तब इब्राहीम के कहने का मतलब परमेश्वर से पूछा, “क्या इश्माएल जीवित रहे और तेरी सेवा करे?”
उत्पत्ति 17:17 - पवित्र बाइबल इब्राहीम ने अपना सिर परमेश्वर को भक्ति दिखाने के लिए जमीन तक झुकाया। लेकिन वह हँसा और अपने से बोला, “मैं सौ वर्ष का बूढ़ा हूँ। मैं पुत्र पैदा नहीं कर सकता और सारा नब्बे वर्ष की बुढ़िया है। वह बच्चों को जन्म नहीं दे सकती।” Hindi Holy Bible तब इब्राहीम मुंह के बल गिर पड़ा और हंसा, और अपने मन ही मन कहने लगा, क्या सौ वर्ष के पुरूष के भी सन्तान होगा और क्या सारा जो नब्बे वर्ष की है पुत्र जनेगी? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अब्राहम ने मुँह के बल गिर कर प्रणाम किया। पर वह हंस पड़े। उन्होंने अपने हृदय में कहा, ‘क्या सौ वर्ष के बूढ़े को भी सन्तान हो सकती है? क्या नब्बे वर्ष की सारा गर्भवती होगी?’ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब अब्राहम मुँह के बल गिर पड़ा और हँसा, और मन ही मन कहने लगा, “क्या सौ वर्ष के पुरुष के भी सन्तान होगी और क्या सारा जो नब्बे वर्ष की है पुत्र जनेगी?” नवीन हिंदी बाइबल तब अब्राहम मुँह के बल गिरा और मन ही मन यह सोचकर हँसा, “क्या सौ वर्ष का पुरुष भी संतान उत्पन्न कर सकता है? और क्या नब्बे वर्ष की सारा संतान को जन्म दे सकती है?” सरल हिन्दी बाइबल यह सुनकर अब्राहाम ने झुककर प्रणाम किया; वह हंसने लगा और मन में कहने लगा, “क्या सौ साल के व्यक्ति से बेटा पैदा हो सकता है? साराह, जो नब्बे साल की है, क्या वह बेटा जन्म दे सकती है?” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब अब्राहम मुँह के बल गिर पड़ा और हँसा, और मन ही मन कहने लगा, “क्या सौ वर्ष के पुरुष के भी सन्तान होगी और क्या सारा जो नब्बे वर्ष की है पुत्र जनेगी?” |
तब इब्राहीम के कहने का मतलब परमेश्वर से पूछा, “क्या इश्माएल जीवित रहे और तेरी सेवा करे?”
सारा मन ही मन मुस्कुरायी। उसे अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ। उसने अपने आप से कहा, “मैं और मेरे पति दोनों ही बूढे हैं। मैं बच्चा जनने के लिए काफी बूढ़ी हूँ।”
और सारा ने कहा, “परमेश्वर ने मुझे सुखी बना दिया है। हर एक व्यक्ति जो इस बारे में सुनेगा वह मुझसे खुश होगा।
कोई भी यह नहीं सोचता था कि सारा इब्राहीम को उसके बुढ़ापे के लिए उसे एक पुत्र देगी। लेकिन मैंने बूढ़े इब्राहीम को एक पुत्र दिया है।”
दाऊद ने नजर उठाई और यहोवा के दूत को आकाश में देखा। स्वर्गदूत ने यरूशलेम पर अपनी तलवार खींच रखी थी। तब दाऊद और अग्रजों (प्रमुखों) ने अपने सिर को धरती पर टेक कर प्रणाम किया। दाऊद और अग्रज (प्रमुख) अपने दुःख को प्रकट करने के लिये विशेष वस्त्र पहने थे।
अय्यूब ने जब यह सुना तो उसने अपने कपड़े फाड़ डाले और यह दर्शाने के लिये कि वह दु:खी और व्याकुल है, उसने अपना सिर मुँड़ा लिया। अय्यूब ने तब धरती पर गिरकर परमेश्वर को दण्डवत किया।
उसके चारों ओर चमकता प्रकाश बादलों में मेघ धनुष सा था। यह यहोवा की महिमा सा दिख रहा था। जैसे ही मैने वह देखा, मैं धरती पर गिर गया। मैंने धरती पर अपना माथा टेका। तब मैंने एक आवाज सम्बोधित करते हुए सुनी।
