उन पत्रों पर राजा के ये आदेश लिखे थे: यहूदियों को हर नगर में आपस में एक जुट होकर अपनी रक्षा करने का अधिकार है। उन्हें अधिकार है कि वे किसी भी प्रांत और समूह के लोगों की ऐसी किसी भी सेना को छिन्न—भिन्न कर दें, मार डालें अथवा पूरी तरह नष्ट कर दें जो उन पर, उनकी स्त्रियों पर, और उनके बच्चों पर आक्रमण कर रही हो। यहूदियों को अधिकार है कि वे अपने शत्रुओं की सम्पत्ति को ले लें और उसे नष्ट कर डालें।
उस व्यक्ति को वैसा ही होने दो जैसे वे नगर जिन्हें यहोवा ने नष्ट किया। यहोवा ने उन नगरों पर कुछ भी दया नहीं की। उस व्यक्ति को सवेरे युद्ध का उद्घोष सुनने दो, और दोपहर को युद्ध की चीख सुनने दो।