इसलिए एसाव ने याकूब से कहा, “मैं भूख से कमज़ोर हो रहा हूँ। तुम उस लाल दाल में से कुछ मुझे दो।” (यही कारण है कि लोग उसे एदोम कहते हैं।)
उत्पत्ति 25:31 - पवित्र बाइबल किन्तु याकूब ने कहा, “तुम्हें पहलौठा होने का अधिकार मुझको आज बेचना होगा।” Hindi Holy Bible याकूब ने कहा, अपना पहिलौठे का अधिकार आज मेरे हाथ बेच दे। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) याकूब बोला, ‘पहले मुझे अपना ज्येष्ठ पुत्र होने का अधिकार बेच दो।’ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) याक़ूब ने कहा, “अपना पहिलौठे का अधिकार आज मेरे हाथ बेच दे।” नवीन हिंदी बाइबल याकूब ने कहा, “पहले मुझे अपने पहलौठे होने का अधिकार बेच दे।” सरल हिन्दी बाइबल किंतु याकोब ने उससे कहा, “पहले आप अपने पहलौठे का अधिकार मुझे दे दो.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 याकूब ने कहा, “अपना पहलौठे का अधिकार आज मेरे हाथ बेच दे।” |
इसलिए एसाव ने याकूब से कहा, “मैं भूख से कमज़ोर हो रहा हूँ। तुम उस लाल दाल में से कुछ मुझे दो।” (यही कारण है कि लोग उसे एदोम कहते हैं।)
एसाव ने कहा, “मैं भूख से मरा जा रहा हूँ। यदि मैं मर जाता हूँ तो मेरे पिता का सारा धन भी मेरी सहायता नहीं कर पाएगा। इसलिए तुमको मैं अपना हिस्सा दूँगा।”
एसाव ने कहा, “उसका नाम ही याकूब (चालबाज़) है। यह नाम उसके लिए ठीक ही है। उसका यह नाम बिल्कुल सही रखा गया है वह सचमुच में चालबाज़ है। उसने मुझे दो बार धोखा दिया। वह पहलौठा होने के मेरे अधिकार को ले ही चुका था और अब उसने मेरे हिस्से के आशीर्वाद को भी ले लिया। क्या आपने मेरे लिए कोई आशीर्वाद बचा रखा है?”
तब व्यक्ति ने कहा, “तुम्हारा नाम याकूब नहीं रहेगा। अब तुम्हारा नाम इस्राएल होगा। मैं तुम्हें यह नाम इसलिए देता हूँ कि तुमने परमेश्वर के साथ और मनुष्यों के साथ युद्ध किया है और तुम हराए नहीं जा सके हो।”
रूबेन इस्राएल का प्रथम पुत्र था। रुबेन को सबसे बड़े पुत्र होने की विशेष सुविधायें प्राप्त होनी चाहिए थीं। किन्तु रूबेन ने अपने पिता की पत्नी के साथ शारिरिक सम्बन्ध किया। इसलिये वे सुविधाएं यूसुफ के पुत्रों को मिलीं। परिवार के इतिहास में रूबेन का नाम प्रथम पुत्र के रूप में लिखित नहीं है। यहूदा अपने भाईयों से अधिक बलवान हो गया, अतः उसके परिवार से प्रमुख आए। किन्तु यूसुफ के परिवार ने वे अन्य सुविधायें पाईं, जो सबसे बड़े पुत्र को मिलती थी। रूबेन के पुत्र हनोक, पल्लू, हेस्रोन और कर्मी थे।
जब वह अपनी सम्पत्ति अपने बच्चों में बाँटेगा तो अधिक प्रिय पत्नी के बच्चे को वह विशेष वस्तु नहीं दे सकता जो पहलौठे बच्चे की होती है।
उस व्यक्ति को तिरस्कृत पत्नी के बच्चे को ही पहलौठा बच्चा स्वीकार करना चाहिए। उस व्यक्ति को अपनी चीजों के दो भाग पहलौठा पुत्र को देना चाहिए। क्यों? क्योंकि वह पहलौठा बच्चा है।
देखो कि कोई भी व्यभिचार न करे अथवा उस एसाव के समान परमेश्वर विहीन न हो जाये जिसे सबसे बड़ा पुत्र होने के नाते उत्तराधिकार पाने का अधिकार था किन्तु जिसने उसे बस एक निवाला भर खाना के लिए बेच दिया।