किन्तु इत्तय ने राजा को यह उत्तर दिया, ‘जीवन्त प्रभु की सौगन्ध! महाराज, मेरे स्वामी की सौगन्ध! महाराज, आप जिस स्थान में रहेंगे, आपका यह सेवक भी वहाँ रहेगा। वह जीवन में, और मृत्यु में अपने महाराज, स्वामी का साथ देगा।’
1 इतिहास 12:18 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तब आत्मा तीस योद्धाओं के नायक अमासई पर उतरा। अमासई ने कहा, ‘ओ दाऊद, ओ बेन-यिशय! हम तुम्हारे हैं, हम तेरे साथ हैं! तेरे जय, जय! जय तेरे सहायकों की! क्योंकि परमेश्वर तेरा सहायक है।’ तब दाऊद ने उनको अपने पक्ष में स्वीकार किया, और उनको अपने सैन्य दलों का नायक बनाया। पवित्र बाइबल अमासै तीस वीरों का प्रमुख था। अमासै पर आत्मा उतरी। अमासै ने कहा, “दाऊद हम तुम्हारे हैं। यिशै—पुत्र, हम तुम्हारे साथ हैं! शान्ति, शान्ति हो तम्हारे साथ! शान्ति उन लोगों को जो तुम्हारी सहायता करें। क्यों? क्योंकि तुम्हारी परमेश्वर, तुम्हारा सहायता करता है!” तब दाऊद ने इन लोगों का स्वागत किया। उसने अपनी सेना में उन्हें प्रमुख बनाया। Hindi Holy Bible अब आत्मा अमासै में समाया, जो तीसों वीरों में मुख्य था, और उसने कहा, हे दाऊद! हम तेरे हैं; हे यिशै के पुत्र! हम तेरी ओर के हैं, तेरा कुशल ही कुशल हो और तेरे सहायकों का कुशल हो, क्योंकि तेरा परमेश्वर तेरी सहायता किया करता है। इसलिये दाऊद ने उन को रख लिया, और अपने दल के मुखिये ठहरा दिए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब आत्मा अमासै में समाया, जो तीसों वीरों में मुख्य था, और उसने कहा, “हे दाऊद! हम तेरे हैं; हे यिशै के पुत्र! हम तेरी ओर के हैं, तेरा कुशल ही कुशल हो और तेरे सहायकों का कुशल हो, क्योंकि तेरा परमेश्वर तेरी सहायता किया करता है।” इसलिये दाऊद ने उनको रख लिया, और अपने दल के मुखिया ठहरा दिए। सरल हिन्दी बाइबल इसी समय पवित्रात्मा आमासाई पर जो उन तीस पर प्रधान था, उतरे और आमासाई यह कहने लगा, “दावीद, हम आपके हैं! यिशै के पुत्र, हम आपके साथ हैं! शांति, आप पर शांति बनी रहे, शांति आपके सहायकों पर बनी रहे, निःसंदेह, आपके परमेश्वर आपकी सहायता करते हैं.” यह सुन दावीद ने उन्हें स्वीकार कर लिया और उन्हें सैनिकों का प्रधान बना दिया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब आत्मा अमासै में समाया, जो तीसों वीरों में मुख्य था, और उसने कहा, “हे दाऊद! हम तेरे हैं; हे यिशै के पुत्र! हम तेरी ओर के हैं, तेरा कुशल ही कुशल हो और तेरे सहायकों का कुशल हो, क्योंकि तेरा परमेश्वर तेरी सहायता किया करता है।” इसलिए दाऊद ने उनको रख लिया, और अपने दल के मुखिए ठहरा दिए। |
