखेंगे, क्योंकि वह अपने लोगों को उनके पापों से मुक्त करेगा।”
“इसलिए परमेश्वर की प्रज्ञ ने यह कहा, ‘मैं उनके पास नबियों और प्रेरितों को भेजूँगी; वे उन में से कितनों की हत्या करेंगे और कितनों पर अत्याचार करेंगे।
क्योंकि मैं तुम्हें ऐसी वाणी और बुद्धि प्रदान करूँगा, जिसका सामना अथवा खण्डन तुम्हारा कोई विरोधी नहीं कर सकेगा।
किसी ने कभी परमेश्वर को नहीं देखा; पर एकलौते पुत्र ने, जो स्वयं परमेश्वर है और जो पिता की गोद में है, उसको प्रकट किया है।
येशु ने कहा, “मार्ग, सत्य और जीवन मैं हूँ। मुझ से हो कर गये बिना कोई पिता के पास नहीं आ सकता।
मैंने उन्हें तेरा नाम बताया है और बताता रहूँगा, जिससे तूने जो प्रेम मुझे दिया, वह प्रेम उनमें बना रहे और मैं भी उन में बना रहूँ।”
क्योंकि तूने जो सन्देश मुझे दिया, वह मैंने उन्हें दे दिया। वे उसे ग्रहण कर सचमुच यह जान गये कि मैं तुझ से आया हूँ और उन्होंने यह विश्वास किया है कि तूने मुझे भेजा।
येशु ने लोगों से फिर कहा, “संसार की ज्योति मैं हूँ। जो मेरा अनुसरण करता है, वह अन्धकार में कभी नहीं चलेगा वरन् वह जीवन की ज्योति प्राप्त करेगा।”
मैं उनकी आँखें खोलने के लिए, उन्हें अन्धकार से ज्योति की ओर उन्मुख करने के लिए, अर्थात् शैतान की शक्ति से विमुख हो परमेश्वर की ओर अभिमुख करने के लिए, तुझे उनके पास भेज रहा हूं, जिससे वे मुझ में विश्वास करने के कारण अपने पापों की क्षमा पाएं और पवित्र किए हुए भक्तों के बीच स्थान प्राप्त कर सकें।’
शुभ समाचार में परमेश्वर की धार्मिकता, जो आदि से अन्त तक विश्वास पर आधारित है, प्रकट हो रही है, जैसा कि धर्मग्रन्थ में लिखा है : “धार्मिक मनुष्य विश्वास के द्वारा जीवन प्राप्त करेगा”
सब कुछ परमेश्वर से, परमेश्वर के द्वारा तथा परमेश्वर के लिए है। उसी की युगयुगों तक महिमा हो! आमेन!
मेरे सम्बन्धियों और बन्दीगृह में मेरे साथियों अन्द्रोनिकुस और बहिन युनियास को नमस्कार। ये प्रेरितों में प्रतिष्ठित हैं और मुझ से पहले मसीह के शिष्य बने थे।
इसी तरह दाऊद उस मनुष्य को धन्य कहते हैं, जिसे परमेश्वर कर्मों के अभाव में भी धार्मिक मानता है :
जिस तरह एक ही मनुष्य के आज्ञाभंग के कारण सब पापी ठहराये गये, उसी तरह एक ही मनुष्य के आज्ञापालन के कारण सब धार्मिक ठहराये जायेंगे।
इस प्रकार पाप, मृत्यु के माध्यम से, राज्य करता रहा; किन्तु हमारे प्रभु येशु मसीह द्वारा अनुग्रह, धार्मिकता के माध्यम से, अपना राज्य स्थापित करेगा और हमें शाश्वत जीवन में ले जायेगा।
और सृष्टि ही नहीं, वरन् हम भी भीतर-ही-भीतर कराहते हैं। हमें तो पवित्र आत्मा मिल चुका है, जो परमेश्वर के कृपादानों का प्रथम फल है। लेकिन हम अपने शरीर की विमुक्ति की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जब हम परमेश्वर की दत्तक संतान होंगे।
यदि परमेश्वर का आत्मा सचमुच आप लोगों में निवास करता है, तो आप शारीरिक स्वभाव के वश में नहीं, बल्कि आत्मा से ही प्रभावित हैं। जिस मनुष्य में मसीह का आत्मा निवास नहीं करता, वह मसीह का नहीं।
आप लोग येशु मसीह द्वारा पवित्र किये गये हैं और उन सब के साथ सन्त बनने के लिए बुलाये गये हैं, जो कहीं भी हमारे प्रभु येशु मसीह-अर्थात अपने तथा हमारे प्रभु-का नाम लेते हैं।
किन्तु परमेश्वर के चुने हुए लोगों के लिए, चाहे वे यहूदी हों या यूनानी, यही मसीह परमेश्वर का सामर्थ्य और परमेश्वर की प्रज्ञ है;
किसी को आत्मा द्वारा प्रज्ञ का संदेश सुनाने का, किसी को उसी आत्मा द्वारा ज्ञान के शब्द बोलने का
क्योंकि हो सकता है कि मसीह में आपके हजार शिक्षक हों, किन्तु आपके अनेक पिता नहीं हैं। मैंने शुभ समाचार द्वारा येशु मसीह में आप लोगों को उत्पन्न किया है।
आप लोगों में से कुछ ऐसे ही थे। किन्तु अब प्रभु येशु मसीह के नाम पर और हमारे परमेश्वर के आत्मा के द्वारा आप धोये गए तथा पवित्र किये गए और धार्मिक ठहराये गये हैं।
