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दानिय्येल 1:17 - पवित्र बाइबल

परमेश्वर ने दानिय्येल, हनन्याह, मीशाएल और अजर्याह को बुद्धि प्रदान की और उन्हें अलग—अलग तरह की लिपियों और विज्ञानों को सीखने की योग्यता दी। दानिय्येल तो हर प्रकार के दिव्य दर्शनों और स्वपनों को भी समझ सकता था।

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Hindi Holy Bible

और परमेश्वर ने उन चारों जवानों को सब शास्त्रों, और सब प्रकार की विद्याओं में बुद्धिमानी और प्रवीणता दी; और दानिय्येल सब प्रकार के दर्शन और स्वपन के अर्थ का ज्ञानी हो गया।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

परमेश्‍वर ने इन चार इस्राएली जवानों को सब प्रकार के शास्‍त्रों और सब प्रकार की विद्याओं को समझने के लिए बुद्धि और प्रवीणता प्रदान की। दानिएल प्रत्‍येक प्रकार के दिव्‍य-दर्शन और स्‍वप्‍न का अर्थ समझने लगा। उसमें यह समझ आ गई।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

परमेश्‍वर ने उन चारों जवानों को सब शास्त्रों और सब प्रकार की विद्याओं में बुद्धिमानी और प्रवीणता दी; और दानिय्येल सब प्रकार के दर्शन और स्वप्न के अर्थ का ज्ञानी हो गया।

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सरल हिन्दी बाइबल

इन चारों जवानों को परमेश्वर ने सब प्रकार के साहित्य और विद्या का ज्ञान और समझ दी. और दानिएल सब प्रकार के दर्शनों तथा स्वप्नों को भी समझ लेता था.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

और परमेश्वर ने उन चारों जवानों को सब शास्त्रों, और सब प्रकार की विद्याओं में बुद्धिमानी और प्रवीणता दी; और दानिय्येल सब प्रकार के दर्शन और स्वप्न के अर्थ का ज्ञानी हो गया। (याकू. 1:5,17)

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दानिय्येल 1:17
36 क्रॉस रेफरेंस  

इसलिये मैं तुम्हें वही दूँगा जो तुमने माँगा। मैं तुम्हें बुद्धिमान और विवेकी बनाऊँगा। मैं तुम्हारी बुद्धि को इतना महान बनाऊँगा कि बीते समय में कभी तुम्हारे जैसा कोई व्यक्ति नहीं हुआ है और भविष्य में तुम्हारे जैसा कभी कोई नहीं होगा।


इस्राएल के लोगों ने राजा सुलैमान के निर्णय को सुना। उन्होंने उसका बहुत आदर और सम्मान किया क्योंकि वह बुद्धिमान था। उन्होंने देखा कि ठीक न्याय करने में उसके पास परमेश्वर की बुद्धि थी।


अब तू मुझे बुद्धि और ज्ञान दे। तब मैं इन लोगों को सही राह पर ले चल सकूँगा। कोई भी तेरी सहायता के बिना इन पर शासन नहीं कर सकता!”


इसलिये मैं तुम्हें बुद्धि और ज्ञान दूँगा। मैं तुम्हें धन, वैभव और सम्मान भी दूँगा। तुम्हारे पहले होने वाले राजाओं के पास इतना धन और इतना सम्मान कभी नहीं था और तुम्हारे बाद होने वाले राजाओं के पास भी इतना धन और सम्मान नहीं होगा।”


उज्जिय्याह ने परमेश्वर का अनुसरण जकर्याह के जीवन—काल में किया। जकर्याह ने उज्जिय्याह को शिक्षा दी कि परमेश्वर का सम्मान और उसकी आज्ञा का पालन कैसे किया जाता है। जब उज्जिय्याह यहोवा की आज्ञा का पालन कर रहा था तब परमेश्वर ने उसे सफलता दिलाई।


किन्तु व्यक्ति में परमेश्वर की आत्मा बुद्धि देती है और सर्वशक्तिशाली परमेश्वर का प्राण व्यक्ति को ज्ञान देता है।


क्योंकि यहोवा ही बुद्धि देता है और उसके मुख से ही ज्ञान और समझदारी की बातें फूटती है।


यदि कोई व्यक्ति परमेश्वर को प्रसन्न करता है तो परमेश्वर उसे बुद्धि, ज्ञान और आनन्द प्रदान करता है। किन्तु वह व्यक्ति जो उसे अप्रसन्न करता है, वह तो बस वस्तुओं के संचय और उन्हें ढोने का ही काम करता रहेगा। परमेश्वर बुरे व्यक्तियों से लेकर अच्छे व्यक्तियों को देता रहता है। इस प्रकार यह समग्र कर्म व्यर्थ है। यह वैसा ही है जैसे वायु को पकड़ने का प्रयत्न करना।


उसका परमेश्वर उसको शिक्षा देता है और अच्छे प्रकार से उसे निर्देश देता है।


तुम सोचते हो तुम दानिय्येल से बुद्धिमान हो! तुम समझते हो कि तुम सारे रहस्यों को जान लोगे!