सो जिब्राएल जो किसी मनुष्य के समान दिख रहा था, जहाँ मै खड़ा था, वहाँ आ गया। वह जब मेरे पास आया तो मैं बहुत डर गया। मैं धरती पर गिर पड़ा। किन्तु जिब्राएल ने मुझसे कहा, “अरे मनुष्य, समझ ले कि यह दर्शन अंत समय के लिये है।”
यहोवा से अग्नि प्रकट हुई और उसने वेदी पर होमबलि और चर्बी को जलाया। सभी लोगों ने जब यह देखा तो वे चिल्लाए और उन्होंने धरती पर गिरकर प्रणाम किया।
किन्तु मूसा और हारून भूमि पर गिर पड़े और चिल्लाए, “हे परमेश्वर, तू जानता है कि लोग क्या सोच रहे हैं। कृपा करके इस पूरे समूह पर क्रोधित न हो। एक ही व्यक्ति ने सचमुच पाप किया है।”
“उन लोगों से दूर हट जाओ जिससे मैं उन्हें अब नष्ट कर दूँ।” मूसा और हारुन धरती पर गिर पड़े।
वे घर के भीतर गये और उन्होंने उसकी माता मरियम के साथ बालक के दर्शन किये। उन्होंने साष्टांग प्रणाम करके उसकी उपासना की। फिर उन्होंने बहुमूल्य वस्तुओं की अपनी पिटारी खोली और सोना, लोबान और गन्धरस के उपहार उसे अर्पित किये।
तब जकरयाह ने प्रभु के दूत से कहा, “मैं यह कैसे जानूँ कि यह सच है? क्योंकि मैं एक बूढ़ा आदमी हूँ और मेरी पत्नी भी बूढ़ी हो गई है।”
तुम्हारा पूर्वज इब्राहीम मेरे दिन को देखने की आशा से आनन्द से भर गया था। उसने देखा और प्रसन्न हुआ।”
तब मैं यहोवा के सामने झुका और अपने चेहरे को जमीन पर करके चालीस दिन और चालीस रात वैसे ही रहा। मैंने न रोटी खाई, न पानी पिया। मैंने यह इसलिए किया कि तुमने इतना बुरा पाप किया था। तुमने वह किया जो यहोवा के लिए बुरा है और तुमने उसे क्रोधित किया।
“इसलिए मैं चालीस दिन और चालीस रात यहोवा के सामने झुका रहा। क्यों? क्योंकि यहोवा ने कहा कि वह तुम्हें नष्ट करेगा।
उस व्यक्ति ने उत्तर दिया, “मैं शत्रु नहीं हूँ। मैं यहोवा की सेना का एक सेनापति हूँ। मैं अभी—अभी तुम्हारे पास आया हूँ।” तब यहोशू ने अपना सिर भूमि तक झुकाया। यह उसने सम्मान प्रकट करने के लिए किया। उसने पूछा, “क्या मेरे स्वामी का मुझ दास के लिए कोई आदेश है?”
जब यहोशू ने इसके बारे में सुना तो उसने अपने वस्त्र फाड़ डाले। वह पवित्र सन्दूक के सामने जमीन पर लेट गया। यहोशू वहाँ शाम तक पड़ा रहा। इस्राएल के नेताओं ने भी यही किया। उन्होंने अपने सिरों पर धूलि डाली।
और तभी परमेश्वर के सामने अपने-अपने सिंहासनों पर विराजमान चौबीसों प्राचीनों ने दण्डवत प्रणाम करके परमेश्वर की उपासना की।
जब उसने वह लपेटा हुआ पुस्तक ले लिया तो उन चारों प्राणियों तथा चौबीसों प्राचीनों ने उस मेमने को दण्डवत प्रणाम किया। उनमें से हरेक के पास वीणा थी तथा वे सुगन्धित सामग्री से भरे सोने के धूपदान थामे थे; जो संत जनों की प्रार्थनाएँ हैं।
मानोह और उसकी पत्नी उसे ध्यान से देख रहे थे, जो हो रहा था। जैसे ही लपटें वेदी से आकाश तक उठीं, वैसे ही यहोवा का दूत अग्नि में आकाश को चला गया। जब मानोह और उसकी पत्नी ने यह देखा तो वे धरती पर गिर गए। उन्होंने अपने सिर को धरती से लगाया।