किन्तु इत्तय ने राजा को यह उत्तर दिया, ‘जीवन्त प्रभु की सौगन्ध! महाराज, मेरे स्वामी की सौगन्ध! महाराज, आप जिस स्थान में रहेंगे, आपका यह सेवक भी वहाँ रहेगा। वह जीवन में, और मृत्यु में अपने महाराज, स्वामी का साथ देगा।’
अबशालोम ने योआब के स्थान पर अमासा को सेनापति नियुक्त किया। यह अमासा यिश्माएली वंश के यित्रा नामक व्यक्ति का पुत्र था। इसने अबीगल से विवाह किया था जो नाहश की पुत्री थी। वह योआब की मां सरूयाह की बहिन थी।
तुम अमासा से यह कहना, “क्या तू मेरी ही हड्डी और मांस नहीं है? यदि अब मैं तुझे योआब के स्थान पर सेनापति नहीं नियुक्त करूँ तो परमेश्वर मुझे कठोर से कठोर दण्ड दे।” ’
पहले भी, जब शाऊल हमारे राजा थे, आप ही इस्राएली सेना को युद्ध में ले जाने और वापस लाने में उसका नेतृत्व करते थे। प्रभु ने आप से कहा है, “तू मेरे निज लोग, इस्राएलियों का मेषपाल होगा। तू ही इस्राएली राष्ट्र का अगुआ होगा।” ’
सुलेमान ने इस्राएलियों से गुलामी नहीं कराई। वे सुलेमान की सेना में सैनिक, सेवक, सेना-नायक, सेनापति, सारथी और घुड़सवार सैनिक थे।
येहू ने वहां से प्रस्थान किया। उसको यहोनादब बेन-रेकाब मिला, जो उससे भेंट करने के लिए आ रहा था। येहू ने उसका अभिवादन किया। येहू ने पूछा, ‘जैसा मेरा हृदय तुम्हारे प्रति निष्कपट है, क्या वैसा ही तुम्हारा हृदय मेरे प्रति है?’ यहोनादब ने उत्तर दिया, ‘हां, है।’ येहू ने कहा, ‘यदि तुम्हारा हृदय निष्कपट है, तो मुझे अपना हाथ दो।’ यहोनादब ने अपना हाथ उसके हाथ में दिया। येहू ने उसको अपने साथ रथ पर चढ़ा लिया।
अत: राज-महल के प्रबन्धक, नगर-प्रशासक, धर्मवृद्धों और राजकुमारों के अभिभावकों ने येहू को यह उत्तर भेजा : ‘हम आपके सेवक हैं। हम आपके प्रत्येक आदेश के अनुसार कार्य करेंगे। हम किसी भी व्यक्ति को राजा नहीं बनाएंगे। अब जो कार्य आपकी दृष्टि में उचित है, वह कीजिए।’
येहू ने खिड़की की ओर अपना मुंह उठाया। उसने पूछा, ‘मेरे पक्ष में कौन है? कौन है मेरे पक्ष में?’ दो-तीन खोजों न झांककर उसको देखा।
दाऊद के महायोद्धाओं के सम्बन्ध में विवरण यह है : योशोबआम, यह हकमोनी था। यह तीन महायोद्धाओं का नायक था। इसने एकसाथ तीन सौ शत्रु सैनिकों को अपने भाले से मारा था।
दाऊद उनसे भेंट करने के लिए गढ़ के बाहर निकला। उसने योद्धाओं से यह कहा, ‘यदि तुम लोग मैत्रीभाव से मेरी सहायता करने के लिए आए हो, तो मैं मुक्त हृदय से तुम्हारा स्वागत करता हूँ। मेरे हाथ निष्कलंक हैं। मैंने कोई अपराध नहीं किया। फिर भी यदि तुम मेरे साथ विश्वासघात कर मुझे मेरे बैरियों के हाथ में सौंपने के लिए आए हो तो हमारे पूर्वजों का परमेश्वर इस अन्याय को देखे, और तुम्हें दण्ड दे।’