राजा चाहता था कि उन सभी युवकों को तीन वर्ष तक प्रशिक्षण दिया जाये। प्रशिक्षण का समय पूरा होने पर अशपनज उन सभी युवकों को राजा नबूकदनेस्सर के पास ले गया राजा ने उनसे बातें की।


राजा हर बार उनसे किसी महत्वपूर्ण बात के बारे में पूछता और वे अपने प्रचुर ज्ञान और समझ बूझ का परिचय देते। राजा ने देखा कि वे चारों उसके राज्य के सभी जादूगरों और बुद्धिमान लोगों से दस गुणा अधिक उत्तम हैं।


नबूकदनेस्सर को केवल हट्टे—कट्टे यहूदी जवान ही चाहिये थे। राजा को बस ऐसे युवक ही चाहिये थे जिनके शरीर पर कोई खरोंच तक न लगी हो और उनका शरीर किसी भी तरह के दोष से रहित हो। राजा सुन्दर, चुस्त और बुद्धिमान नौजवान ही चाहता था। राजा को ऐसे युवक चाहिये थे जो बातों को शीघ्रता से और सरलता से सीखने में समर्थ हों। राजा को ऐसे युवको की आवश्यकता थी जो उसके महल में सेवा कार्य कर सकें। राजा ने अशपनज को आदेश दिया कि उन इस्राएली युवकों को कसदियों की भाषा और लिपि की शिक्षा दी जाये।


कुस्रू फारस का राजा था। कस्रू के शासन काल के तीसरे वर्ष दानिय्येल को इन बातों का पता चला। (दानिय्येल का ही दूसरा नाम बेलतशस्सर था) ये संकेत सच थे और ये एक बड़े युद्ध के बारे में थे। दानिय्येल उन्हें समझ गया। वे बातें एक दर्शन में उसे समझाई गई थीं।


रात के समय परमेश्वर ने एक दर्शनमें दानिय्येल को वह रहस्य समझा दिया। इस पर स्वर्ग के परमेश्वर की स्तुति करते हुए


वह ही समय को बदलता है वह ही वर्ष के ऋतओं को बदलता है। वह ही राजाओं को बदलता है। वही राजाओं को शक्ति देता है और वही छीन लेता है। वही बुद्धि देता है और लोग बुद्धिमान बन जाते हैं। वही लोगों को ज्ञान देता है और लोग ज्ञानी बन जाते हैं।


हे मेरे पूर्वजों के परमेश्वर, मैं तुझको धन्यवाद देता हूँ और तेरे गुण गाता हूँ। तूने ही मझको ज्ञान और शक्ति दी। जो बातें हमने पूछीं थी उनके बारे में तूने हमें बताया! तूने हमें राजा के सपने के बारे में बताया।”


परमेश्वर ने वह रहस्य मुझे भी बता दिया है। ऐसा इसलिये नही हुआ कि मेरे पास दूसरे लोगों से कोई अधिक बुद्धि है। बल्कि मुझे परमेश्वर ने इस भेद को इसलिए बताया है कि राजा को उसके सपने का फल पता चल जाये और इस तरह हे राजन, तुम्हारे मन में जो बातें आ रही थीं, उन्हें तुम समझ जाओ।


सो मैंने यह आज्ञा दी कि बाबुल के सभी बुद्धिमान लोगों को मेरे पास लाया जाये ताकि वे मुझे मेरे स्वप्न का फल बतायें।


मैंने सुना है, कि ईश्वरों की आत्मा का तुझमें निवास है और मैंने यह भी सुना है कि तू रहस्यों को समझता है, तू बहुत चुस्त और बुद्धिमान है।


बेलशस्सर के बाबुल पर शासन काल के पहले वर्ष दानिय्येल को एक सपना आया सपने में अपने पलंग पर लेटे हुए दानिय्येल ने, ये दर्शन देखे। दानिय्येल ने जो सपना देखा था, उसे लिख लिया।


बेलशस्सर के शासन काल के तीसरे साल मैंने यह दर्शन देखा। यह उस दर्शन के बाद का दर्शन है।


यहोवा ने कहा, “मेरी बात सुनो जब मैं तुम लोगों में नबी भेजूँगा, तब मैं अर्थात् यहोवा अपने आपको उसके दर्शन में दिखाऊँगा और मैं उससे उसके सपने में बात करूँगा।


क्योंकि मैं तुम्हें ऐसी बुद्धि और ऐसे शब्द दूँगा कि तुम्हारा कोई भी विरोधी तुम्हारा सामना और तुम्हारा खण्डन नहीं कर सकेगा।


किन्तु वह जिस बुद्धिमानी और आत्मा से बोलता था, वे उसके सामने नहीं ठहर सके।


और उसने उसे सभी विपत्तियों से बचाया। परमेश्वर ने यूसुफ़ को विवेक दिया और उसे इस योग्य बनाया जिससे वह मिसर के राजा फिरौन का अनुग्रह पात्र बन सका। फिरौन ने उसे मिसर का राज्यपाल और अपने घर-बार का अधिकारी नियुक्त किया।


मूसा को मिसरियों के सम्पूर्ण कला-कौशल की शिक्षा दी गयी। वह वाणी और कर्म दोनों में ही समर्थ था।


इसलिए जिस दिन से हमने इसके बारे में सुना है, हमने भी तुम्हारे लिये प्रार्थना करना और यह विनती करना नहीं छोड़ा है: प्रभु का ज्ञान सब प्रकार की समझ-बूझ जो आत्मा देता, तुम्हे प्राप्त हो। और तुम बुद्धि भी प्राप्त करो,


प्रत्येक उत्तम दान और परिपूर्ण उपहार ऊपर से ही मिलते हैं। और वे उस परम पिता के द्वारा जिसने स्वर्गीय प्रकाश को जन्म दिया है, नीचे लाए जाते हैं। वह नक्षत्रों की गतिविधि से उप्तन्न छाया से कभी बदलता नहीं है।


सो यदि तुममें से किसी में विवेक की कमी है तो वह उसे परमेश्वर से माँग सकता है। वह सभी को प्रसन्नता पूर्वक उदारता के साथ देता है।