दो आदमी शाऊल के पुत्र (ईशबोशेत) को देखने गये। ये दोनों आदमी सेना के सेनापति थे। एक व्यक्ति का नाम बाना था और दूसरे का नाम रेकाब था। बाना और रेकाब बेरोत के रिम्मोन के पुत्र थे। (वे बिन्यामीन परिवार समूह के थे। बेरोत नगर बिन्यामीन परिवार समूह का था।
यहोशू 18:26 - पवित्र बाइबल मिस्पा, कपीरा, मोसा, Hindi Holy Bible मिस्पे, कपीरा, मोसा, पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मिस्पेह, कपीराह, मोसाह, पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मिस्पे, कपीरा, मोसा, सरल हिन्दी बाइबल मित्सपेह, कफीराह, मोत्साह, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मिस्पे, कपीरा, मोसा, |
दो आदमी शाऊल के पुत्र (ईशबोशेत) को देखने गये। ये दोनों आदमी सेना के सेनापति थे। एक व्यक्ति का नाम बाना था और दूसरे का नाम रेकाब था। बाना और रेकाब बेरोत के रिम्मोन के पुत्र थे। (वे बिन्यामीन परिवार समूह के थे। बेरोत नगर बिन्यामीन परिवार समूह का था।
तब राजा आसा ने यहूदा के सभी लोगों को आदेश दिया कि हर एक व्यक्ति को सहायता देनी होगी। वे रामा को गए और उन्होंने उन पत्थरों और लकड़ियों को उठा लिया जिनका उपयोग बाशा नगर को दृढ़ बनाने के लिये कर रहा था। वे उन चीजों को बिन्यामीन प्रदेश में गेबा और मिस्पा को ले गए। तब आसा ने उन दोनों नगरों को बहुत अधिक दृढ़ बनाया।
जब सेना के सभी सेनापतियों और आदमियों ने सुना की बाबेल के राजा ने गदल्याह को शासक बनाया है तो वे गदल्याह के पास मिस्पा में आए। ये सेना के सेनापति नतन्याह का पुत्र इश्माएल, कारेहू का पुत्र योहानान, नतोपाई तन्हू मेत का पुत्र सरायाह तथा माकाई का पुत्र याजन्याह थे।
इस प्रकार यिर्मयाह अहीकाम के पुत्र गदल्याह के पास मिस्पा गया। यिर्मयाह गदल्याह के साथ उन लोगों के बीच रहा जो यहूदा देश में छोड़ दिये गए थे।
याबीन ने पूर्व और पश्चिम के कनानी लोगों के राजाओं के पास सन्देश भेजा। उसने पहाड़ी प्रदेशों में रहने वाले एमोरी, हित्तियों, परिज्जियों और यबूसियों के पास सन्देश भेजा। उसने मिस्पा क्षेत्र के हेर्मोन पहाड़ के नीचे रहने वाले हिव्वी लोगों को भी सन्देश भेजा।
इसलिए इस्राएल के लोगो वहाँ गये, जहाँ वे लोग रहते थे। तीसरे दिन, इस्राएल के लोग गिबोन, कपीरा, बेरोत और किर्यत्यारीम नगरों को आए।
अम्मोनी लोग युद्ध करने के लिये एक साथ इकट्ठे हुए, उनका डेरा गिलाद क्षेत्र में था। इस्राएल के लोग एक साथ इकट्ठे हुए, उनका डेरा मिस्पा नगर में था।
यिप्तह मिस्पा को लौटा और अपने घर गया। उसकी पुत्री उससे घर से बाहर मिलने आई। वह एक तम्बूरा बजा रही थी और नाच रही थी। वह उसकी एकलौती पुत्री थी। यिप्तह उस बहुत प्यार करता था। यिप्तह के पास कोई अन्य पुत्री या पुत्र नहीं थे।
इस प्रकार इस्राएल के सभी लोग एक हो गए। वे मिस्पा नगर में यहोवा के सामने खड़े होने के लिए एक साथ आए। वे पूरे इस्राएल देश से आए। गिलाद प्रदेश के सभी इस्राएली लोग भी वहाँ थे।
शमूएल एक स्थान से दूसरे स्थान तक इस्राएल के लोगों का न्याय करता हुआ गया। हर वर्ष उसने देश के चारों ओर यात्रा की। वह गिलगाल, बेतेल और मिस्पा को गया। अत: उसने इन सभी स्थानों पर इस्राएली लोगों का न्याय और उन पर शासन किया।
शमूएल ने कहा, “सभी इस्राएली मिस्पा में इकट्ठे हों। मैं तुम्हारे लिये यहोवा से प्रार्थना करूँगा।”
इस्राएली मिस्पा में एक साथ इकट्ठे हुए। वे जल लाये और यहोवा के सामने वह जल चढ़ाया। इस प्रकार उन्होंने उपवास का समय आरम्भ किया। उन्होने उस दिन भोजन नहीं किया और उन्होंने अपने पापों को स्वीकार किया। उन्होंने कहा, “हम लोगों ने यहोवा के विरूद्ध पाप किया है।” इस प्रकार शमूएल ने मिस्पा में इस्राएल के न्यायाधीश के रूप में काम किया।