मैं मसीह के एक भक्त को जानता हूँ, जो चौदह वर्ष पहले तीसरे स्वर्ग तक ऊपर उठा लिया गया-सदेह अथवा विदेह, यह मैं नहीं जानता, परमेश्वर ही जानता है।
परमेश्वर ने आदेश दिया था कि “अन्धकार में प्रकाश हो जाये।” उसी ने हमारे हृदय को अपनी ज्योति से आलोकित कर दिया है, जिससे हम परमेश्वर का वह तेज जान जायें, जो येशु मसीह के मुखमण्डल पर चमकता है।
मसीह ने हमारे पापों के कारण अपने को अर्पित किया, जिससे वह हमारे पिता परमेश्वर की इच्छानुसार वर्तमान पापमय युग-संसार से हमारा उद्धार करें।
मसीह हमारे लिए शापित हुये और इस तरह उन्होंने हम को व्यवस्था के अभिशाप से मुक्त किया; क्योंकि लिखा है: “जो कोई काठ पर लटकाया जाता है, वह शापित है।”
पवित्र आत्मा हमें विरासत की अग्रिम राशि के रूप में उस उद्देश्य से दिया गया है, कि सम्पूर्णता प्राप्त करने पर हमारा पूर्ण विमोचन हो, जिससे परमेश्वर की महिमा और स्तुति हो।
जो अपने रक्त द्वारा हमें विमोचन, अर्थात् अपराधों की क्षमा दिलाते हैं। यह परमेश्वर की अपार कृपा का परिणाम है,
परमेश्वर ने हमारी रचना की। उसने येशु मसीह में हमारी सृष्टि की, जिससे हम उन शुभ कार्यों को पूर्ण करते रहें, जिन्हें परमेश्वर ने हमारे लिए तैयार किया है।
परमेश्वर ने विमोचन-दिवस के लिए आप लोगों पर पवित्र आत्मा की मुहर लगायी है। आप परमेश्वर के उस पवित्र आत्मा को दु:ख नहीं दें।
और उनके साथ पूर्ण रूप से एक हो जाऊं। मुझे अपनी धार्मिकता का नहीं, जो व्यवस्था के पालन से मिलती है, बल्कि उस धार्मिकता का भरोसा है, जो मसीह में विश्वास करने से मिलती है। उस धार्मिकता का उद्गम परमेश्वर है और उसका आधार विश्वास है।
मसीह का वचन अपनी परिपूर्णता में आप लोगों में निवास करे। आप बड़ी समझदारी से एक-दूसरे को शिक्षा और उपदेश दिया करें। आप कृतज्ञ हृदय से परमेश्वर के आदर में भजन, स्तोत्र और आध्यात्मिक गीत गाया करें।
शान्ति का दाता परमेश्वर आप को पूर्ण रूप से पवित्र करे। आप का सम्पूर्ण व्यक्तित्व आत्मा, प्राण तथा शरीर हमारे प्रभु येशु मसीह के आगमन-दिवस पर निर्दोष पाया जाए।
येशु ने हमारे लिए अपने को बलि चढ़ाया, जिससे वह हमें हर प्रकार की बुराई से मुक्त करें और हमें एक ऐसी प्रजा बनायें, जो शुद्ध हो, जो उनकी अपनी हो और जो भलाई करने के लिए उत्सुक हो।
उन्होंने बकरों तथा बछड़ों का नहीं, बल्कि अपना रक्त ले कर सदा के लिए एक ही बार पवित्र स्थान में प्रवेश किया और इस तरह मनुष्यों के लिए सदा-सर्वदा बना रहने वाला उद्धार प्राप्त किया है।
यदि आप लोगों में से किसी में बुद्धि का अभाव हो, तो वह परमेश्वर से प्रार्थना करे और उसे बुद्धि मिलेगी; क्योंकि परमेश्वर खुले हाथ और खुशी से सब को देता है।
जो पिता परमेश्वर के पूर्व-ज्ञान के अनुसार बुलाये गये हैं और पवित्र आत्मा के द्वारा पवित्र किये गये हैं, जिससे वे येशु मसीह की आज्ञा का पालन करें और उनके रक्त से अभिसिंचित हों। आप लोगों को प्रचुर मात्रा में अनुग्रह और शान्ति प्राप्त हो!
येशु मसीह के सेवक और प्रेरित शिमोन पतरस का यह पत्र उन लोगों के नाम है, जिन्हें हमारे परमेश्वर और मुक्तिदाता येशु मसीह की धार्मिकता द्वारा हमारे ही समान विश्वास का बहुमूल्य वरदान मिला है।
वह येशु मसीह ही हैं जिनका आगमन जल और रक्त द्वारा हुआ-न केवल जल में, बल्कि जल और रक्त में। आत्मा इसके विषय में साक्षी देता है, क्योंकि आत्मा सत्य है।
ये वे लोग हैं जो मूर्तिपूजा के संसर्ग से दूषित नहीं हुए हैं, ये कुँवारे हैं। जहाँ कहीं भी मेमना जाता है, ये उसके साथ चलते हैं। परमेश्वर और मेमने के लिए प्रथम फल के रूप में इन्हें मनुष्यों में से खरीदा गया है।
वे यह कहते हुए एक नया गीत गा रहे थे : “तू पुस्तक ग्रहण कर उसकी मोहरें खोलने योग्य है, क्योंकि तू वध किया गया था। और तूने अपना रक्त बहा कर परमेश्वर के लिए प्रत्येक कुल, भाषा, प्रजाति और राष्ट्र से मनुष्यों को ख़रीद लिया।