उसने धार्मिकता का कवच धारण किया, और उद्धार का मुकुट अपने सिर पर रखा। उसने प्रतिशोध के वस्त्र पहिने, और क्रोधाग्नि की चादर ओढ़ ली।
स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है : उन दिनों में पृथ्वी की भिन्न-भिन्न भाषा बोलनेवाली सब कौमों में से दस-दस व्यक्ति एक यहूदी व्यक्ति के वस्त्र का छोर पकड़कर यह कहेंगे, “हम भी आपके साथ चलेंगे, क्योंकि हमने सुना है कि परमेश्वर आपके साथ है।” ’
तब प्रभु का आत्मा उसे सोर्आह नगर और एश्ताओल नगर के मध्य महनेह-दान में उत्प्रेरित करने लगा।
प्रभु का आत्मा उस पर उतरा। उसने इस्राएलियों पर शासन किया। वह मसोपोतामिया के राजा कूशन-रिश्आतइम से युद्ध करने बाहर निकला। प्रभु ने राजा को उसके हाथ में सौंप दिया। कूशन-रिश्आतइम शासक ओतनीएल के अधीन हो गया।
प्रभु का आत्मा गिद्ओन पर उतरा। गिद्ओन ने नरसिंघा फूंका, और अबीएजर गोत्र के पुरुष उसका अनुसरण करने के लिए बुलाए गए।
रूत ने कहा, ‘आप मुझसे विनती मत कीजिए कि मैं आपको छोड़ दूँ, आपके पीछे-पीछे न आऊं और लौट जाऊं। जहाँ-जहाँ आप जाएँगी, वहाँ-वहाँ मैं भी जाऊंगी। जहाँ आप रहेंगी, वहाँ मैं भी रहूँगी। आपके लोग, मेरे लोग होंगे। आपका परमेश्वर मेरा परमेश्वर होगा।
शमूएल ने प्रभु के आदेश के अनुसार कार्य किया। वह बेतलेहम नगर में आया। नगर के धर्मवृद्ध डर से काँपने लगे। वे शमूएल से भेंट करने आए। उन्होंने पूछा, ‘हे द्रष्टा! क्या आप मित्रभाव से आए हैं?’
शमूएल ने उत्तर दिया, ‘हाँ, मित्रभाव से। मैं प्रभु के लिए बलि चढ़ाने आया हूँ। तुम अपने आप को शुद्ध करो, और बलि चढ़ाने के लिए मेरे साथ चलो।’ यों शमूएल ने यिशय और उसके पुत्रों को शुद्ध किया और उन्हें बलि-भोज के लिए निमन्त्रित किया।
उसने आस-पास खड़े हुए अपने सेवकों से कहा, ‘ओ बिन्यामिन कुल के लोगो, मेरी बात सुनो! क्या यिशय का पुत्र तुम सबको खेत और अंगूर के उद्यान देगा? क्या वह तुम सब को हजार-हजार और सौ-सौ सैनिकों के ऊपर अधिकारी नियुक्त करेगा?
प्रभु मेरे और आपके मध्य न्याय करे! प्रभु आप से मेरा प्रतिशोध ले। परन्तु मेरा हाथ आप कर कभी नहीं उठेगा
जैसी प्राचीन काल की यह कहावत है : “दुर्जन व्यक्ति से दुष्टता का जन्म होता है।” मेरा हाथ आप पर कभी नहीं उठेगा।
जब दाऊद शाऊल से ये बातें कह चुका तब शाऊल ने पूछा, ‘मेरे पुत्र, दाऊद, क्या यह तेरी आवाज है?’ शाऊल जोर-जोर से रोने लगा।
वह अपने लिए हजार-हजार, और पचास-पचास सैनिकों पर उन्हें सेनानायक नियुक्त करेगा। वह तुम्हारे पुत्रों से अपने खेत जुतवाएगा। वे उसकी फसल काटेंगे। वह उनसे अपने लिए युद्ध के हथियार और अपने रथों का सामान बनवाएगा।