मनुष्य का जीवन एक फूल के समान है जो शीघ्र उगता है और फिर समाप्त हो जाता है। मनुष्य का जीवन है जैसे कोई छाया जो थोड़ी देर टिकती है और बनी नहीं रहती।
यशायाह 40:7 - पवित्र बाइबल एक शक्तिशाली आँधी यहोवा की ओर से उस घास पर चलती है, और घास सूख जाती है, जंगली फूल नष्ट हो जाता है। हाँ सभी लोग घास के समान हैं। Hindi Holy Bible जब यहोवा की सांस उस पर चलती है, तब घास सूख जाती है, और फूल मुर्झा जाता है; नि:सन्देह प्रजा घास है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब प्रभु का श्वास घास पर पड़ता है तब वह सूख जाती है, फूल मुरझा जाते हैं। निस्सन्देह ये लोग घास ही हैं! पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब यहोवा की साँस उस पर चलती है, तब घास सूख जाती है, और फूल मुर्झा जाता है; नि:सन्देह प्रजा घास है। सरल हिन्दी बाइबल घास मुरझा जाती है तथा फूल सूख जाता है, जब याहवेह की श्वास चलती है. तब घास सूख जाती है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब यहोवा की साँस उस पर चलती है, तब घास सूख जाती है, और फूल मुर्झा जाता है; निःसन्देह प्रजा घास है। (याकू. 1:10,11) |
मनुष्य का जीवन एक फूल के समान है जो शीघ्र उगता है और फिर समाप्त हो जाता है। मनुष्य का जीवन है जैसे कोई छाया जो थोड़ी देर टिकती है और बनी नहीं रहती।
मेरी शक्ति क्षीण हो चुकी है। मैं वैसा ही हूँ जैसा सूखी मुरझाती घास। अपनी वेदनाओं में मुझे भूख नहीं लगती।
परमेश्वर जानता है कि हम एक तुच्छ बनफूल से हैं। वह फूल जल्दी ही उगता है। फिर गर्म हवा चलती है और वह फूल मुरझाता है। औप फिर शीघ्र ही तुम देख नहीं पातेकि वह फूल कैसे स्थान पर उग रहा था।
तू हमारा जीवन सपने जैसा बुहार देता है और सुबह होते ही हम चले जाते है। हम ऐसे घास जैसे है,
वह गरीब लोगों का न्याय ईमानदारी और सच्चाई के साथ करेगा। धरती के दीन जनों के लिये जो कुछ करने का निर्णय वह लेगा, उसमें वह पक्षपात रहित होगा। यदि वह यह निर्णय करता है कि लोगों पर मार पड़े तो वह आदेश देगा और उन लोगों पर मार पड़ेगी। यदि वह निर्णय करता है कि उन लोगों की मृत्यु होनी चाहिये तो वह आदेश देगा और उन दुष्टों को मौत के घाट उतार दिया जाएगा। नेकी और सच्चाई इस पुत्र को शक्ति प्रदान करेंगी। उसके लिए नेकी और सच्चाई एक ऐसे कमर बंद के समान होंगे जिसे वह अपनी कमर के चारों ओर लपेटता है।
उन नगरों के निवासी कमजोर थे। वे लोग भयभीत और लज्जित थे। वे खेत के पौधे के जैसे थे, वे नई घास के जैसे थे। वे उस घास के समान थे जो मकानों की छतों पर उगा करती है। वह घास लम्बी होने से पहले ही रेगिस्तान की गर्म हवा से झुलसा दी जाती है।
वे शासक ऐसे हैं जेसे वे पौधे जिन्हें धरती में रोपा गया हो, किन्तु इससे पहले की वे अपनी जड़े धरती में जमा पाये, परमेश्वर उन को बहा देता है और वे सूख कर मर जाते हैं। आँधी उन्हें तिनके सा उड़ा कर ले जाती है।
यहोवा कहता है, “मैं वही हूँ जो तुमको चैन दिया करता है। इसलिए तुमको दूसरे लोगों से क्यों डरना चाहिए वे तो बस मनुष्य है जो जिया करते हैं और मर जाते हैं। वे बस मानवमात्र हैं। वे वैसे मर जाते हैं जैसे घास मर जाती है।”
सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है, “तुम बहुत अधिक पाने की चाह में रहते हो, किन्तु तुम्हें नहीं के बराबर मिलता हैं। तुम जो कुछ भी घर पर लाते हो, मैं इसे उड़ा ले जाता हूँ! क्यों क्योंकि मेरा मंदिर खंडहर पड़ा है। किन्तु तुम लोगों में हर एक को अपने अपने घरों की पड़ी है।
और धनी भाई को गर्व करना चाहिए कि परमेश्वर ने उसे नम्रता दी है। क्योंकि उसे तो घास पर खिलने वाले फूल के समान झड़ जाना है।
सूरज कड़कड़ाती धूप लिए उगता है और पौधों को सुखा डालता है। उनकी फूल पत्तियाँ झड़ जाती हैं और सुन्दरता समाप्त हो जाती है। इसी प्रकार धनी व्यक्ति भी अपनी भाग दौड़ के साथ समाप्त हो जाता है।